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हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। एक बार फिर जनविरोध की थोड़ी ही सही जीत हुई है। मोबाइल रिचार्ज की तरह उपभोक्ताओं को बिजली बेचने के फैसले पर यूपीसीएल बैकफुट में आया है।
घर घर में स्मार्ट मीटर लगवाने की योजना वाले ऊर्जा निगम ने मोबाइल फोन की तरह रिचार्ज कर यानी प्रीपेड मोड में बिजली देने की योजना बनाई थी, लेकिन उपभोक्ताओं के साथ साथ राजनीतिक विरोध को देख निगम ने अपनी चाल बदल दी है।
अब स्मार्ट मीटर तो लोगों के घरों में लगाया जाएगा, लेकिन मौजूदा व्यवस्था की तरह बिजली सप्लाई होगी। पहले की तरह ही कर्मचारी आपके घर पर बिल देकर जाएगा और उसका भुगतान करना होगा।
हालांकि, कहा जा रहा है कुछ समय तक ऐसा होगा। जैसे ही माहौल स्मार्ट मीटर के पक्ष में बनता दिखेगा तो प्रीपेड फीचर सक्रिय कर दिया जाएगा।
बताते चलें कि हल्द्वानी से लेकर रुद्रपुर, किच्छा तक स्मार्ट मीटर का विरोध हो रहा है। हल्द्वानी में वरिष्ठ कांग्रेस नेता ललित जोशी दो टूक कह चुके हैं कि वो आमजन पर थोपे गए स्मार्ट मीटर का पुरजोर विरोध करेंगे।
आज सुबह किच्छा विधायक तिलकराज बेहड़ तक ने तो बीच सड़क पत्थर से स्मार्ट मीटर तोड़ डाले। यही वजह है चौतरफा विरोध को देखते हुए अब ऊर्जा निगम को भी बैकफुट पर आना पड़ा है।
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इतना ही नहीं अब स्मार्ट मीटर लगाने को लेकर अनुबंधित अदाणी कंपनी के कर्मचारी लोगों पर दबाव भी नहीं बनाएंगे। ऊर्जा निगम ने सख्त निर्देश दिए हैं कि लोगों पर किसी भी प्रकार का दबाव नहीं बनाया जाएगा। हालांकि, चरणबद्ध तरीके से घरों में मीटर बदलने का काम होता रहेगा।
बड़ी बात यह है कि बिल भुगतान की पुरानी व्यवस्था में भी लोगों को मोबाइल एप से बिजली खपत पर नजर रखने की सुविधा मिलेगी। उपभोक्ता प्रत्येक आधे घंटे, एक घंटे की समयावधि के अनुसार अपने घर में बिजली उपयोग की स्थिति को आंक सकेंगे।
बताते चलें कि प्रदेश भर में केंद्र सरकार की योजना के तहत बिजली के स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। कुमाऊं मंडल में इसके लिए अडानी एनर्जी साल्यूशन के साथ अनुबंध हुआ है। तराई भाबर में नगर और ग्रामीण इलाकों में मीटरों को बदला जाना है। जबकि पर्वतीय क्षेत्रों में सिर्फ नगर मुख्यालय में ही स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।
कुमाऊं में 6.55 लाख मीटर लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए अनुबंधित कंपनी ने 2.50 लाख से अधिक घरों का सर्वे पूरा कर लिया है। वहीं, नैनीताल जिले में 1.82लाख नए मीटर लगाए जाने हैं और अभी तक 70 हजार से अधिक घरों में सर्वेक्षण पूरा हो गया है।
पहले चरण में ऊर्जा निगम के उपकेंद्रों, ऑफिस, अधिकारी और कर्मचारियों के आवासों को स्मार्ट मीटर से जोड़ा गया है। दूसरे चरण में सरकारी कार्यालयों और भवनों में नए मीटर लगाने का काम लगभग पूरा हो गया है।
घरेलू कनेक्शनों में मीटर बदलने की प्रक्रिया जोर पकड़ती इससे पहले ही हल्द्वानी से रुद्रपुर, किच्छा तक इसका विरोध शुरू हो गया। यही वजह है कि मोबाइल रिचार्ज की तरह बिजली बेचने का प्लान फिलहाल स्थगित हो गया है।
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