हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। इन दिनों उत्तराखंड के जंगल धूं धूं कर जल रहे हैं लेकिन इन्हें बचाने का दावा करने वाला वन विभाग और इस विभाग की लचर कार्यशैली के प्रति जिम्मेदार राज्य सरकार सिवाय कोरे दावों के कुछ नहीं कर पा रहे हैं।
धधकते जंगलों पर चिंता जाहिर करते हुए कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय सचिव प्रकाश जोशी ने बयान जारी कर कहा कि लगातार धधक रहे जंगल व उससे हो रही हानि चिंता का विषय है। पिछले 24 घंटो में जिस प्रकार से प्रदेश में कई हेक्टेयर वन संपदा जलकर नष्ट हो गई है, उस मामले में प्रदेश का आपदा प्रबंधन विभाग कहीं नहीं दिखता है तथा इस संबंध में प्रदेश सरकार की उदासीनता साफ दृष्टिगत होती है।
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उन्होंने कहा कि हिमालयी क्षेत्र होने के कारण न जाने कितने दुर्लभ वृक्ष, जड़ी-बूटीयां व जंगली जानवर व जंगल से सटे घर, जंगल की आग की भेट चढ़ रहे हैं। हर वर्ष फरवरी माह के बाद जंगलो में आग लगने की घटनाएँ बढ़ने लगती है, लेकिन सरकार की निष्क्रियता के कारण इसकी रोकथाम के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाये जा रहे हैं।
प्रकाश जोशी ने कहा कि जब प्रदेश में वनाग्नि के मामले बढ़ते हैं, तो सरकार द्वारा रोकथाम के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर दी जाती है, जिस कारण इस निष्क्रियता का खामियाजा प्रकृति व जनता को भुगतना पड़ता है। जंगलों में आग लगने की घटनाओं से तापमान में भी निरन्तर वृद्धि हो रही है।
उन्होंने कहा कि आशा है, उत्तराखंड सरकार जल्द ही इस दिशा में कोई ठोस कदम उठायेगी, जिससे आगामी गर्मियों के मौसम में जंगलों में लग रही आग पर काबू पाया जा सके तथा इस वनाग्नि से होने वाली वन संपदा के नुकसान व जनहानि की घटनाओं को रोका जा सकेगा।