
हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। इस दुनिया में दो सच हैं। एक ये कि सृष्टि का मालिक परमपिता परमात्मा हैं। उनका नाम सच्चा है चाहे जो उन्हें जिस रूप में पूजे। दूसरा सच यह है कि सरकारी विभागों में जिम्मेदार पदों पर तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों को रिश्वत लेनी ही है।
अगर कोई सरकारी अधिकारी या कर्मचारी आपसे आपके जायज काम के बदले नोटों की डिमांड न करे तो समझ जाइए या तो आप का प्रारब्ध अच्छा है या फिर वो सरकारी अधिकारी दिव्य अवतारी महामानव है।
अब देखिए ना, वन विभाग को ही ले लीजिए। जंगल में मोर नाचा किसने देखा वाली कहावत भी कहीं न कहीं वन विभाग के लिए ही बनी होगी।
तराई पूर्वी वन प्रभाग के किशनपुर रेंज अवैध कटान और अनियमितताओं को लेकर लगातार चर्चा में रहता है। यहां उगाही के आरोप में एक दरोगा को निलंबित होना पड़ा है।
तराई पूर्वी डिवीजन का जंगल गौलापार क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। जानकारी के अनुसार, किशनपुर रेंज में तैनात वन दरोगा अमर बिष्ट ने चोरगलिया रोड में 16 फरवरी की रात को एक ट्रक को रोका। ट्रक में निजी बागान (नाप भूमि) से काटे आम की लकड़ी लदी थी।
आरोप है कि वन दरोगा बिष्ट ने वाहन छोड़ने के एवज में रिश्वत की मांग की। लकड़ी मालिक ने इसकी शिकायत तराई पूर्वी वन प्रभाग के डीएफओ हिमांशु बागरी से कर दी। डीएफओं ने जांच के बाद वन दरोगा बिष्ट को निलंबित कर दिया है। वन दरोगा को डीएफओ कार्यालय के बाद अब एसडीओ शारदा के कार्यालय में अटैच किया गया है।