हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। नगर निकाय चुनाव की सुगबुगाहट के बीच जनता को अपने पाले में करने का दौर शुरू हो गया है। और इस काम में भाजपा के कार्यकर्ता, पदाधिकारी से लेकर विधायक तक सबसे आगे हैं।
हल्द्वानी और कालाढूंगी के आसपास के क्षेत्रों के लोग जानते हैं कि वरिष्ठ भाजपा विधायक बंशीधर भगत ऊंचापुल की रामलीला में अपने दशरथ के अभिनय के लिए विख्यात हैं। मंच पर विधायक के दशरथ के रूप को देखने को बड़ी संख्या में दर्शक उमड़ते हैं।
रामलीला में श्रीराम वन गमन के प्रसंग के दौरान राजा दशरथ से महारानी कैकेयी ने दो वरदानों के रूप में राम के लिए 14 वर्ष के वनवास और भरत के लिए राजगद्दी की मांग की।
राजा दशरथ के बार-बार अनुनय-विनय करने पर भी महारानी कैकेयी राजी नहीं होती हैं। वह अपने वचनों पर अडिग रहती हैं। वह राजा दशरथ से कहती हैं कि आपको परेशानी है तो अपने वरदान वापस ले लीजिए।
इस पर राजा दशरथ ने कहा कि रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाई पर वचन न जाई। यानी हमारे वंश में परंपरा रही है कि कोई भी अपने वचनों से नहीं फिर सकता है। राजा दशरथ विलाप करते रह गए और राम लक्ष्मण और सीता वन को चले गए।
यह तो रामलीला का पावन प्रसंग था। लेकिन इस बार विधायक भगत दमुवाढूंगा बंदोबस्ती विलाप के लिए चर्चा में हैं। दमुवाढूंगा के लोगों ने भी विधायक और उनकी पार्टी की सरकार से उम्मीद की थी कि उन्हें मालिकाना हक दिलाएंगे। लेकिन सिवाय कोरे आश्वासनों के कुछ नहीं मिला।
रामलीला में भले राजा दशरथ के रूप में विधायक भगत ने कहा हो कि रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाई पर वचन न जाई….
लेकिन चर्चा है कि हकीकत में भाजपा के दिग्गज नेताओं ने दमुवाढूंगा के लोगों से मानो कहा हो कि हमारी रीत सदा चली आई प्राण जाए पर वचन न निभाई…
अब पूरा मामला भी समझिए। दरअसल, कालाढूंगी के वरिष्ठ भाजपा विधायक बंशीधर भगत बीते रोज दमुवाढूंगा के मालिकाना हक को लेकर कुछ स्थानीय लोगों के साथ कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत से उनके कैंप कार्यालय मिले।
इस दौरान विधायक ने आयुक्त को बताया कि दमुवाढूंगा क्षेत्र में बन्दोबस्ती नही होने के कारण क्षेत्रवासियों को भूलभूत सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
वन आरक्षित क्षेत्र से अनारक्षित करने की अनुमति भी मिल चुकी है। वर्तमान में दमुवाढूंगा क्षेत्र में लगभग 40 हजार की आबादी निवासरत है जिसमें 3 वार्ड हैं। आयुक्त को बताया कि भूमिधारी का अधिकार नही मिलने से उन्हें सरकार द्वारा संचालित सभी सुविधाओं से वंचित होना पड़ता है।
जिस पर आयुक्त ने विधायक और क्षेत्र के लोगों से कहा कि उनकी जो भी परेशानियां है उन्हे लिखित रूप से दें ताकि शासन स्तर पर प्रस्ताव प्रेषित किए जा सकें।
आयुक्त दीपक रावत ने बताया कि दमुवाढूंगा के समाधान के लिए शासन स्तर पर उनके द्वारा शीघ्र ही लोगों को मालिकाना हक दिलाने के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा।
बैठक में विधायक बंशीधर भगत के अलावा नगर आयुक्त विशाल मिश्रा, डीएफ़ओ दिगंत नायक, अपर जिलाधिकारी पीआर चौहान, अशोक जोशी, आरटीओ संदीप सैनी, सिटी मजिस्टेट एपी बाजयेयी, उपजिलाधिकारी परितोष वर्मा, तहसीलदार सचिन कुमार मौजूद थे।
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कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत की दमुवाढूंगा बंदोबस्ती की मांग को राजनैतिक ड्रामा करार दिया है। उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव नजदीक आते ही भाजपा विधायक को जवाहर ज्योति- दमुवाढूंगा की याद आ गई।
जबकि सच्चाई यह है कि उन्हें जवाहर ज्योति- दमुवाढूंगा के लोगों की तकलीफ से कोई वास्ता नहीं। अगर वाकई विधायक को जवाहर ज्योति- दमुवाढूंगा के लोगों के मालिकाना हक की चिंता है तो क्यों अपनी डबल इंजन सरकार से उनके हक में फैसला लेने के लिए कहते।
रविवार को कैंप कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में दीपक बल्यूटिया ने कहा कि क्षेत्र के लोगों को गुमराह कर आयुक्त के पास ले जाकर विधायक भगत अखबारों की सुर्खियां तो बन सकते हैं लेकिन जवाहर ज्योति- दमुवाढूंगा की जनता जानती है कौन उनके साथ खड़ा है और कौन दिखावा कर रहा है।
बल्यूटिया ने कहा कि 20 दिसंबर 2016 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार में एक शासनादेश जारी कर जवाहर ज्योति- दमुवाढूंगा ग्राम में सर्वेक्षण एवं अभिलेख क्रिया संपादित कर वहां के लोगों को मालिकाना हक गैर हस्तांतरणीय अधिकारों के साथ देने की बात कही थी जिसमें भाजपा की तत्कालीन सरकार ने 13 मई 2020 में शासनादेश जारी कर रोक लगा दी।
भाजपा सरकार के इस जन विरोधी शासनादेश के खिलाफ साल 2021 में हमने जनहित याचिका माननीय उच्च न्यायालय में दाखिल की जो आज भी विचाराधीन है।
माननीय उच्च न्यायालय, उत्तराखण्ड द्वारा नगर निगम हल्द्वानी को दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने का समय दिया जिसकी अवधि 30 जुलाई 2024 को समाप्त हो रही है । सरकार व नगर निगम द्वारा जवाब ने देकर अनावश्यक रूप से मामले को लंबित किया जा रहा है।
हैरानी की बात है कि जब जवाहर ज्योति- दमुवाढूंगा मालिकाना हक का प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है, ऐसे में कालाढूंगी विद्यायक बंशीधर भगत कुमाऊं आयुक्त से जवाहर ज्योति- दमुवाढूंगा मालिकाना दिलाने की फरियाद कर रहे हैं, जिस पर उन्हीं की सरकार ने रोक लगा रखी है।
बेहतर होता विधायक जी अपनी ही सरकार से 13 मई 2020 को जारी शासनादेश को वापस लेने की सिफारिश करते ताकि जवाहर ज्योति- दमुवाढूंगा के लोगों के मालिकाना हक मिलने की प्रक्रिया शुरू हो पाती।
दीपक बल्यूटिया ने कहा कि जवाहर ज्योति दमुवाढूंगा के लोगों को मालिकाना हक दिलाने तक वे पूरी तरह संघर्षरत रहेंगे और उनके अधिकार दिलाकर ही दम लेंगे।
प्रेस वार्ता में तेज राम, मोहन राम, किशन टम्टा, जीवन तिवाड़ी, महेशानंद, जगदीश भारती, राहुल कीर्ति आदि उपस्थित रहे।