
हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। सरकारी विभागों में तैनात अफसर कैसे सरकारी बजट को ठिकाने लगाते हैं और कैसे आपदा में अवसर खोजे जाते हैं, इसका ताजा उदाहरण देखना हो तो नैनीताल जिला सबसे मुफीद उदाहरण है।
रोजाना कभी किसी अफसर तो कभी किसी अफसर की मीटिंग में जाने वाले विभिन्न विभागों के अधिकारी आपस में एक दूसरे से अक्सर मिलते हैं लेकिन जब बात जनता के पैसे से जमा सरकारी बजट की आती है तो ये सामंजस्य बिठाने के बजाय दिल खोलकर बजट की बर्बादी करने से भी नहीं चूकते।

लाखों की सरकारी तनख्वाह तो हर महीने इन्हें मिल ही रही है ऊपर से चाय पानी कट सो अलग… तो फिर जमकर लुटाओ सरकारी बजट।
हल्द्वानी के देवलचौड़ चौराहे में लोक निर्माण विभाग ने दो दिन पहले रात में ही सड़क बनाई। बकायदा सड़क पर डामरीकरण किया गया था, उसे दूसरे दिन सुबह ही पानी की लाइन बिछाने के लिए बुलडोजर से खोद दिया गया। जब मामला मीडिया की सुर्खियां बना तो सरकारी सिस्टम की नींद टूटी।
जारी प्रेस नोट के अनुसार, जिलाधिकारी वंदना ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए उक्त संबंध में अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण विभाग नैनीताल को तत्काल जांच कर दोषियों पर कार्यवाही के निर्देश देते हुए इस संबंध में अधीक्षण अभियंता को आदेश जारी किया है।
जिलाधिकारी ने कहा कि इस प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी, पेयजल लाइन बिछाने हेतु संबंधित कार्यदाई संस्था द्वारा लोक निर्माण विभाग से NOC ली गई थी, उसके बावजूद भी विभाग द्वारा आपसी समन्वय न करते हुए, खोदने से एक दिन पहले सड़क में डामर किया गया जिसके लिए विभाग जिम्मेदार है। इस संबंध में जिलाधिकारी ने निर्देश दिए हैं कि संबंधित विभागीय अधिकारी की जिम्मेदारी निर्धारित कर इस हिस्से में एक रात पहले किए गए कार्य का भुगतान संबंधित लापरवाह अधिकारी के वेतन से कटौती करते हुए की जाए और संबंधित को एक प्रतिकूल प्रविष्टि भी दी जाए।
हालाकि सरकारी प्रेसनोट में आरोपी पीडब्लूडी अफसर का नाम और पद तक जाहिर नहीं किया गया है। ऐसे में ये कार्रवाई कितनी असरदार होगी, भगवान जाने। आखिर अधीक्षण अभियंता उस अफसर का नाम तो जानते ही होंगे जिसकी निगरानी में सरकारी बजट की ऐसी तैसी हुई। और वो नाम उन्होंने डीएम नैनीताल को भी बताया ही होगा। खैर…
अधीक्षण अभियंता ने जिलाधिकारी को आश्वस्त किया कि इस प्रकार की लापरवाही पर कार्यवाही की जाएगी और इस कार्य का भुगतान सरकारी धनराशि से नहीं किया जाएगा ।
जिलाधिकारी ने इस आदेश की सूचना सचिव लोक निर्माण विभाग और सचिव माननीय मुख्यमंत्री दीपक रावत को भी संज्ञान के लिए प्रेषित की है ।

