हल्द्वानी: एक तरफ जोगेंद्र एक तरफ भगत, बीच में शान से चले गजराज

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हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। निकाय चुनाव नामांकन के आखिरी दिन जब भारतीय जनता पार्टी के मेयर प्रत्याशी गजराज सिंह बिष्ट रैली में शामिल होकर जनता के बीच पहुंचे तो उनके एक तरफ पूर्व मेयर डॉ. जोगेंद्र पाल सिंह रौतेला थे और दूसरी तरफ कालाढूंगी के विधायक बंशीधर भगत थे हालाकि कई दूसरे दिग्गज भी गजराज की नामांकन रैली में पार्टी संगठन के निर्देशों के क्रम में उनका हौंसला बढ़ाने पहुंचे थे।

नामांकन रैली में सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ साथ निवर्तमान मेयर डॉ. जोगेंद्र पाल सिंह रौतेला और विधायक बंशीधर भगत के साथ चलते मेयर प्रत्याशी गजराज सिंह बिष्ट।

गजराज सिंह बिष्ट और कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत के आत्मीय रिश्ते कैसे हैं, ये तो यही दो नेता बेहतर बता सकते हैं लेकिन राजनीतिक रिश्ते कैसे हैं, ये पूरा शहर जानता है।

दूसरी तरफ, तीसरी बार जीत की हैट्रिक लगाने का सपना देख रहे डॉ. जोगेंद्र पाल सिंह रौतेला थे। जिनके नाम की रविवार शाम तक चर्चा थी। लेकिन पार्टी आलाकमान को गजराज प्रोफाइल दमदार लगा। जिलाधिकारी के जनसंवाद कार्यक्रम से लेकर हर छोटे कार्यक्रमों में सक्रियता भी रौतेला के काम नहीं आई।

हालाकि सौम्य स्वभाव वाले डॉ. रौतेला अब यही कह रहे हैं कि वह पार्टी संगठन के समर्पित कार्यकर्ता हैं। पार्टी आलाकमान का फैसला सिर आंखों पर। पार्टी ने उन्हें दो बार विधायक का टिकट दिया और दो बार मेयर बनाया। हो सकता है अब पार्टी ने उनके लिए कुछ बड़ा सोचा हो।

इधर, ओबीसी सीट के बाद सामान्य सीट होने के पीछे की व्यूहरचना वाली कहानी भी किसी से नहीं छुपी। लेकिन गजराज तो गजराज थे, उनकी जब नीचे वालों ने नहीं सुनी तो ऊपर वाले ने सुनी। और आखिरकार सर्द रात में गजराज भारतीय जनता पार्टी के मेयर दावेदार बन ही गए। 37 साल के इस जमीनी नेता का संघर्ष आखिरकार रंग लाया।

साल 2014 के बाद से भारतीय जनता पार्टी के संगठन में एक बात तेजी से अनुभव की जा सकती है कि पार्टी में रहकर अगर लंबी रेस का घोड़ा बनना है, तो खामोशी से आलाकमान के फैसलों को स्वीकारना होगा। लेकिन गजराज सिंह बिष्ट के मामले में ऐसा नहीं था।

गजराज सिंह बिष्ट ने सालों से खुद को ठगा महसूस किया है। आखिरी बार 2022 में गजराज की आंखे तब नम हुई थी, जब वो कालाढूंगी का विधायक बनना चाहते थे। लेकिन तब उन्हें किसी तरह मनवा दिया था।

इस बार गजराज ने खुद को ओबीसी नेता के तौर पर उत्तराखंड की राजनीति से रूबरू करवाया है। ऐसे में रविवार रात फिर इस नेता के आंखें फिर नम हुई जब पता चला कि वही भाजपा के मेयर दावेदार हैं।

गजराज के करीबी बताते हैं कि गजराज ने भारतीय जनता पार्टी में एक समर्पित कार्यकर्ता की तरह अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया। ऐसे में कब तक उनके सब्र की परीक्षा होती।

गजराज सिंह बिष्ट और उनके समर्थकों को विश्वास है कि हल्द्वानी की तीसरी सरकार के मुखिया गजराज सिंह बिष्ट ही होंगे। आज एमबी इंटर कॉलेज से शुरू हुई नामांकन रैली में बड़ी संख्या में पहुंचे भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के पहुंचने के बाद गजराज सिंह बिष्ट का कॉन्फिडेंस भी हाई लेवल पर है।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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