संजय पाठक, हल्द्वानी। वो घर से ढेर सारे सपने और उम्मीदें लेकर निकला था कि एक दिन सफल इंजीनियर बनकर वापस लौटेगा, लेकिन क्रूर नियति ने उसकी जिंदगी ही छीन ली। महज 19 की उम्र में हल्द्वानी के ऊंचापुल निवासी बीटेक के छात्र हर्षित कोटनाला की बैंगलुरु के बाहरी इलाके अनेकल में रहस्यमयी ढंग से मौत हो गई। जिसके बाद परिवार में यकायक ही दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। आननफानन में बेबस पिता अपने मित्र के साथ तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले में स्थित थली के कॉलेज हॉस्टल पहुंचे और खोजबीन की। होनहार हर्षित यहां से करीब 21 किलोमीटर दूर अनेकल के एलाइंस कॉलेज और इंजीनियरिंग एंड डिजाइन से कंप्यूटर साइंस फर्स्ट ईयर की पढ़ाई कर रहा था।
परिजनों की जानकारी में आया कि हर्षित 21 फरवरी से हॉस्टल से गुमशुदा है। जिसके बाद 25 फरवरी को पुलिस ने जला हुआ शव बरामद किया, जिसके आसपास मिला सामान हर्षित का ही था। हालाकि परिजनों को संदेह है कि यह शव हर्षित का नहीं हो सकता, यही वजह है कि पिता सुबोध कोटनाला ने बीते 28 फरवरी को अनेकल कोर्ट में डीएनए सैंपल दिए। जिसकी रिपोर्ट 28 मार्च तक आने की उम्मीद है।
हर्षित के पिता सुबोध कोटनाला रुद्रपुर स्थित बैंक ऑफ बड़ोदा में कार्यरत हैं। जबकि मां लक्ष्मी कोटनाला गृहिणी हैं। हर्षित का छोटा भाई परांजल अभी सातवीं कक्षा में पढ़ता है।
मूल रुप से पौड़ी गढ़वाल के चमेठा खाल गांव निवासी सुबोध कोटनाला ने बताया कि उनका बेटा हर्षित बचपन से ही पढ़ाई में होनहार था। उसकी स्कूली शिक्षा ऊंचापुल स्थित व्हाइट हॉल स्कूल से हुई थी। साल 2023 के अगस्त महीने में उन्होंने बेटे का दाखिला बैंगलौर के एलाइंस कॉलेज और इंजीनियरिंग एंड डिजाइन में कराया। अपने करियर और सपनों को आगे बढ़ाने के लिए हर्षित ने कम्यूटर साइंस की पढ़ाई को चुना था।
सबकुछ ठीक चल रहा था कि अचानक 21 फरवरी को पता चला कि हर्षित अपने हॉस्टल से लापता हो गया है। जिसके बाद पिता सुबोध अपने मित्र के साथ 23 फरवरी को बैंगलौर पहुंचे और थली पुलिस स्टेशन में बेटे की गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस ने 25 फरवरी को एक बर्न डेड बॉडी रिकवर की।
पिता सुबोध कोटनाला ने बताया कि उन्हें संदेह है कि यह शव उनके बेटे का नहीं हो सकता है ऐसे में उन्होंने डीएनए सैंपल भी कोर्ट की मौजूदगी में जमा कराए हैं ताकि पूरी सच्चाई सामने आ सके। सुबोध कोटनाला ने बताया कि पुलिस जांच में सामने आया है कि मुंबई निवासी क्राफ्ट आर्टिस्ट रेशमी नायर नाम की लड़की से हर्षित ने आखिरी बार फोन पर बात की थी। जिसके बाद पुलिस ने रेशमी नायर को थाने भी बुलाया था लेकिन महज पूछताछ के बाद रेशमी को छोड़ दिया गया।
सुबोध कोटनाला ने बताया कि अनेकल से करीब साढ़े चार किलोमीटर दूर स्थित टेलागढ़ हल्ली गांव के पास से पुलिस ने शव बरामद किया। शव के आसपास बियर की खाली बोटलें और नमकीन के पैकेट भी मिले। ऐसे में यह साफ है कि कुछ लोगों ने मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया है। यही वजह है कि उन्होंने बैंगलौर पुलिस से निष्पक्ष जांच की मांग की है ताकि उनके बेटे को न्याय मिल सके।
पीड़ित परिवार अपने बेटे को न्याय दिलाने के लिए हर उस दर पर जा रहा है जहां से उम्मीद बढ़ सके। इसी क्रम में आज हर्षित के पिता सुबोध कोटनाला अपने नाते रिश्तेदारों के साथ विधायक सुमित हृदयेश के आवास पर पहुंचे। उन्होंने विधायक सुमित हृदयेश को हर्षित के बारे में विस्तार से जानकारी दी और कर्नाटक की मौजूदा कांग्रेस सरकार से न्याय दिलाने की गुहार लगाई। विधायक ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है।