हल्द्वानी: ओवररेटिंग का अगला छापा भी सिटी मजिस्ट्रेट ही मारेंगे या आबकारी निरीक्षक से भी उम्मीद करें शौकीन

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हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी में हर अधिकारी कर्मचारी पोस्टिंग चाहता है लेकिन जब बात जिम्मेदारी निभाने की आती है तो कुंभकर्णी नींद में चले जाना जिम्मेदारों की फिदरत बन जाती है।

अब शराब की ओवररेटिंग का ही मामला ले लीजिए। हालांकि शराब सेहत और परिवार की खुशियों के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है। शराब की बोतल पर भी यह लिखा रहता है।

सच बताएं तो यह खबर हम अपने सुधि पाठकों को पढ़ाना भी नहीं चाह रहे थे लेकिन सरकारी कुर्सी में बैठे या कहें कुंभकर्णी नींद में लेटे आबकारी अधिकारियों को जगाने के लिए हमें यह खबर लिखने को मजबूर होना पड़ा है।

आप ही बताइए कौन वो शौकीन मानुष है जो हल्द्वानी में लंबे समय से शराब की ओवररेटिंग से परेशान नहीं है। लेकिन शराब की दुकानों की इस गुंडागर्दी के सामने उनकी चलती नहीं। शराब की बोतल लेने से पहले मानुष होश में रहता है इसलिए ओवररेट के खिलाफ उलझना ठीक नहीं समझता। लेकिन मन ही मन सोचता जरूर है कि लूट मचा रखी है, कोई देखने वाला नहीं है।

ऐसे में सवाल उठता है कि जिले और शहर में आबकारी विभाग के जिम्मेदार कर क्या रहे हैं? ये अधिकारी साल के 365 दिन (अवकाश काट लीजिए) किन कामों में व्यस्त रहते हैं? आज जब सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेई कालाढूंगी रोड पर शराब की दुकानों में चेकिंग कर रहे थे तब आबकारी निरीक्षक धीरेंद्र सिंह बिष्ट भी उनके साथ साथ सब देख रहे थे। बिल्कुल वैसे जैसे राजा धृतराष्ट्र महाभारत युद्ध का लाइव प्रसारण संजय की दिव्य नज़रों से देख रहे थे।

इस दौरान कुसुमखेड़ा के लोहरियासाल में देशी शराब और कुसुमखेड़ा और ब्लॉक के समीप विदेशी शराब की दुकान में ओवररेटिंग पाई गई। साथ ही तीनों शराब की दुकानों में स्टॉक रजिस्टर अनुरक्षित नहीं पाए गए। सीसीटीवी कैमरा सहित अन्य खामियां मिली सो अलग।

आपको बता दें कि कालाढूंगी रोड की जिन तीनों शराब की दुकानों में आज ओवररेटिंग पकड़ी गई है वहां सालों से यह चोरी का खेल बेखौफ चल रहा है, लेकिन मजाल कभी आबकारी निरीक्षक को निगाह इन पर टेड़ी हुई हो।

लोहरियासाल में देशी शराब और कुसुमखेड़ा और ब्लॉक चौराहे के पास विदेशी शराब की दुकान में बियर की बिक्री में ओवर रेटिंग पाई गई। तीनों शराब की दुकानों में स्टॉक रजिस्टर अनुरक्षित नहीं पाए गए। टीम को रामपुर रोड में देशी शराब की दुकान में सब कुछ ठीक मिला।

हालाकि ओवररेटिंग में लोहरियासाल की देशी शराब और कुसुमखेड़ा और ब्लॉक के समीप विदेशी शराब की दुकान के मालिक को 50-50 हजार का जुर्माना लगाया गया है।

साथ ही स्टॉक रजिस्टर मेंटेन न करने पर भी जुर्माने की कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी को आख्या भेजी जाएगी।

यानी साफ है स्टॉक रजिस्टर मेंटेन न कर कहीं न कहीं ये तीनों शराब कारोबारी बड़ा खेल कर रहे थे जिससे सरकारी राजस्व को चूना लगने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता।

कालाढूंगी रोड के इन तीनों शराब के ठेकेदारों ने स्टॉक रजिस्टर मेंटेन न कर यह जता दिया कि नियम कायदे इनकी जेब में हैं। ये सबको मैनेज करने का हुनर जानते हैं। बाकी पब्लिक यानी शौकीन जाए भाड़ में…

अब आप कहेंगे कि क्या कालाढूंगी रोड के ये तीन शराब के ठेकेदार ही नियमों को तोड़ रहे हैं बाकी हल्द्वानी और जिले में सब पाक साफ हैं, यानी ओवररेटिंग नहीं कर रहे। तो आपको बता दें कि हल्द्वानी की नैनीताल रोड , बरेली रोड में भी ऐसे कई शराब के ठिकाने हैं जहां नियमों को ताक पर रखकर ओवररेटिंग जारी है। अब वो बात अलग है कि छापे की खबर के बाद वो कुछ घंटे या दिन के लिए ईमानदार बन जाएं।

आज सिटी मजिस्ट्रेट साहब ने अपने व्यस्त और महत्वपूर्ण प्रशासनिक कार्यों से समय निकालकर न केवल कालाढूंगी रोड के ओवररेटिंग वाले माफियाओं को बेनकाब किया है बल्कि शहर और जिले के दूसरे हिस्सों के हाल की भी पोल खोली है।

पोल न केवल ओवररेटिंग शराब बेचने वालों की बल्कि आबकारी विभाग के उन जिम्मेदार अधिकारियों की भी जिनके बारे में आज तक जनता को यह नही पता चल पाया ये करते क्या हैं। जो विभागीय अधिकारियों का रुटीन काम होना चाहिए, जब वही नहीं होगा तो फिर होगा क्या?

आबकारी विभाग के अधिकारी ये भी लगे हाथ बता ही दें कि क्या ओवररेटिंग का अगला छापा भी सिटी मजिस्ट्रेट ही मारेंगे या उनसे भी मदिरा के शौकीन कुछ उम्मीद लगा सकते हैं?

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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