हल्द्वानी: चलो आज फिर मीडिया में छा जाते हैं, चलो मंगलपड़ाव चलते हैं !

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हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। चलो मीडिया में छाते हैं, चलो मंगलपड़ाव चलते हैं ! यह लाइन हल्द्वानी की उस प्रशासनिक और पुलिसिया कार्यशैली को उजागर करने के लिए काफी है जो पिछले कई सालों से लगातार हल्द्वानी में चल रही है। यानी हल्द्वानी की आम जनमानस की आंखों में खुल्लम खुल्ला धूल झोंकने का काम खुद पुलिस और प्रशासन के जिम्मेदार कर रहे हैं।

सबसे पहले आप आज शाम जो हुआ वो जान लीजिए । दरअसल, गुरुवार शाम नगर आयुक्त ऋचा सिंह और नगर निगम की टीम, नवनियुक्त सिटी मजिस्ट्रेट गोपाल सिंह चौहान, एसडीएम राहुल शाह और आबकारी निरीक्षक धीरेंद्र बिष्ट हल्द्वानी के मंगलपड़ाव क्षेत्र स्थित डेयरी गली (मंगल पड़ाव चौकी के पास) में अवैध रूप से शराब परोसने वाली दुकानों में छापा मारने पहुंचे।

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अधिकारियों की तरफ से जारी प्रेसनोट के अनुसार, इस दौरान तीन से अधिक पेटियां देसी एवं विदेशी शराब की जब्त की गईं। 2 प्रतिष्ठान संचालकों को मौके पर पकड़ा गया जबकि 6 अज्ञात के विरुद्ध आबकारी अधिनियम के अंतर्गत मामला दर्ज किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त नगर निगम द्वारा 8 उल्लंघनकर्ताओं के विरुद्ध चालान जारी किया गया। इसी के साथ सरकारी खबर समाप्त…

अब असल खबर भी पढ़ते जाइए। सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया के दौर का कोई अगर भरपूर इस्तेमाल कर रहा है तो वो हल्द्वानी में तैनात पुलिस और प्रशासन के अधिकारी हैं। अब आप कहेंगे आखिर कैसे भला तो जवाब भी सुनिए।

दरअसल, फेसबुक लाइव, डिजिटल चैनल, न्यूज पोर्टल के दौर में खबर पलक झपकते ही हर मिजाज की खबर तेजी से वायरल होती है। ऐसे में खबर अगर अधिकारियों के छापे से जुड़ी हो तो वो खूब सुर्खियां बटोरती है। और इस बात को आम आदमी के साथ साथ पुलिस प्रशासन में बैठे जिम्मेदार भी बखूबी समझते हैं।

हल्द्वानी शहर के बीचोबीच मंगलपड़ाव चौकी के पास डेयरी वाली गली और आसपास स्थित दुकानों में सालों अवैध रूप से शराब परोसने का धंधा चल रहा है।

इस बात को हल्द्वानी का बच्चा बच्चा जानता है। लेकिन जो मजाल जिले के एसएसपी ने कभी मंगलपड़ाव के किसी चौकी इंचार्ज को तलब किया हो। पुलिस ही क्यों बीते सालों में कभी किसी जिला आबकारी अधिकारी ने आबकारी निरीक्षक से नहीं पूछा होगा भई ये सब चल क्या रहा है?

तो क्या प्रशासन और पुलिस के अधिकारी हल्द्वानी के लोगों को बेवकूफ समझते हैं। अगर ऐसा है तो जान लें ये जनता है सब जानती है। कैसे शहर में पुलिस प्रशासन की नाक और शह से नशे का कारोबार फलफूल रहा है। खुद उत्तराखंड पुलिस के पूर्व पुलिस महानिरीक्षक अभिनव कुमार ने हल्द्वानी दौरे के दौरान कहा था कि नशे का कारोबार पुलिस की शह के बिना संभव नहीं है। हालाकि इसके बाद एसएसपी का “तुम्हारी आत्मा मर चुकी होगी मेरी नहीं” वाला वीडियो भी खूब वायरल हुआ था। लेकिन फिर भी हाल वही ढाक के तीन पात जैसा…

पुलिस और प्रशासन के जिम्मेदारों को भी पता है कि आज के डिजिटल मीडिया और सनसनी वाली खबरों से अखबार भरने को लालायित दौर में सबकुछ आसान है। लेकिन कोई पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को बताए कि अब मंगलपड़ाव की खासकर डेयरी वाली गली में अब छापा मारने न जाएं क्योंकि शहर का हर नागरिक जानता है कि ये सब कोतवाली पुलिस, मंगलपड़ाव चौकी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की छत्रछाया में ही सालों से संभव हो रहा है।

यहां सुबह से शाम तक दुकानों के बाहर आपको शराबी लेटे मिल जायेगें। दुकानों के भीतर जाम छलकना तो आम बात है। बीते समय में कितने ही मंगलपड़ाव चौकी इंचार्ज यहां पोस्टिंग पाकर फिर शहर के दूसरे थानों में थानाध्यक्ष बन गए। यानी कुछ तो बात है इस चौकी में…

कुछ तो इस गली में छापा मारकर अपनी स्वयंभू रील वाली सिंघम छवि को रंधा भी लगा गए। हर बार यही सब छापामार ड्रामा चलते रहा। बेहिसाब न्यूज पोर्टल्स की हेडिंग से लेकर खुद को विश्वसनीय पत्रकारिता करने वाला घोषित करने वाले अखबारों तक सुर्खियां बनीं लेकिन आज दिन तक न किसी डीएम और न ही किसी एसएसपी का कार्यकाल ऐसा कुछ कर पाया कि मंगलपड़ाव क्षेत्र अवैध शराब और नशा माफियाओं से मुक्त हो सके।

हर बार की तरह आज भी अधिकारियों ने पाया कि डेयरी गली में कई रेस्टोरेंट्स में अवैध रूप से शराब परोसी जा रही थी। कुछ स्थानों पर ग्राहक और प्रतिष्ठान स्वामी टीम को देख कर मौके से फरार भी हो गए बल….

क्षेत्र में तीन से अधिक स्थानों पर अवैध रूप से देसी एवं विदेशी शराब की पेटियाँ परोसी जा रही थीं। एक और बड़ी बात बल कि यह अभियान भविष्य में भी निरंतर जारी रहेगा ताकि सार्वजनिक स्थानों पर अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण किया जा सके।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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