

हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। यही वजह है जब किसी मां बाप के घर बेटी जन्म लेती है तो वो खुशी के साथ साथ उस अनजान फिक्र से भी घिर जाता है जो उनकी नन्ही सी जान के भविष्य से जुड़ी होती है।
आज का समाज में नारी अस्मिता से जुड़ी इस स्याह तस्वीर के सुधरने की हर वो मां बाप उम्मीद करते हैं जिनके घर बेटियां जन्म लेती हैं। लेकिन सच यह है कि देश भर के साथ साथ देवभूमि उत्तराखंड में दिनों दिन छोटी उम्र की मासूम बेटियों से लेकर मातृशक्ति की अस्मिता से खिलवाड़ हो रहा है। पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई का भी कुत्सित मानसिकता के लोगों पर कोई फर्क नहीं पड़ता।
यही वजह है कि स्पेशल जज पॉक्सो सुधीर तोमर की अदालत ने पॉक्सो के दोषी को 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाते हुए तल्ख टिप्पणी करने को मजबूर हुए।
उन्होंने कहा कि हत्यारा शरीर को मारता है जबकि दुष्कर्मी आत्मा को मार देता है। महिला का शरीर मंदिर की तरह होता है। किसी को उसके साथ जबरदस्ती करने का अधिकार नहीं है।
सोमवार को पांच साल पुराने मामले में अदालत ने उत्तर प्रदेश के कासगंज निवासी युवक पर 20 हजार का जुर्माना भी लगाया और पीड़िता को प्रतिकर के रूप में चार लाख रुपये देने के आदेश दिए।
पीड़िता के पिता ने 23 मार्च 2023 को लालकुआं थाने में 16 साल की बेटी की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। कासगंज के ग्राम बमिया थाना पटियाली निवासी सिन्दू कुमार उर्फ सिन्दू यादव नौकरी दिलाने का झांसा देकर उसे रुद्रपुर ले गया था। उसने दुष्कर्म किया, इसके बाद वह रामपुर और मथुरा ले गया। मथुरा रेलवे स्टेशन पर शक होने पर रेलवे पुलिस ने लालकुआं पुलिस को सूचित किया।
पुलिस दोनों को लालकुआं ले आई। किशोरी ने युवक की करतूत के बारे में बताया तो उसके खिलाफ केस दर्ज हुआ और 26 मार्च को किशोरी को परिजनों को सौंप दिया गया।
कोर्ट ने यह भी कहा कि मामले की जितनी भर्त्सना की जाए, वह कम है। बलात्कारी घृणित, दुषित, कलुषित एवं पथ विचलित मानसिक प्रवृत्ति का है। दुष्कर्म से उपजी मानसिक व शारीरिक पीड़ा को शब्दों में बयान कर पाना एक महिला के लिए मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है।




