हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। मंगलपड़ाव से रोडवेज तक सड़क के दोनों ओर बनी 101 दुकान, भवन, प्रतिष्ठान, एक धार्मिक स्थल के स्वामियों व प्रबंधन को हाइकोर्ट से 10 दिन की राहत मिली है। जिसके बाद पीडब्लूडी और नगर निगम ने 101 व्यापारियों को थमाया नोटिस वापस लेने को मजबूर होना पड़ा है।
इन सभी 101 दुकानों और भवनों को 23 अगस्त तक अतिक्रमण हटाने का नोटिस हाइकोर्ट के आदेश पर नगर निगम और पीडब्लूडी के अधिशाषी अभियंता की ओर से दिया गया था। बकायदा नोटिस जारी कर व्यापारियों से कहा गया था कि 23 अगस्त तक अतिक्रमण खुद हटा लें वरना बुलडोजर की कार्रवाई का खर्च भी कब्जाधारकों को देना पड़ेगा।
बताते चलें कि नगर निगम ने मंगलपड़ाव से रोडवेज तक सड़क के दोनों ओर बनी 101 दुकान, भवन, प्रतिष्ठान, एक धार्मिक स्थल के स्वामियों व प्रबंधन को नोटिस जारी कर स्वयं अपना अतिक्रमण हटाने को कहा था लेकिन कुछ व्यापारियों और निजी प्रतिष्ठान स्वामियों ने अतिक्रमण हटाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद गठित कमेटी ने 92 लोगों को अतिक्रमणकारी माना था।
मंगलवार को हाईकोर्ट ने व्यापारियों और निजी प्रतिष्ठान स्वामियों को दिए स्टे को रद्द कर दिया था। स्टे रद्द होने के बाद अब नगर निगम ने अतिक्रमणकारियों को 23 अगस्त तक स्वयं अपना अतिक्रमण हटाने की मोहलत दी थी।
नगर निगम ने मंगलपड़ाव से रोडवेज चौराहे तक सड़क के मध्य बिंदु से दोनों ओर 12 मीटर क्षैतिज दूरी पर निर्मित भवनों के कब्जेदारों से कहा था कि वह प्रशासन की ओर से पूर्व में चिह्नित अतिक्रमण को 23 अगस्त तक स्वयं हटा लें। 23 अगस्त तक अतिक्रमण न हटाने की स्थिति में प्रशासन स्वयं कब्जे हटाएगा। प्रशासन की ओर से इस संबंध में मुनादी कराई गई थी।
नगर निगम और पीडब्लूडी के नोटिस में कहा गया था कि कब्जेदारों ने 23 अगस्त तक खुद व्यापारियों और भवन स्वामियों ने खुद अतिक्रमण नहीं हटाया तो उन्हें नगर निगम को बुलडोजर वाली कार्रवाई का भुगतान भी करना पड़ेगा। इधर, अतिक्रमण हटाने के आदेश के बाद व्यापारियों ने गुरुवार को नगर निगम में प्रदर्शन किया था।