
हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। अगर आपके घर में बुजुर्ग माता पिता हैं तो यह खबर आपके लिए ही है। आज के भागमभाग दौर में बच्चे अपना करियर बनाने में बिजी हैं तो पीछे घर में बुजुर्ग माता पिता किस मनोस्थिति में जी रहे हैं, कोई पूछने वाला नहीं है। कई बुजुर्ग ऐसे भी हैं जिनका कोई बेटा नहीं और बेटियों को शादी कर विदा कर दिया। यानि घर घर की अपनी कहानी। ऐसे में एकाकी जीवन जी रहे बुजुर्ग लगातार घर बैठे धोखाधड़ी का शिकार बन रहे हैं।
हल्द्वानी के पीलीकोठी रोड में नरसिंह बाड़ी के पास रहने वाले 80 वर्षीय धन सिंह बिष्ट साइबर ठग गिरोह का शिकार हो गए। और उनकी जिंदगी भर की मेहनत की करीब 20 लाख रुपए ठगों ने घर बैठे बैठे उनसे लूट लिए।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय से जुड़े बुजुर्ग धन सिंह बिष्ट को ठगों ने मनी लॉन्ड्रिंग के कारण कानूनी पचड़े में फंसने का डर दिखाकर डिजिटल अरेस्ट किया। और उनसे 20 लाख रुपये की ठगी लिए। पीड़ित ने मुखानी थाने में तहरीर देकर ठगों से पैसा वापस दिलाने की गुहार लगाई है। फिलहाल पुलिस ने रुद्रपुर स्थित साइबर क्राइम थाने में प्राथमिकी दर्ज की है।
धन सिंह बिष्ट ने पुलिस को बताया कि वह इफको बरेली से सेवानिवृत्त होने के बाद वह पत्नी के साथ पीलीकोठी नरसिंह बाड़ी क्षेत्र में रहते हैं। सात दिसंबर को उनके पास सुनीता नाम की महिला का फोन आया। उसने खुद को क्राइम ब्रांच दरियागंज की कर्मी बताते हुए कहा कि उनके आधार कार्ड से केनरा बैंक में खाता खुला है। इस खाते से मनी लॉन्ड्रिंग हो रही है और वह कानूनी पचड़े में फंस सकते हैं।
महिला ने धमकाते हुए जांच पूरी होने तक किसी को कुछ नहीं बताते और घर में ही रहने के लिए कहा। सात से नौ दिसंबर के बीच उनके पास सीबीआई और क्राइम ब्रांच के नाम पर लगातार वीडियो कॉल आए।
डर की ही वजह से धन सिंह सात दिसंबर को रामनगर में आयोजित परिवार की शादी में भी न जा सके। नौ दिसंबर को उन्होंने कुसुमखेड़़ा के एसबीआई शाखा में जाकर दो एफडी तुड़वाई और 20 लाख रुपए आरोपियों के बताए खाते में भेज दिए। इसके बाद नौ दिसंबर को जब वह रामनगर गए तो परिजनों को उनके व्यवहार में परिवर्तन दिखा। पूछने पर उन्होंने ठगों की पूरी बात बता दी।
इन मामलों से भी नहीं लिया सबक
साढ़े तीन महीने पहले नैनीताल के मल्लीताल क्षेत्र में रिटायर्ड कुलपति को डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठगों ने उनके खाते 1.47 करोड़ रुपये उड़ा लिए। बुजुर्ग होने के कारण महिला ने बैंककर्मियों को घर बुलाकर अपने तीन खातों से ठगों के पांच खातों में यह रकम ट्रांसफर करवाई। एक बैंक कर्मी को शक होने के बाद महिला को ठगी का एहसास हुआ।
छह माह पहले आवास विकास निवासी 87 वर्षीय बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट किया गया। सेना से रिटायर्ड कर्नल तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट रहे। बैंक में जब वह 16 लाख रुपए की एफडी तोड़ने गए तो बैंक कर्मी को शक हो गया। बुजुर्ग पूरी तरह से कॉलर के प्रभाव में थे। उन्होंने एसबीआई मैनेजर कक्ष का सीसीटीवी तक बंद करा दिया था।
इतना ही नहीं पिछले साल मई में यूओयू के रिटायर्ड प्रवक्ता बिठौरिया निवासी बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट किया गया। कुरियर में ड्रग्स के साथ उनका आधार और पैन कार्ड के गलत इस्तेमाल की बात कहते हुए धमकाया गया। उन्होंने चार लाख रुपये भी ट्रांसफर कर दिए थे। होने का झांसा देकर आनॅलाइन हाउस अरेस्ट कर दिया। इसके बाद चार लाख रुपये खाते में डलवा लिए।
ये साइबर ठगी के महज तीन मामले नहीं है बल्कि अनगिनत मामले लगातार सामने आ रहे हैं। कई बार तो पीड़ित अपनी पहचान समाज में सार्वजनिक होने की शर्म से खुद के साथ हुई ठगी को पुलिस के सामने भी नहीं लाते। ऐसे में जरूरी है कि अगर आपके घर या जान पहचान में कोई बुजुर्ग अकेले रहते हैं तो उनका ध्यान रखें। उनसे समय समय पर नियमित बात करें। और उन्हें आज के दौर के इन ठगों से जागरूक करें।









