हल्द्वानी (बड़ी खबर): जिला कोर्ट के फैसले के बाद ललित जोशी की प्रतिक्रिया आई सामने, बोले…

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हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। हल्द्वानी नगर निकाय चुनाव में मेयर पद के प्रत्याशी कांग्रेस के ललित जोशी की मतगणना में गड़बड़झाले की याचिका को जिला न्यायालय ने खारिज कर दिया है।

जिला कोर्ट के फैसले के बाद पहली प्रतिक्रिया में ललित जोशी ने कहा कि उनकी लड़ाई कुर्सी के लिए नहीं है बल्कि हल्द्वानी की सम्मानित जनता के उस वोट के लिए है जो सत्ता और प्रशासन के गठजोड़ के कारण बर्बाद हुआ।

ललित जोशी ने साफ कहा कि चुनाव के जारी नतीजे उन्हें मेयर भले न बना सके लेकिन हल्द्वानी के लोगों का प्यार उन्हें एकतरफा मिला है। अब वो न्याय के लिए हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।

ललित जोशी ने जिला प्रशासन और मतगणना से जुड़े कार्मिकों पर गंभीर आरोप लगाते हुए चुनाव को रद्द करने और चुनाव दोबारा कराने की मांग की थी, लेकिन नैनीताल के जिला न्यायालय ने यह कहते हुए ललित जोशी की याचिका को खारिज कर दिया कि उनकी याचिका निर्धारित समय के बाद दाखिल हुई है। ऐसे में इस पर सुनवाई नहीं हो सकती।

बताते चलें कि याचिका में कांग्रेस नेता ललित जोशी ने कहा है कि चुनाव में भाजपा प्रत्याशी गजराज सिंह बिष्ट को 71,962 मत मिले जबकि उन्हें 68,068 मत मिले हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव में 6769 मत निरस्त हुए हैं, जो जीत के अंतर से कहीं ज्यादा हैं।

जोशी ने कहा कि मतदान फार्म-19 में दर्ज मतों की संख्या और मतपेटियों से प्राप्त मतों की संख्या में भी काफी अंतर है। उन्होंने आनंदा अकादमी डहरिया मुखानी के दो बूथ, महर्षि विद्या मंदिर के दो बूथ और एक अन्य का हवाला देते हुए इस अंतर की शिकायत की है।

याचिका में ललित जोशी ने कहा कि बड़े पैमाने पर मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से गायब थे। आरोप है कि कई मामलों में गलत नाम दर्शाकर लोगों को मतदान से रोका गया। साथ ही मतदाता सूची में 25 फीसदी की गड़बड़ी है।

कांग्रेस के मेयर प्रत्याशी ललित जोशी ने नैनीताल जिला सत्र न्यायालय में इलेक्शन याचिका दायर कर कहा कि उनके वोटों को गलत तरीके से रद्द किया गया है। उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट से कई लोगों के नाम काटे गए। सरकार ने अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए अपनी पावर का दुरुपयोग किया है। सरकार ने उन्हें छल-कपट से हराया।

प्रशासन ने मनमानी की और अनियमितताओं के कारण उन्हें हार का सामना करना पड़ा, इसलिए इस चुनाव को निरस्त किया जाए।

वहीं मेयर गजराज बिष्ट के अधिवक्ता ने आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि इलेक्शन याचिका, एक्ट के अनुसार समय अवधि पूरी होने के बाद दायर की गई है, जो असंवैधानिक है। साथ ही सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के आदेशों को भी न्यायालय के समक्ष रखा गया।

बताते चलें कि 23 जनवरी को उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव हुए थे जबकि 25 जनवरी को मतगणना के बाद हल्द्वानी से भाजपा प्रत्याशी गजराज बिष्ट ने मेयर सीट पर जीत हासिल की थी। हल्द्वानी में कुल मत 1,58,646 पड़े। जिसमें कांग्रेस के ललित जोशी को 68,068 जबकि बीजेपी के गजराज बिष्ट को 71,962 मत मिले और 6,769 मत रद्द हुए थे।

इससे पहले नैनीताल जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा चुनाव ट्रिब्युनल सुबीर कुमार की न्यायालय ने हल्द्वानी के मेयर पद के लिए हुए निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका को स्वीकार किया था। न्यायालय की ओर से रिटर्निंग ऑफिसर, शहरी विकास समेत संबंधित प्रत्याशियों को नोटिस जारी किए थे।

हालाकि जिला न्यायालय के फैसले के बाद मेयर गजराज सिंह बिष्ट के समर्थकों में उल्लास है तो वहीं कांग्रेस नेता ललित जोशी ने एक बार फिर हाइकोर्ट जाने के बात कहकर मेयर चुनाव की मतगणना में हुए गड़बड़झाले के मामले को ठंडा होने से रोक दिया है।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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