
हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। कहते हैं पाप का घड़ा भरता जरूर है। किसी का थोड़ा जल्दी तो किसी का थोड़ा देर में, लेकिन भरता जरूर है। वैसे भी ये देवभूमि है यहां हिसाब सलीके से बराबर होता है। भले कोई कितना बड़ा तुर्रम क्यों न हो।
आज बात हल्द्वानी तहसील में बैठे जिम्मेदारों की। यहां जमीन, जायदाद, प्रोपर्टी से लेकर विभिन्न प्रमाण पत्र बनाने के लिए एक से बढ़कर एक मालदार और गरीब बेबस आम आदमी पहुंचता है। और यही से शुरू होता है लटकाने, घुमाने, चप्पल घिसवाने और अतिरिक्त कमाई का खेल…

कौन नहीं जानता कि कैसे पटवारी से लेकर कानूनगो और तहसीलदार, एसडीएम जैसे पदों में बैठे जिम्मेदार भ्रष्ट्राचार की नाव में सवार होकर गुपचुप सिस्टम को खोखला कर रहे हैं।
केवल यही नहीं ये हिस्सा नीचे से ऊपर तक जाता है और उन्हीं ऊपर वालों की शह पर इन नीचे वालों की इतनी हिमाकत होती है कि ये रिश्वतखोरी को अपना अधिकार समझने लगते हैं।
यह क्रम सालों से बदस्तूर जारी रहता है लेकिन जब बेबस पीड़ितों के आंसुओं से भ्रष्ट अफसरों के पाप का घड़ा भरता है तो सिस्टम भी कार्रवाई करने को मजबूर हो जाता है।
जिलाधिकारी कार्यालय, नैनीताल से प्राप्त सूचना अनुसार, तहसील हल्द्वानी में लगातार मिल रही शिकायतों पर मुख्यमंत्री पुस्कर सिंह धामी ने संज्ञान लिया। जिसके बाद आयुक्त कुमाऊं दीपक रावत ने बीते रोज तहसील का निरीक्षण किया।
यहां उन्हें कानूनगो अशरफ अली का वो कारनामा पता चला जिससे हर कोई हक्का बक्का रह गया। अशरफ अली तहसील के बजाय अपने घर से सरकारी फाइलों को निपटाते मिला। निपटाना तो दूर वो फाइलों को लटका रहा था। यानि लोगों के जायज काम को वो जानबूझकर रोक रहा था। अब आप ही बताइए ये छूट कानूनगो को किसने दी होगी?
आयुक्त के निरीक्षण में मिली अनियमितताओं का संज्ञान लेते हुए डीएम वंदना वंदना ने आज हल्द्वानी तहसीलदार समेत तीन कार्मिकों के विरुद्ध कार्रवाई की है।
तहसीलदार हल्द्वानी मनीषा बिष्ट को तहसीलदार हल्द्वानी के पद से स्थानांतरित किया गया है तथा उनके विरुद्ध विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि (Special Adverse Entry) अंकित की गई है।
बताते चलें कि इसी वर्ष जून माह में डीएम नैनीताल द्वारा किए गए वार्षिक निरीक्षण में भी तहसीलदार हल्द्वानी के कार्यालय व न्यायालय कार्य में विभिन्न अनियमितताएँ पाई गई थीं, जिस पर उन्हें कठोर चेतावनी देते हुए कार्यप्रणाली में सुधार हेतु एक माह का समय दिया गया था।
चेतावनी के बाद भी आयुक्त कुमाऊँ मण्डल के निरीक्षण में गंभीर खामियाँ पाई गईं, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि तहसीलदार द्वारा न तो अपनी कार्यप्रणाली में सुधार किया गया और न ही अधीनस्थ कार्मिकों पर नियंत्रण रखा गया। फलस्वरूप दी गई प्रतिकूल प्रविष्टि उनके सेवा अभिलेख में अंकित की जाएगी।
हल्द्वानी तहसील में कार्यरत सर्वे कानूनगो अशरफ अली को हल्द्वानी तहसील से अवमुक्त कर दिया गया है। जिलाधिकारी नैनीताल द्वारा उन्हें उनके मूल जनपद ऊधम सिंह नगर वापिस किया गया है तथा उनके निलंबन की संस्तुति नियुक्ति अधिकारी, जिलाधिकारी ऊधम सिंह नगर को प्रेषित की गई है।
लंबे समय से तहसील हल्द्वानी में तैनात रजिस्ट्रार कानूनगो भगवत बिष्ट को भी जिलाधिकारी नैनीताल ने तत्काल प्रभाव से हल्द्वानी से नैनीताल स्थानांतरित कर दिया है।
तहसील हल्द्वानी में प्रकाश में आई अनियमितताओं की जांच की जा रही है, जांच पूर्ण होने पर दोषी पाए जाने वाले अन्य कार्मिकों पर भी कार्यवाही की जाएगी ।

