हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। अगर आप अपने पैरों पर खड़ा होना चाहते हैं यानी कि स्वरोजगार के दम पर आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं तो आपकी मदद के लिए हल्द्वानी के स्टेडियम रोड स्थित खाम बंगला परिसर में स्थित जिला उद्योग केंद्र के द्वार खुले हैं।
जिला उद्योग केंद्र महाप्रबंधक पल्लवी गुप्ता ने बताया कि राज्य के लोगों को आत्मनिर्भर बनाने की मंशा से केंद्र और राज्य की सरकार ने कई महत्वाकांक्षी योजनाएं चलाई हैं। जिनमें प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP), मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना (MSY), मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना अति सूक्ष्म (नैनो) उद्यम और पीएम विश्वकर्मा योजना प्रमुख हैं।
महाप्रबंधक पल्लवी गुप्ता ने बताया कि बात अगर नैनीताल जिले की करें तो इस वित्तीय वर्ष में जिला उद्योग केंद्र की ओर से अब तक मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना (MSY) में मिले 750 परियोजनाओं के फैसिटिलेट करने के लक्ष्य के सापेक्ष 400 लोगों की लोनिंग की प्रक्रिया को पूरा कर दिया गया है। इन योजनाओं में अब तक 700 लोगों को स्वरोजगार से जोड़ा जा चुका है।
VIDEO यह भी देखिए: जिला उद्योग केंद्र की महाप्रबंधक पल्लवी गुप्ता INTERVIEW
इसी तरह से पीएम विश्वकर्मा योजना में भी 114 लोगों के लक्ष्य के सापेक्ष 100 लोगों के लोन प्रक्रिया को पूरा किया जा चुका है। इन योजनाओं से 400 लोग स्वरोजगार से जुड़कर खुद को सशक्त और आत्मनिर्भर बना रहे हैं।
महाप्रबंधक पल्लवी गुप्ता ने बताया कि वर्तमान समय में सरकार ने स्वरोजगार से जुड़ने की पूरी प्रकिया को आसान और सुलभ बना दिया है। आवेदन से लेकर लोन लेने तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से हो रही है। ऐसे में किसी भी तरह के मानवीय हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है। कोई भी पात्र आवेदनकर्ता कॉमन सर्विस सेंटर या जिला उद्योग केंद्र में आकर स्वरोजगार की इस मुहीम से आसानी से जुड़ सकता है।
उन्होंने बताया कि सभी स्वरोजगार की योजनाओं में सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था है। कॉमन एप्लीकेशन फॉर्म के माध्यम से एक ही मंच पर सभी विभागों से अप्रूवल मिल जाता है। और अच्छी बात यह है कि आवेदनकर्ता पूरी प्रक्रिया को अपनी आखों से घर बैठे देख भी सकता है।
कुल मिलाकर केंद्र और राज्य की स्वरोजगार की ये मुहीम पूरी तरह से पारदर्शी , सुलभ, और सरल है। जो भी सरकारी योजनाओं के माध्यम से न केवल खुद को बल्कि समाज के दूसरे लोगों को भी स्वरोजगार से जोड़ना चाहता है तो उसके लिए जिला उद्यान केंद्र के द्वार खुले हैं। आवेदनकर्ता dicnainital @gmail.com के माध्यम से भी अपनी जिज्ञासा को शांत कर सकते हैं।
वहीं, केंद्र और राज्य सरकार की स्वरोजगार की इस मुहीम में जिला उद्योग केंद्र के पूर्व महाप्रबंधक योगेश चंद्र पांडे भी पूरे मनोयोग से जुटे हैं। सेवानिवृत होने के बाद भी आज दिन तक योगेश चंद्र पांडे गांव गांव जाकर युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की मुहीम चलाए हुए हैं। अभी तक हल्द्वानी, सितारगंज, खटीमा, गुलरभोज, गदरपुर, रामगढ़, ओखलकांडा में हजारों महिलाओं और युवाओं को प्रेरित कर चुके हैं। अब तक कई महिलाएं स्वरोजगार कर आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ चुकी हैं।
