हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। मंगलवार के दिन हल्द्वानी कांग्रेस पार्टी के संभावित मेयर उम्मीदवार सुबह सुबह अपने ईष्ट, भगवान, खुदा के आगे शीश झुकाकर स्वराज आश्रम पहुंचने को बेताब थे। हर कोई निकाय चुनाव प्रभारी और कांग्रेसी दिग्गज गोविंद सिंह कुंजवाल के सामने अपना पक्ष रखकर दावेदारी करने को आतुर था।
कुल 26 छोटे बड़े सियासी अनुभव वाले नेता अपनी दावेदारी करने दिग्गज कांग्रेसी गोविंद सिंह कुंजवाल के पास पहुंचे लेकिन हल्द्वानी के एक कांग्रेसी नेता ऐसे भी थे जिनकी जिद कहें या अपने तिलिस्म का शुरूर…उनके कदम कांग्रेस कार्यालय तक नहीं पड़े।
हालाकि वो भाग्यशाली कांग्रेसी ही होगा जिसने आखिरी बार इस वीवीआईपी कांग्रेस नेता के चरण स्वराज आश्रम में पड़ते देखे हों। स्वराज आश्रम तो छोड़िए इन नेताजी को हल्द्वानी के लोगों ने साल में दो चार बार सड़क पर होने वाले कांग्रेस के प्रदर्शन का हिस्सा बनते भी नहीं देखा होगा।
हमारी बात पर यकीन नहीं तो हल्द्वानी शहर में कांग्रेस का झंडा बुलंद करने वाले और भाजपा सरकार का पुतला फूंकने और काले गुब्बारे दिखाने के एक्सपर्ट हेमंत साहू से पूछ लीजिए, वो भी यही कहेंगे कि इन वीवीआईपी नेताजी का नाता कांग्रेस से है जरूर लेकिन इनका वास्ता कभी हल्द्वानी में कांग्रेस को संगठित करने या आगे बढ़ाने में नहीं रहा।
ये नेताजी अपने कैंपनुमा किले में ही कांग्रेस को आगे बढ़ाते हैं। जबकि ये इस काबिल हैं कि कांग्रेस के टिमटिमाते लम्फू में करिश्माई तेल भरकर उसे रॉकेट बना दें खैर…
लेकिन अपने आसपास 24×7 टिमटिमाती सूचना तंत्र की लालटेन का जीरो वाट वाला उजाला रखने वाले नेताजी ने ये हवा हल्द्वानी में जरूर फैला दी है कि अगर उन्हें टिकट मिला तो भाजपा के घर में कांग्रेस का झंडा गाढ़कर ही दम लेंगे। लेकिन कांग्रेस के दावेदारों की लिस्ट में नेताजी का नाम गायब है। अब कांग्रेसी भी कह रहे हैं यार हद हो गई अगर तुम्हें चुनाव लड़ना ही है पार्टी की चुनाव प्रक्रिया का पालन तो करो।
यानी 10 साल बाद हल्द्वानी की मेयर सीट पर अगर कोई कांग्रेसी मेयर बनने का दम रखता है तो यही नेताजी हैं। बाकी के ये 26 तो टाइमपास हैं, इनसे कुछ न होने वाला।
लेकिन कांग्रेस के भाग्य में ये हल्द्वानी की सत्ता सुख तभी आएगा जब कोई वरिष्ठ कांग्रेसी हाइजिन वाली प्लेट में ये प्रस्ताव नेताजी के दफ्तर में रखकर लाए और कहे कि भाई साहब आज जो 26 दावेदार कुंजवाल जी के सामने आए थे, ये सब दूध पीते कल के बच्चे हैं। एक शेर तुम ही हो नेताजी, जो हल्द्वानी में भाजपा के टाइगरों का मुकाबला अपने खास वाहन का इंजन स्टार्ट करके ही कर सकता है।
लेकिन इन वीवीआईपी कांग्रेस के नेताजी के दफ्तर में दीवार पर टंगे कैलेंडर की तरह शांत रहने वाले सूत्रों की मानें तो नेताजी को इन सब हवाओं को उड़ाकर आनंद की प्राप्ति होती है। कहें तो चरमसुख।
