हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। इस कलयुग में इंसान पर भरोसा करें तो करें कैसे? यह सवाल देश के प्रतिष्ठित केनरा बैंक के अधिकारी पूछ रहे हैं।
दरअसल, बैंक के मैनेजर ने शहर के एक सुनार पर भरोसा कर उसे बैंक का अधिकृत पार्टनर बनाया था ताकि वह सुनार गोल्ड लोन लेने वाले ग्राहकों के गिरवी सोने की गुणवत्ता को चेक कर सके। लेकिन मैनेजर को क्या पता था वह सुनार बैंक को 10.90 लाख की चपत लगा देगा। यह मामला तब खुला जब पीड़ित मैनेजर आरोपी सुनार और अन्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर कोतवाली पहुंचे।
अब पूरा मामला भी तफ्सील से जान ही लीजिए। दरअसल, केनरा बैंक ने शहर के आठ लोगों को 10.90 लाख रुपये का गोल्ड लोन दिया था और इसके एवज में ग्राहकों ने अपने आभूषण बैंक में गिरवी रखे थे।
गिरवी रखे गए सोने की जांच बैंक की ओर से अधिकृत सुनार तरुण भारद्वाज ने की। इस बीच सुनार ने हल्द्वानी के आठ जालसाजों के साथ मिलकर साजिश रची। और नकली सोने को असली बताकर आठ लोगों के नाम 10.90 लाख का लोन पास करवा दिया।
मामला तब खुला जब बैंक के दूसरे अधिकृत सुनार ने गोल्ड लोन में जमा जेवरों की जांच की। पता चला की सुनार ने आठ लोगों के साथ मिलकर बैंक को 10.90 लाख रुपये की चपत लगाई है।
जिसके बाद शाखा प्रबंधक की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने सुनार समेत नौ लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया।
बरेली रोड स्थित केनरा बैंक की शाखा में तैनात शाखा प्रबंधक संजय पांडे ने कोतवाली में तहरीर देकर बताया कि दुर्गा कॉलोनी धान मिल बरेली रोड निवासी तरुण भारद्वाज हल्द्वानी में भारद्वाज ज्वैलर्स के नाम से कारोबार करता है। बैंक ने सोने की शुद्धता जांच के लिए तरुण भारद्वाज को अधिकृत किया है। लेकिन सुनार ने बैंक को ही लाखों की चपत लगा दी। फिलहाल पुलिस मामले के जांच और आरोपियों की धरपकड़ में जुट गई है।