‘प्रेस 15 न्यूज’ से विशेष बातचीत में जिला उद्योग केंद्र के पूर्व महाप्रबंधक योगेश चंद्र पांडे ने उत्तराखंड में संचालित स्वरोजगार की विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। आप भी जानिए इन स्वरोजगार की योजनाओं के बारे में…
जनपद नैनीताल में सम्भावित उद्यमः
आयुर्वेदिक उद्योग, फूड प्रोडक्टस, राइस सेलर मिल, पैकेजिंग मैटेरियल, कोरोगेशन वर्क, खाद्य तेल उद्योग, आटा चक्की, लकड़ी फर्नीचर, मसाला उद्योग, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, इंजीनियरिंग वर्क्स, मोबाइल रिपेयरिंग, घरेलू विद्युत उपकरण रिपेयरिंग एवं सर्विसिंग, मशरूम उत्पादन, टैक्सी, टायर रिट्रेडिंग, फल संरक्षण, डेरी उत्पाद (घी, पनीर, मक्खन, मावा), टेन्ट हाउस, सीमेन्ट ब्लाक, रेडीमेड गारमेन्ट-शर्ट, टी शर्ट, जीन्स, पेन्ट, कोटपेन्ट, स्टील फैब्रिकेशन वर्क, जैम जैली, अचार, मुरब्बा, गुड़ खाण्ड सारी उद्योग, बेकरी उत्पाद, नमकीन उद्योग, शहद उत्पादन, मशीनरी वर्क, साइबर कैफे, हेण्डीक्राफ्ट आयटम ज्वैलरी, मिट्टी के डेलीनीड्स/फैन्सी आयटम/हेण्डी क्राफ्ट, आटोमोबाइल पार्ट, चद्दर, इम्ब्राइडरी व सिलाई कार्य, लोकिंग टाइल्स, बिस्किट, पोहा, एलईडी बल्ब, प्रेस बनाना, साबुन डिटरजेन्ट पाउडर, लिक्विड सोप, रजिस्टर, बुक बांइंडिंग, प्रिंटिंग वर्क, वुडन फर्नीचर, दीवान बाक्स, विण्डो, चौखट, दरवाजे, सोफा, टेबल, वायर मैस, शूज निर्माण, चप्पल, फैन्सी लेडीज चप्पल, इलेक्ट्रानिक आयटम, दीवार घड़ी, हाथ घड़ी, पाकेट घड़ी, पेंच बनाना, स्क्रूपेंच, नटबोल्ट, आटा मिल, इलेक्ट्रिक वायर, इलेक्ट्रिक फैन, पशुपालन, मौनपालन, बच्चों के खिलौने, टेडीवियर, बुटीक, टेलरिंग, सिलाई-कढ़ाई, आर्टिफिशियल ज्वैलरी-माला, लोकेट, चूड़ियां, अंगूठी, कान के आयटम बाली आदि उत्पाद, एग्रीकल्चर इक्युपमेंट, चश्मा बनाना, आर्टिफिशियल फूल, पेपरपिन, स्टेपलर, स्टेबलाइजर, वाटर फिल्टर, इन्वर्टर, बैटरी, टार्च, स्माल जनरेटर, कूलर, फिज रिपेयरिंग, कूलर बनाना, कैटरिंग का कार्य, मच्छर दानी बनाना, पेपर कप, प्लेट आदि, फैब्रिक बैग, कपड़े के बैग, मेडिकेटेड पटटी, टेन्ट बनाने का कार्य, सेटरिंग आदि महत्वपूर्ण कार्य किये जा सकते हैं।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP)
उददेश्यः- ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार के नये-नये अवसर उपलब्ध कराना।
योजना की क्रियान्वयन एजेंसीः 1. शहरी व ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में जिला उद्योग केन्द्र, 2. केवल ग्रामीण क्षेत्र में खादी ग्रामोद्योग बोर्ड एवं खादी ग्रामोद्योग आयोग
विनिर्माणक क्षेत्र के उद्यम के लिए ऋण की अधिकतम सीमा रुपया 50.00 लाख तथा सेवा क्षेत्र के लिए अधिकतम सीमा रुपया 20.00 लाख निर्धारित है।
सामान्य श्रेणी के लाभार्थियों को परियोजना लागत का 10 प्रतिशत तथा विशेष श्रेणी के लाभार्थियों को परियोजना लागत का मात्र 5 प्रतिशत स्वयं के अंशदान के रूप में बैंक में जमा करना होगा।
आवेदन हेतु वेबसाइट www.kviconline.gov.in/pmegpeportal
आवश्यक दस्तावेजः- 1. आधार कार्ड। 2. पासपोर्ट साइज रंगीन फोटो। 3. शैक्षिक योग्यता सम्बंधी प्रमाण पत्र। 4. प्रोजेक्ट रिपोर्ट। 5. विशेष श्रेणी के सम्बंध में जाति प्रमाण पत्र। 6. ग्रामीण क्षेत्र के सम्बंध में आबादी प्रमाण पत्र, जो ग्राम प्रधान द्वारा देय होगा। 7. स्कोर कार्ड में आवश्यक दस्तावेज अपलोड करना अनिवार्य है। (इनमें से कोई एक जैसे-राशन कार्ड/बिजली बिल/स्थायी निवास प्रमाण पत्र/किरायानामा)
