हल्द्वानी: भोले भाले लोगों को ठगने वाले शातिर पति-पत्नी शेखर और तनुजा गिरफ्तार

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हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। गैंगस्टर एक्ट में फरार चल रहे मुखानी थाना क्षेत्र के छडायल नयाबाद निवासी शातिर पति पत्नी शेखर चंद्र पांडे (40) और तनुजा जोशी (34) को पुलिस ने डूंगरपुर हल्दुचौड़ से गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश करने की तैयारी है। यहां बताते चलें कि इन दोनों ठग पति पत्नी की गिरफ्तारी के बाद जारी तस्वीर में इनके काले चेहरे को पुलिस ने ब्लर कर छुपाया है हमने नहीं।

कभी संपत्ति की खरीद-फरोख्त तो कभी दुकान से लाखों का सामान खरीदकर भुगतान को बकाया छोड़कर फरार हो जाना शातिर पति पत्नी शेखर चंद्र पांडे और तनुजा जोशी का मुख्य धंधा है।

जमीन की धोखाधड़ी के मामले में नैनीताल पुलिस ने पहली बार जालसाज दंपत्ति शेखर और तनुजा  गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया। इन दोनों ठगों ने पांच लोगों से एक करोड़ से अधिक की जमीन दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी की थी।

जालसाज पति पत्नी को हल्द्वानी पुलिस ने पिछले साल 26 मई को पंजाब के जीरकपुर से जरनैल एन्क्लेव 2 से गिरफ्तार किया था। लेकिन हर बार कानून के चंगुल से जालसाज पति पत्नी छूट गए।

इतना ही नहीं मुखानी थाने में शातिर दंपति के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं। गैंगस्टर के तहत मुकदमा दर्ज होने के बाद भी शातिर ठग शेखर चंद्र पांडे  और तनुजा जोशी के हौसले पस्त नहीं हुए। हर बार ये ठग दंपत्ति कुछ समय जेल में बिताने के बाद छूट जाते हैं।

दो साल पहले इसी तरह सचिवालय और दूसरे विभागों में सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर हल्द्वानी, रामनगर समेत उत्तराखंड के 13 जिलों में ठगी का गिरोह चलाने वाले हल्द्वानी और देहरादून निवासी रितेश पांडे के मामले में भी देखने को मिला था।

ठग रितेश पांडे के राजनीतिक, प्रशासनिक और पुलिस महकमे में भ्रष्ट पकड़ के चलते सालों से उत्तराखंड में ठगी का गिरोह चलाने के बाद भी उसका बाल भी बांका नहीं हुआ। सैकड़ों बेरोजगारों रितेश पांडे के झांसे में आकर लूटते रहे और उत्तराखंड पुलिस कुछ नहीं कर सकी।

वो तो भला हो अल्मोड़ा निवासी पीड़ित नवीन जोशी की हिम्मत का जिन्होंने नटवरलाल रितेश पांडे के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत दिखाई। लेकिन आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि जो मुखानी पुलिस आज ठग पति पत्नी शेखर चंद्र पांडे और तनुजा जोशी को गिरफ्तार कर अपना गुड वर्क जता रही है, उसी मुखानी थाना पुलिस ने दो साल पहले पीड़ित नवीन जोशी को ठग रितेश पांडे के खिलाफ एक एफआईआर लिखने के लिए दो महीने तक चप्पलें घिसने पर मजबूर कर दिया था।

इस दौरान मुखानी थानाध्यक्ष की कुर्सी पर बारी बारी से एसओ कविंद्र शर्मा और एसओ दीपक बिष्ट रहे। मीडिया के दखल के बाद तत्कालीन एसएसपी पंकज भट्ट ने एसओ दीपक बिष्ट को रितेश पांडे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे। जिसके बाद तत्कालीन मुखानी थानाध्यक्ष दीपक बिष्ट को ठग रितेश पांडे को गिरफ्तार करने पर मजबूर होना पड़ा था।

आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि नटवरलाल रितेश पांडे की ठगी के गिरोह में हल्द्वानी के कुछ टुच्चे कथित पत्रकार भी शामिल थे जो रितेश पांडे की गिरफ्तारी के बाद उसकी लग्जरी गाड़ी को छुड़ाने मुखानी थाने तक पहुंच गए। सोचिए, ठग रितेश पांडे को पुलिस प्रशासन से बचाने में कैसे ये टुच्चे कथित पत्रकार, पत्रकारिता के पेशे के साथ खिलवाड़ करते होंगे। इन्हीं टुच्चे पत्रकारों की वजह से जन सरोकारों वाली पत्रकारिता बदनाम है।

आज दिन तक रितेश पांडे के सितम और ठगी के पीड़ितों की डूबी रकम वापस नहीं आ सकी है। जबकि पीड़ित नवीन जोशी आज दिन तक कोर्ट में ठग रितेश पांडे के खिलाफ सुनवाई में पेश हो रहे हैं। सोचिए नवीन जोशी और उन जैसे सैकड़ों पीड़ितों पर क्या बीत रही होगी? लेकिन कानून और कानून के रखवालों को इससे क्या फर्क पड़ता है क्योंकि उन्हें तो बस ड्यूटी से मतलब है।

ऐसे में आप समझ सकते हैं कि उत्तराखंड में अपराधी मानसिकता के लोगों के लिए देश का कानून और कानून के दम पर मिलने वाली सजा कितना मायने रखती है। और पीड़ित हर बार खून के आंसू बहाने को मजबूर रहता है।

यहां हम यह भी साझा करते चलें कि शॉर्ट कट में पैसा, नौकरी या कुछ भी पाने की हसरत पाना ठीक नहीं है। आपकी इसी शॉर्ट कट वाली ख्वाहिश का फायदा कभी रितेश पांडे तो कभी शेखर चंद्र पांडे और तनुजा जोशी जैसे धूर्त और शातिर उठाने को तैयार बैठे हैं।

इसलिए अपनी मेहनत और परमपिता परमेश्वर की मेहर पर भरोसा रखें। हराम से इकट्ठा की गई दौलत और शॉर्ट कट से पाई सफलता के स्वाद से बेहतर मेहनत से कमाई रूखी सूखी रोटी का स्वाद होता है। शमशान और कब्रिस्तान जाने से पहले इस सत्य को जानना बेहतर है।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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