हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। उत्तराखंड के जंगलों में आग की बढ़ती घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। फायर सीजन में अब तक कुल 478 घटना में 571 हेक्टेयर वन क्षेत्र जल चुका है जिससे लाखों की लागत की वन संपदा का नुकसान हुआ है।
मंगलवार को 24 घंटे के भीतर ही प्रदेश के अलग अलग हिस्सों में आग की 47 घटनाएं सामने आईं। जिनमें कुल 53 हेक्टेयर वन क्षेत्र आग की भेंट चढ़ गया। ऐसे में समझा जा सकता है कि देवभूमि की बहुमूल्य वन संपदा कितने बुरे दौर से गुजर रही है।
वहीं, आग लगने की इन घटनाओं ने वन विभाग की कार्यशैली की भी पोल खोल कर रख दी है। क्योंकि फायर सीजन में आग लगने का ये क्रूर अध्याय कोई इसी साल का नहीं है, हर साल देवभूमि के जंगल धधकते हैं। लेकिन अफसोस 23 साल के उत्तराखंड के सफर में न तो वन महकमे के जिम्मेदार अधिकारी और न ही सत्ता में बैठे नेता वनों को आग से बचाने के उपाय ढूंढ पाए।
इन दिनों उत्तराखंड के नई टिहरी, रानीखेत, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चंपावत, नरेंद्रनगर, उत्तरकाशी, तराई पूर्वी, लैंसडौन, रामनगर, रुद्रप्रयाग, केदारनाथ वन प्रभाग और राजाजी टाइगर रिजर्व व नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क में जंगल की आग की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं।
आग पर काबू पाने के लिए हर बार की तरह इस बार भी वन विभाग की ओर से मुख्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। जंगल की आग की सूचना देने के लिए 18001804141, 01352744558 नंबर जारी किए गए हैं। 9389337488 व 7668304788 नंबर पर वाट्सएप के माध्यम से भी आग लगने की जानकारी साझा करने की अपील की गई है।