योजना के अन्तर्गत ऋण बैंकों के माध्यम से वित्त पोषित किया जायेगा।
आवेदक किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक/वित्तीय संस्था/सहकारी बैंक या संस्था आदि का चूककर्ता (Defaulter) न हो। योजना के अन्तर्गत अंशदान तथा अनुदान का प्राविधान निम्नानुसार है:-
पीएमईजीपी के अन्तर्गत लाभार्थियों की श्रेणी
क्षेत्र परियोजना/इकाई की अवस्थिति
1- सामान्य श्रेणी
लाभार्थी का अंशदान 10%
सब्सिडी की दर ग्रामीण क्षेत्र 25%, शहरी क्षेत्र 15%
2. विशेष श्रेणी के अभ्यर्थी (अनु. जा./अनु. ज.जा./भूतपूर्व सैनिक/महिला/दिव्यांग/पिछड़ा वर्ग/अल्पसंख्यक / पर्वतीय क्षेत्र)
लाभार्थी का अंशदान 5%
सब्सिडी की दर ग्रामीण क्षेत्र 35%, शहरी क्षेत्र 35%
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना (MSY)
उददेश्यः- राज्य के बेरोजगार युवक/युवतियों को रोजगार के नये-नये अवसर उपलब्ध कराना।
योजना के अन्तर्गत विनिर्माणक, सेवा एवं व्यवसाय क्षेत्र की नई इकाईया पात्र।
विनिर्माण से सम्बन्धित उद्यमों हेतु अधिकतम ऋण सीमा ₹ 25.00 लाख तक तथा सेवा एवं व्यवसाय क्षेत्र से सम्बन्धित उद्यमों हेतु अधिकतम ऋण सीमा ₹ 10.00 लाख ।
आवेदक द्वारा विगत 05 वर्षों के अन्तर्गत भारत सरकार/राज्य सरकार की योजना में लाभ न लिया हो।
योजना के अन्तर्गत ऋण बैंकों के माध्यम से वित्त पोषित किया जायेगा।
आवेदक किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक/वित्तीय संस्था/सहकारी बैंक या संस्था इत्यादि का चूककर्ता (Defaulter) न हो।
योजना की अधिक जानकारी एवं आवेदन करने हेतु ऑनलाइन पोर्टल की वेबसाइड msy.uk.gov.in.
आवश्यक दस्तावेजः
1. पासपोर्ट साइज का रंगीन फोटो, 2. आधार कार्ड, 3. प्रोजेक्ट रिपोर्ट, 4. शैक्षिक योग्यता सम्बन्धी प्रमाण पत्र, 5. विशेष श्रेणी के सम्बन्ध में जाति प्रमाण पत्र, 6. मूल निवास/स्थायी निवास प्रमाण पत्र, 7. शपथ पत्र 10 रुपये मूल्य के स्टाम्प पेपर पर नोटरी करवाते हुए ऑनलाइन अपलोड करना अनिवार्य है। (टैक्सी कार्य हेतु कामर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस) योजना के अन्तर्गत अंशदान तथा अनुदान का प्राविधान निम्नानुसार है:
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना
1- सामान्य श्रेणी- लाभार्थी का अंशदान 10%
सब्सिडी की दर – शहरी क्षेत्र 15%, पर्वतीय क्षेत्र 20%
2- विशेष श्रेणी के अभ्यर्थी (अनु.जा./अनु.जा.जा./भूतपूर्व सैनिक/महिला/दिव्यांग/पिछड़ा वर्ग/अल्पसंख्यक/पर्वतीय क्षेत्र) – लाभार्थी का अंशदान 5%
सब्सिडी की दर – शहरी क्षेत्र 15%, पर्वतीय क्षेत्र 20%
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना अति सूक्ष्म (नैनो) उद्यम
उददेश्यः- राज्य के बेरोजगार युवक/युवतियों को रोजगार के नये-नये अवसर उपलब्ध कराना।
अति सूक्ष्म छोटे व्यवसायियों/उद्यमियों/पथ विक्रेताओं के लिए रुपया 50000/- तक की नई परियोजनाओं की स्थापना/विद्यमान परियोजनाओं के पुनर्सचालन हेतु बैंकों के माध्यम से कोलेटरल फी लोन उपलब्ध कराना। पात्रता की शर्ते एवं अर्हताः-
1. आवेदक को उत्तराखण्ड राज्य का मूल/स्थायी निवासी आवयक है, शैक्षिक योग्यता की कोई बाध्यता नहीं है।
2. आवेदक किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक/वित्तीय संस्था/सहकारी बैंक या संस्था इत्यादि का चूककर्ता (Defaulter) न हो।
3. योजना की अधिक जानकारी एवं आवेदन करने हेतु ऑनलाइन पोर्टल की वेबसाइड msy.uk.gov.in.
