
हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। सोशल मीडिया के इस दौर में बच्चों की परवरिश से बेखबर माता पिता के आंख खोलने वाली ये खबर बेहद दुखद है। ऐसा भी नहीं है कि यह कोई पहली खबर है जिसने आगाह किया हो।
बीफार्मा की पढ़ाई कर रही 20 साल की बेटी, मोबाइल, मां बाप की फटकार और जिंदगी खत्म… जी हां, आज काठगोदाम के तिवारी परिवार का यही दुखद सच है। कोई सोच भी नहीं सकता कि एक बेटी जिसे मां बाप ने 20 साल तक पाला पोसा, वो एक दिन सिर्फ इस वजह से दुनिया छोड़ जाएगी।
सोचिए, आज किस दौर पर हम पहुंच गए हैं। लेकिन मां बाप आज भी अपने दौर मे जी रहे हैं। उन्हें लग रहा है उन्होंने जिस तरीके से अपना बचपन और जवानी जी, ठीक वैसे ही उनके बच्चे भी जीएं। और यही मां बाप की बड़ी भूल साबित हो रही है। पेरेंटिंग की इसी गलती ने आज युवा पीढ़ी को जिंदगी तबाह करने से भी नहीं चूक रहे हैं। वो जीवन जो अनमोल है।
मां बाप को समझना होगा कि आज का दौर सोशल मीडिया का है। लोग इसी में सो रहे हैं। इसी में जागने, नहाने, खाना पकाने, खाने, घूमने, नाचने और हर वो गतिविधि कर रहे हैं जो बेहद निजी है। ऐसे में दौर में कुछ मां बाप चाह रहे हैं, उनका बच्चा इस लत वाले प्रभाव से बच जाए।
जबकि कलयुग का अटल सच यह है कि आप ना चाहते भी बच्चों को इसके प्रभाव से नहीं बचा सकते। आप सिर्फ उन्हें शांत और मित्रतापूर्ण व्यवहार से इसके अच्छे भले पहलू की जानकारी दे सकते हैं। और इसकी शुरुआत छोटी उम्र से करनी होगी। बच्चों के स्क्रीन टाइम की निगरानी बचपन से करनी होगी। उन्हें बताना होगा कि मोबाइल के बाहर भी जीवन है जो सच है। उन्हें सामाजिक बनाइए, उन्हें बताइए कि सोशल मीडिया नाम जरूर है लेकिन असल में इसका क्या स्वभाव है।
अब यह भी जान लीजिए कि क्यों हम इतना सब कहने को मजबूर हुए हैं। ताकि फिर किसी परिवार में ऐसी अनहोनी की खबर सामने न आए।
काठगोदाम के शीशमहल के कर्नल वार्ड में हाइडिल कर्मी चंद्रशेखर तिवारी की 20 वर्षीय बेटी जिज्ञासा तिवारी ने फंदे से लटककर जान दे दी। पुलिस के अनुसार सोमवार की सुबह माता-पिता ने उसे लैपटॉप और मोबाइल चलाने से मना किया था। जिज्ञासा बीफार्मा तृतीय वर्ष की छात्रा थी।
परिवार के लोगों ने कमरे का दरवाजा तोड़कर उसे फंदे से उतारा लेकिन बचाया नहीं जा सका। कमरे से सुसाइड नोट भी मिला जिसमें जिज्ञासा तिवारी ने लिखा है कि वह पीसफुल (शांतिपूर्ण) तरीके से जाना चाहती है…
पुलिस के अनुसार, सोमवार सुबह छात्रा के खुदकुशी करने की सूचना मिली। पुलिस कर्नल वार्ड स्थित चंद्रशेखर तिवारी के आवास पर पहुंची तो उनकी बेटी जिज्ञासा का शव पड़ा था। कमरे में फंदा लटका था। शुरुआती पूछताछ में सामने आया है कि वह मोबाइल और लैपटॉप चला रही थी।
इस पर माता-पिता ने उसे डांटा जिससे वह नाराज हो गई। ऐसे में उसने यह कदम उठाया होगा। कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें पीस फुल तरीके से जाना चाहती हूं…के साथ अन्य बातें लिखी हैं। शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
बताते चलें कि हल्द्वानी पोस्टमार्टम हाउस में हर महीने 15 से 20 मामले खुदकुशी के पहुंच रहे हैं जिनमें अधिकतर मामले युवाओं से जुड़े हैं। पोस्टमार्टम हाउस के डॉक्टर भी इसे लेकर हक्के बक्के हैं।









