

हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। समाजसेवा का चोला ओढ़े कई शैतानों के चेहरे हर रोज बेनकाब होते हैं। हरिद्वार में अपनी ही 13 साल की नाबालिग बेटी के शरीर का सौदा करने वाली भाजपा नेत्री की करतूत से हर कोई सन्न है तो वहीं गौलापार के दृष्टिबाधित संस्थान नैब में पढ़ने वाली बच्चियों से दुष्कर्म के आरोपी संचालक श्याम सिंह धानक को पॉक्सो कोर्ट ने जमानत दे दी।
धानक 19 महीने से जेल में बंद था। जमानत का आधार 63 वर्ष की उम्र और बीमारी के साथ ही अब तक 14 प्रमुख लोगों की गवाही का होना बताया गया है।
अक्तूबर 2023 में दमुवाढूंगा निवासी श्याम सिंह धानक के खिलाफ संस्थान की बच्चियों ने झकझोरने वाले आरोप लगाकर पुलिस को शिकायती पत्र भेजा था। तत्कालीन एसएसपी की सख्ती के बाद काठगोदाम थाने में आरोपी पर दुष्कर्म, छेड़खानी और धमकी की धाराओं के साथ ही पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया गया। तब से धानक जेल में बंद था।
बुधवार को उसकी जमानत अर्जी पर विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) सुधीर तोमर की अदालत में बहस हुई। आरोपी के अधिवक्ताओं ने धानक की उम्र, बीमारी, 19 माह से जेल में बंद होने, अधिकतर की गवाही होने और मुकदमा के फैसले में समय लगने को आधार बनाया। अभियोजन पक्ष ने जमानत देने का विरोध किया। दोनों पक्षों के तर्क को सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपी की जमानत मंजूर कर दी।
सितंबर 2023 में दृष्टिबाधित संस्थान में पढ़ने वाली एक बच्ची ने डाक के जरिये एसएसपी को पत्र भेजा था। इसमें कहा कि धानक उसे गलत तरीके से छूता है। विरोध करने पर पीटता है। सिर्फ वही प्रताड़ना का शिकार नहीं है, बल्कि साथ रहने और पढ़ने वाली तीन और नाबालिगों के साथ भी ऐसा हुआ है।
11 अक्तूबर 2023 को काठगोदाम थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। 13 अक्टूबर को श्याम सिंह धानक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। इस घटना को लेकर हल्द्वानी में काफी हंगामा भी हुआ था। तकरीबन 52 दिन बाद पुलिस ने आरोप पत्र न्यायालय में पेश कर दिया था।