आवश्यक दस्तावेजः
1. आधार कार्ड, 2. नवीनतम फोटो, 3. जाति प्रमाण पत्र, 4. मूल निवास/स्थायी निवास प्रमाण पत्र, 5. शपथ पत्र 10 ₹ मूल के स्टाम्प पेपर पर नोटरी करवाते हुए ऑनलाइन अपलोड करना अनिवार्य है।
योजना के अन्तर्गत अंशदान तथा अनुदान का प्राविधान निम्नानुसार हैः-
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना अति सूक्ष्म (नैनो) उद्यम
सामान्य श्रेणी- लाभार्थी का अंशदान 10%
सब्सिडी की दर शहरी क्षेत्र 25%, पर्वतीय क्षेत्र 30%
2. विशेष श्रेणी के अभ्यर्थी (अनु. जा./अनु.ज.जा./भूतपूर्व सैनिक/महिला/दिव्यांग/पिछड़ा वर्ग/अल्पसंख्यक / पर्वतीय
लाभार्थी का अंशदान 5%
सब्सिडी की दर शहरी क्षेत्र 30%, पर्वतीय क्षेत्र 35%
नोटः- आवेदक उपरोक्त तीनों योजनाओं में से एक ही योजना का लाभ प्राप्त कर सकता है
पी.एम. विश्वकर्मा योजना
योजना के लिए 18 चयनित व्यवसाय
बढ़ई, नाव बनाने वाला, लोहार, कवचधारी, हथौड़ा और दूलकिट निर्माता, ताला निर्माण, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, पत्यर तोड़ने वाला, मोची, राजमिस्त्री, टोकरी/चटाई झाडू/क्वायर बुनकर, पारम्परिक गुड़िया और खिलौना निर्माता, नाई, मालाकार/माला बनाने वाला, धोबी, दर्जी, मछली पकड़ने का जाल बनाने वाला।
पात्रता
1. न्यूनतम आयु 18 वर्ष।
2. पूर्व में समान क्रेडिट आधारित स्वरोजगार/व्यवसाय विकास योजना में पूर्व में आऋण नहीं लिया होना चाहिये।
3. एक परिवार से एक व्यक्ति को ही योजना का लाभ अनुमन्य होगा।
4. सरकारी सेवा में कार्यरत व्यक्ति और उसके परिवार के सदस्य पात्र नहीं होंगे।
आवेदन की प्रक्रिया
1. आवेदन आधारित पंजीकरण सी०एस०सी० सेन्टर के माध्यम से।
2. ग्राम पंचायत प्रमुख शहरी विकास निकाय प्रमुख और जिला कार्यान्वयन समिति द्वारा सत्यापन।
3. निरीक्षण के लिए स्क्रीनिंग कमेटी।
4. त्रिस्तरीय कार्यान्वयन बंचा।
5. ऑनलाइन नामांकन/पंजीकरण: https://pmvishwakarma.gov.in
6. आवश्यक दस्तावेजः आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैंक पासबुक
योजना के लाभ
1. पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र एवं आई०डी० कार्ड।
2. ऋण सहायता रु.1.00 लाख से रु.3.00 लाख तक।
3. रियायती ब्याज दर 5 प्रतिशत (क्रेडिट गारंटी शुल्क भारत सरकार क्षरा दिया जायेगा)।
4. कौशल उन्नयनः 05 एवं 15 दिवसीय प्रशिक्षण तया रु. 500 वजीफा प्रतिदिन ।
5. टूलकिट प्रोत्थ्साहन ई-वाउचर के माध्यम से रु.15,000 1
6. डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन ।
7. विपणन सहायता सम्क्बन्धित गतिविधियों के लिए रु. 250 करोड़ कोष।
योजना का उद्देश्य एवं प्रारम्भ
1. कवरेजः प्रति परिवार 01 व्यक्ति ।
2. योजना का शुभारम्भः 17 सितम्बर 20231
3. 30 लाख लाभार्थियों को लाभानित किये जाने का लक्ष्य।
4. योजना का परिव्यय रु. 13,000 करोड़।