

नैनीताल, प्रेस 15 न्यूज। हल्द्वानी के शांत माहौल को 14 फरवरी 2024 को नापाक मंसूबों से अशांत करने की घटना कोई भूला नहीं है। इस मामले में 100 से ज्यादा आरोपियों को जमानत मिल चुकी है। मामले में नैनीताल पुलिस पर भी कमजोर पैरवी के आरोप लगे।
ताजा अपडेट ये है कि माननीय हाइकोर्ट ने बनभूलपुरा दंगा मामले में मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक, अब्दुल मोईद समेत 20 लोगों की जमानत याचिका पर सुनवाई की।
जस्टिस मनोज कुमार तिवारी और जस्टिस पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने आरोपियों को फिलहाल कोई राहत नहीं दी और अगली सुनवाई के लिए 5 मई की तारीख तय की।
मामले में अब्दुल मलिक का सरकारी नजूल भूमि पर कथित कब्जा और अवैध प्लॉटिंग का धंधा बताया जा रहा है। राज्य सरकार ने कोर्ट में दलील दी कि मलिक ने फर्जी शपथ पत्र के जरिए सरकारी जमीन हड़पी और उसका अवैध निर्माण कर बेचा।
जब प्रशासन ने इस अतिक्रमण को हटाने की कोशिश की, तो पथराव और हिंसा भड़क उठी। इस हिंसा में सरकारी संपत्ति को नुकसान हुआ, पुलिसकर्मी और मीडिया कर्मी भी घायल हुए।
सरकारी अधिवक्ता ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि बनभूलपुरा दंगे की शुरुआत इसी अतिक्रमण से हुई। मलिक समेत अन्य आरोपियों पर दंगा भड़काने के चार मुकदमे दर्ज हैं। हालांकि, मलिक को जमीन हड़पने के एक मामले में पहले जमानत मिल चुकी है, लेकिन दंगा फैलाने के आरोप में वे और 19 अन्य अब तक जेल में हैं।
आरोपियों ने कोर्ट में दावा किया कि उन्हें झूठे केस में फंसाया गया है। उनका कहना है कि एफआईआर में उनका नाम नहीं था और पुलिस ने जबरन उन्हें फंसाया। फिलहाल आरोपियों को जमानत का मामला कोर्ट में विचाराधीन है।




