हल्द्वानी में गजब हाल: कानूनगो अशरफ ने घर में खोल दी तहसील! आज भनक लगी

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हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि जिस हल्द्वानी शहर में डीएम से लेकर तमाम प्रशासनिक अधिकारी अपने बंगलों में शोभायमान रहते हैं, उस हल्द्वानी शहर में एक कानूनगो ने सारा खेल खोल दिया। हल्द्वानी तहसील में तैनात कानूनगो ने अपने घर को तहसील बना दिया था। आज उसके घर में फाइलों का ढेर देखकर एक बार के लिए आयुक्त दीपक रावत भी हैरान रह गए।

कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने मंगलवार सुबह करीब 11 बजे हल्द्वानी तहसील का निरीक्षण किया। इस दौरान आयुक्त के अधिकतर सवालों का उचित जवाब तहसीलदार मनीषा बिष्ट भी नहीं दे पाईं। अमीन, पटवारी बगलें झांकने लगे।

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आयुक्त के निरीक्षण के दौरान पाया कि सुपरवाइजर कानूनगो अशरफ अली ने धारा 143 से संबंधित अभिलेख अपने घर पर रखे थे। जिसके बाद आयुक्त दलबल के साथ कानूनगो अशरफ के बरेली रोड स्थित घर पहुंच गए।

जहां फाइलों का ढेर देखकर आयुक्त भी हक्के बक्के रह गए। इसे गंभीर अनुशासनहीनता मानते हुए आयुक्त ने संबंधित कानूनगो के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए। साथ ही जिलाधिकारी को भी निर्देशित किया कि सभी फाइलों की जांच की जाए और इस प्रकार की पुनरावृत्ति न हो।

इधर जैसे ही यह खबर फैली तो शहर में चर्चाओं का बाजार भी गरम हो गया। लोग खुसुर पुसुर करने कि कानूनगो का ये खेल बहुत पुराना है। इसकी खबर भी सबको थी, लेकिन सब चुप थे। सोशल मीडिया में लोग खुलकर बोले। कमेंट आए कि “माल नीचे से लेकर ऊपर तक पहुंचता है। लगता है इस बार माल सही ठिकाने नहीं पहुंचा।” आम आदमी को चक्कर पे चक्कर लगाने वाले तहसील में बैठे जिम्मेदारों की भनक आलाधिकारियों को न हो, ऐसा संभव नहीं।

वहीं, आयुक्त और सचिव मुख्यमंत्री दीपक रावत ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री के निर्देश हैं कि तहसील, सब-रजिस्ट्रार ऑफिस जैसे कार्यालय ऐसे हैं जहाँ आम जनता का रोजाना संपर्क होता है। इनकी समय-समय पर जाँच आवश्यक है और प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए। इस क्रम में यह निरीक्षण किया गया।

निरीक्षण के दौरान आयुक्त ने तहसील परिसर की सफाई, शौचालय, पार्किंग व्यवस्था और सुरक्षा से संबंधित प्रावधानों की समीक्षा की। उन्होंने मुख्य गेट पर सीसीटीवी लगाने, शौचालयों की नियमित सफाई और जल आपूर्ति सुनिश्चित करने तथा पार्किंग क्षेत्र को सुव्यवस्थित करने के निर्देश दिए।

गत वर्ष से लंबित प्रकरणों सहित इस वर्ष 1 जनवरी से अब तक कुल 7000 प्रकरण तहसील में दर्ज हैं, जिनमें से 1044 लंबित हैं। आयुक्त ने निर्देश दिए कि पुराने मामलों की सुनवाई में लंबी तिथियां न दी जाएँ और तीन साल से अधिक पुराने मामलों को अगले तीन माह में निस्तारित किया जाए।

इसके अलावा, तहसील में दाखिल-खारिज और नोटशीट संबंधी प्रक्रियाओं की समीक्षा की गई। कुछ मामलों में नोटशीट में वर्तमान स्थिति और कार्यवाही का विवरण नहीं लिखा गया था। इन मामलों में भी निर्देश दिए गए कि संबंधित आदेशों का पालन सुनिश्चित किया जाए और रिपोर्ट समय पर प्रस्तुत की जाए।

साथ ही यह जानकारी मिली कि इस वर्ष अब तक ₹3.45 करोड़ की वसूली हो चुकी है और ₹4.99 करोड़ की वसूली अभी और होनी है। आयुक्त ने संतोष व्यक्त किया और निर्देश दिए कि वसूली मामलों की सूची सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित की जाए।

आयुक्त ने कहा कि हल्द्वानी तहसील में व्यवस्थाओं और प्रक्रिया सुधार के लिए निरंतर निगरानी की जाएगी। सभी अधिकारियों को समयबद्ध निस्तारण, पारदर्शिता और अनुशासन सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि जनता को सुचारु और भरोसेमंद सेवा उपलब्ध हो सके।

निरीक्षण के समय सिटी मजिस्ट्रेट गोपाल सिंह चौहान, तहसीलदार मनीषा बिष्ट मौजूद रहे।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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