हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। जिला विकास प्राधिकरण में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यशैली अक्सर सवालों के घेरे में रहती है। दुर्भाग्य यह है कि आज दिन आरोपी अधिकारियों पर कार्रवाई तो दूर जांच तक की जहमत नहीं उठाई गई।
नतीजा यह रहा कि हल्द्वानी से नैनीताल तक प्राधिकरण के दफ्तर के आसपास मैनेज कराने वालों ने डेरा जमा लिया। डेरा जमाने वालों में हल्द्वानी और जिले के कथित पत्रकार पहले नंबर पर हैं।
बीते 15 जुलाई की कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत के छापे में हल्द्वानी जिला विकास प्राधिकरण में तैनात जेई अंकित बोरा और हल्द्वानी के कथित पत्रकार की मिलीभगत का खुलासा खुद पीड़ित व्यक्ति ने किया था, वो भी लिखित में…
यह भी पढ़ें : अमेरिका से हल्द्वानी आए शख्स ने प्राधिकरण के JE और कथित पत्रकार की खोली पोल, कुमाऊं आयुक्त बने साक्षी
वर्तमान में अमेरिका रह रहे व्यक्ति ने लिखित में जेई अंकित बोरा और कथित पत्रकार की करतूत को आयुक्त के सामने रखा था। बताया था कि कैसे जिला विकास प्राधिकरण की कार्रवाई और भारी चालान का डर दिखाकर उसे रिश्वत देने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
मामला खुलने के बाद आयुक्त दीपक रावत ने आरोपी जेई को तीन दिन में स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए थे और कथित पत्रकार को भी जमकर लताड़ लगाई थी। इतना ही नहीं आयुक्त ने इस मामले की गंभीरता से जांच की भी बात कही थी।
हालाकि तीन दिन बीते आज चार दिन हो चुके हैं, आरोपी जेई अंकित बोरा ने आयुक्त को क्या जवाब दिया और इस मामले में जांच कहां तक बढ़ी, यह सार्वजनिक नहीं है। लेकिन अब भी आम जनमानस की नजर आयुक्त दीपक रावत की जांच में टिकी हुई है।
ताकि हल्द्वानी में कथित पत्रकारों बढ़ती फौज की वजह से जनहित की पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों के साथ ही प्राधिकरण में तैनात कर्तव्यनिष्ठ और ईमानदार अफसरों और कर्मचारियों की कार्यशैली पर सवाल न उठ सकें। तालाब की गंदगी को खत्म होने में भले वक्त लगे लेकिन ऐसा माहौल बनाने कोशिश हो रही है, ऐसा दिखे तो…
शहर और जिले की आम जनता जानना चाह रही है कि जब प्राधिकरण के दफ्तर में तैनात जेई की करतूत पीड़ित व्यक्ति कुमाऊं के सबसे बड़े प्रशासनिक अधिकारी के सामने खोलता है तो उस पर क्या कार्रवाई होती है?
हालाकि, आयुक्त के छापे के बाद यह साफ हो गया था कि अब प्राधिकरण में बड़ा फेरबदल होना तय है। आज उसके संकेत भी मिल गए।
जिलाधिकारी वंदना सिंह ने सोमवार को जिला विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
जिला विकास प्राधिकरण सभागार में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी वंदना सिंह ने प्राधिकरण सचिव विजय नाथ शुक्ल को लंबे समय से एक ही स्थान में डटे अधिकारियों के ट्रांसफर करने के निर्देश दिए।
डीएम ने कहा कि दो या उससे अधिक साल तक एक ही स्थान पर कार्यरत कर्मचारियों को सुपर विजन के साथ हल्द्वानी में कार्यरत कर्मचारियों को नैनीताल या अन्य जगहों में ट्रांसफर करने की बात कही, जिससे बदलाव के साथ कार्य बेहतर ढंग हो सके।
समीक्षा बैठक के दौरान डीएम ने विभाग में रिक्त पदों, प्रवर्तन कार्यवाही, अवैध निर्माण, चालान, ध्वस्तीकरण की जानकारी ली।
उन्होंने प्राधिकरण में कार्यरत करीब 150 से अधिक आर्किटेक्ट के लिए वर्कशाप लगाने के निर्देश दिए। जिससे नक्शों पर बार बार लगने वाली आपत्तियों का निस्तारण आसानी से हो सके।
इस दौरान उन्होंने सातताल, सूखाताल, खुर्पाताल में प्राधिकरण के हो रहे कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने विभाग में तैनात एई को जिले भर में चल रहे प्राधिकरण के कार्यों का सर्वे कर रिपोर्ट देने की बात कही।
अब देखना होगा कि जिला विकास प्राधिकरण के दफ्तर में लंबे समय से जमे अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले में प्राधिकरण के सचिव कितनी तेजी से एक्शन लेते हैं।
आयुक्त दीपक रावत के छापे में सामने आई हल्द्वानी जिला विकास प्राधिकरण में तैनात जेई की कार्यशैली उजागर होने के बाद से शहर में चर्चा है कि एक जेई नहीं ऐसे दूसरे भी कई हैं जो जिला विकास प्राधिकरण की चालानी कार्रवाई का डर दिखाकर आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान करना अपना अधिकार समझते हैं। लेकिन आज दिन तक कार्रवाई से बचे हुए हैं।
“प्रेस 15 न्यूज” से नाम न छापने की शर्त पर हल्द्वानी के एक प्रतिष्ठित व्यापारी ने बताया कि अगर जिले के उच्चाधिकारी जनता को मंच और अपनी बात रखने का अवसर दें और कार्रवाई का भरोसा दें तो वो आरोपियों की कुंडली खोल देंगें। लेकिन उन्हें पता है कि होना कुछ नहीं है इसलिए वो भी चुप हैं। खामखां अधिकारियों के निशाने में आने से क्या फायदा…