नेताजी की अपनी दुनिया ही इतनी विशाल और भव्य है कि उन्हें राजनीति की कालिख में उतरने की जरूरत नहीं। लेकिन कभी कभी साल में एक दो बार नेताजी के रगों में अचानक नेतागिरी का खून दौड़ने लगता है। फिर वो सोचने लगते हैं कि काश मैं मेयर बन जाता, काश मैं विधायक या सांसद बन जाता। ऐसा ही पिछले दो दिनों से हो रहा है।
आज कांग्रेस के किसी भी छोटे से बड़े कार्यकर्ता और पदाधिकारी ने सुबह से देर शाम खबर लिखे जाने तक नेताजी के सामने मेयर का चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा ही नहीं। तबसे नेताजी भन्नाए हुए हैं।
हालाकि जैसा ही हम पहले भी बता चुके हैं कि कांग्रेस के इन दिव्य सोच वाले नेताजी के पास एक पॉवरफुल सूचना तंत्र वाली लालटेन का जंबो पैक भी है जो पूरी ताकत झोंक कर नेताजी की हर झोंक हल्द्वानी वालों के सामने झोंक देते हैं।
कभी नेताजी के अपने और आज किन्हीं वजहों से दूर हुए कुछ लोग आज स्वराज आश्रम पहुंचे थे। हालाकि वो 26 दावेदारों में से एक फुस्स दावेदार के साथ आए थे। ये फुस्स दावेदार भी गजब का है। अब आप कहेंगे ये अचानक वीवीआईपी कांग्रेसी नेता की बात करते करते आप फुस्स नेता पर क्यों आ गए?
दरअसल ये फुस्स नेता भी इन वीवीआईपी नेताजी के दफ्तर की परिक्रमा करता रहता है। ऐसे में ये भी खुद को किसी रियासत के शहंशाह से कम नहीं समझता। खैर, अगर कोई इसी गफलत में खुश है तो बुरा भी क्या है।
इस फुस्स नेता ने भी कुछ समय पहले अपनी गली मोहल्ले के साथ साथ अपनी तस्वीर वाले कुछ होर्डिंग शहर के मुख्य रास्तों के खंभों में लगाए थे। ये जताया था कि कभी भाजपा तो कभी कांग्रेस की कश्ती में सवार होने के बाद भी वह कांग्रेस का मेयर प्रत्याशी बन जाएगा।
हालाकि एक सच ये भी था कि होर्डिंग लगाने का यह दिमाग और पैसा इस फुस्स नेता को शहर के ही एक दिग्गज कांग्रेसी ने दिया था। ताकि एक दूसरे दिग्गज कांग्रेसी की राह को मुश्किल बनाने में कुछ मदद मिले। हालाकि यह प्लान फेल रहा।
पता चला कि मेयर तो दूर की बात यह फुस्स कांग्रेसी नेता अपने वार्ड में पार्षद भी नहीं बन सकता। फिर भी हर वक्त तड़ी में रहने वाले इस फुस्स नेता का नाम आज 26 मेयर के दावेदारों में था। ये भी ऊपर वाले नेता का पैंतरा था।
ये ख्वाब भी ठीक वैसे ही था जैसे शहर के वीवीआईपी नेताजी में आज देखा। मेरे घर या दफ्तर आओ टिकट देने तभी मैं कांग्रेस को मेयर का चुनाव जितवाऊंगा। वरना दिग्गज कांग्रेसी गोविंद सिंह कुंजवाल जानें या फिर कांग्रेस आलाकमान…
लेकिन याद रखना हे कांग्रेसियों! आज भले तुम मेरे दर पर मेयर का टिकट लेकर नहीं आए, लेकिन ये जान लो कि मुझे 2025 में मेयर न सही 2027 में विधायक या 2029 में सांसद तो बनना ही है बल… फिर देखूंगा कौन कौन आता है मेरे घर और कैंप ऑफिस…
यह भी पढ़ें : हल्द्वानी में कांग्रेस के 26 दावेदार, सबसे भारी ललित जोशी की मेयर दावेदारी, स्वराज आश्रम बना साक्षी