हल्द्वानी: नशे के कारोबार में पुलिस की मिलीभगत की है खबर तो डायल करें ये नंबर, SOTF बन गई है 

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हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। उत्तराखंड में नशा माफिया का फैलता नेटवर्क किसी से छुपा नहीं है। फिर चाहे स्मैक हो, चरस हो, नशीले इंजेक्शन हो या फिर शराब… हल्द्वानी से लेकर पर्वतीय जिलों में नशे की खेप धड़ल्ले से पहुंच रही है।

बीच बीच में हल्द्वानी, नैनीताल समेत कुमाऊं के छह जिलों में तैनात पुलिस नशा तस्करों को पकड़ती भी है। लेकिन सच यह है कि नशा माफिया का नेटवर्क कायम रहता है। बरेली और आसपास के इलाकों से लगातार वाया हल्द्वानी नशे की खेप पहुंच रही है।

हर बार एक दो छोटे मोटे तस्कर पुलिस की पकड़ में  आते हैं लेकिन असल माफिया हर बार बच जाता है। या बचा किया जाता है, कुछ कह नहीं सकते। नतीजा नशे की खेप लगातार खप रही है। और उत्तराखंड की जड़ें खोखली हो रही हैं।

उत्तराखंड की जड़ों से मतलब यहां के वो युवा हैं जिन पर परिवार के साथ साथ राज्य की बेहतरी की जिम्मेदारी है। लेकिन आसानी से उपलब्ध नशे के जाल में वो लगातार धंस रहे हैं।

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या नशे का ये नेटवर्क पुलिस की मिलीभगत के बिना संभव है? क्या थाना चौकी और एसओजी के जिम्मेदारों की भूमिका पर सवाल नहीं उठने चाहिए? क्या सरकारी तनख्वाह में ऐशों आराम वाली चकाचौंध वाली जिंदगी और कोठियों में गुजारा संभव है?

इन तमाम सवालों का जवाब कुछ वक्त पहले हल्द्वानी पहुंचे तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक अभिनव कुमार ने भी दिए थे। पुलिस महानिरीक्षक अभिनव कुमार ने साफ कहा था कि नशे का कारोबार पुलिस की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है। तब डीजीपी का यह बयान खूब चर्चा में रहा था। आमजन ने इसे सबसे ज्यादा पसंद किया था।

लेकिन तत्कालीन डीजीपी के इस बयान के बाद से आज दिन तक किसी भी थाना चौकी या उच्च पदस्थ वर्दीधारी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं हुआ। यानी साफ है नशे के खिलाफ मिलीभगत जारी है।

कुमाऊं रेंज के विभिन्न जनपदों से जनप्रतिनिधियों, आमजनमानस द्वारा लगातार ड्रग्स की बिक्री, पुलिस की मीलीभगत से हो रहे भ्रष्टाचार एवं गंभीर संगठित अपराधों की शिकायतें प्राप्त हो रही थी।

इन शिकायतों के निस्तारण हेतु सम्बन्धित जनपदों को ही निर्देशित किया जाता रहा है, किन्तु अक्सर देखने में आया है कि स्थानीय पुलिस द्वारा शिकायतों को गम्भीरता से न लेकर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है और अपराधियों के साथ मिलीभगत होना भी संज्ञान में आया है।

साथ ही साथ देखने में आया है कि स्कूल/कॉलेजों एवं शिक्षण संस्थानों के आस पास नशे के अवैध कारोबारियों द्वारा युवाओं को नशे की गिरफ्त में फंसाकर उनका शारीरिक, मानसिक और सामाजिक पतन किया जा रहा है।

यही वजह है कि अब पुलिस महानिरीक्षक कुमाऊं ने रिद्धिम अग्रवाल ने पुलिसिया मिलीभगत के खिलाफ एक्शन लिया है।

कुमाऊं में रेंज स्तर पर SOTF (Special Operations Task Force) का गठन किया गया है। इन टीमों का उद्देश्य नशे के कारोबार और पुलिस की मिलीभगत से हो रहे भ्रष्टाचार पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करना है, साथ ही समाज में कानून-व्यवस्था और शांति-सुरक्षा को और अधिक सुदृढ़ करना है।

ऐसे में अगर आपको यानी आम जनता को हल्द्वानी या कुमाऊं में कहीं भी नशे के कारोबार में पुलिस की मिलीभगत की जानकारी है तो हेल्पलाईन नम्बर 9411110057 पर दे सकते हैं। सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जायेगा।

आम जनमानस द्वारा अवैध ड्रग्स के कारोबार, संगठित अपराध, जघन्य अपराध एवं पुलिस की संलिप्तता से हो रहे भ्रष्ट्राचार की सूचना इस नंबर पर दी सकती है। अन्य शिकायतों एवं आपातकालीन स्थिति के लिए डायल 112 पर कॉल करें।

पुलिस महानिरीक्षक कुमाऊं ने स्पष्ट किया है कि यदि SOTF की कार्रवाई के दौरान कोई पुलिसकर्मी किसी आपराधिक गतिविधि में संलिप्त पाया जाता है तो उसके विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। इस संदर्भ में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी।

इसी के मद्देनजर आईजी कुमाऊं ने प्रेस को जारी बयान में बताया कि इन अपराधों के त्वरित और निष्पक्ष निस्तारण के लिए कुमाऊं रेंज के सभी जनपदों से इच्छुक एवं योग्य पुलिसकर्मियों का साक्षात्कार लेकर उनका चयन कर एक विशेष स्पेशल ऑपरेशन टास्क फोर्स (SOTF) का गठन किया गया है।

यह टीम परिक्षेत्रीय स्तर पर नशे के कारोबार एवंप पुलिस की संलिप्तता से हो रहे भ्रष्ट्राचार के सम्बन्ध में आने वाली शिकायतों पर त्वरित एवं निष्पक्ष कार्यवाही के लिए आईजी के निर्देशन में गुण दोष के आधार पर स्वयं जांच करेगी, जिससे इस प्रकार की शिकायतों का प्रभावी रुप से निस्तारण किया जा सकेगा।

आईजी कुमायूं ने साफ शब्दों में कहा कि यदि जांच के दौरान यह सामने आता है कि किसी भी स्तर पर पुलिस की मिलीभगत पायी गयी, तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी भी पुलिसकर्मी को इस मामले में बख्शा नहीं जाएगा। यह टीम न सिर्फ जनता की शिकायतों को गंभीरता से सुनेगी, बल्कि हर मामले की तह तक जाकर दोषियों पर शिकंजा कसेगी।

इस निर्णय से न केवल अपराधों पर नियंत्रण की उम्मीद बढ़ी है, बल्कि जनता में भी विश्वास जगा है कि अब उनकी शिकायतों को गंभीरता से सुना जाएगा।

कुमायूं रेंज पुलिस का यह कड़ा और ऐतिहासिक कदम न केवल अपराधियों में भय पैदा करेगा, बल्कि ईमानदार पुलिसकर्मियों के मनोबल को भी बढ़ाएगा। इससे साफ संकेत मिलते हैं कि कुमायूं रेंज में अब किसी भी आपराधिक तत्व को पनाह नहीं दी जाएगी और हर हाल में कानून का राज स्थापित किया जाएगा।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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