देहरादून, प्रेस 15 न्यूज। भागदौड़ भरी जिंदगी में हर कोई आराम चाहता है। बस पैसा खर्च करो और आपकी जरूरत पूरी। कुछ ऐसा ही पेट पूजा के लिए भी हो रहा है। किसी वजह से जब घर का खाना नहीं मिल पाता या घर के खाने से अतिरिक्त कुछ खाने की ख्वाहिश मन में जागती है तो फौरन मोबाइल से ऑर्डर दे दिया जाता है।
आज के समय में क्लाउड किचन भी उन्हीं विकल्पों में से एक है जो चर्चा में बना हुआ है। क्लाउड किचन के माध्यम से कई लोगों को रोजगार का एक शानदार विकल्प विकल्प भी मिला है। लोग घर बैठे लाखों रुपए कमा रहे है।
क्लाउड किचन में ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनियों को ऑर्डर के हिसाब से अलग-अलग प्रकार के व्यंजन बना कर देना होता है। उत्तराखंड के विभिन्न शहरों में भी क्लाउड किचन का व्यवसाय चल निकला है लेकिन अधिकतर लोग नियमों को ताक पर रखकर खाना बेच रहे हैं। ऐसे में अब खाद्य संरक्षा और औषधि प्रशासन अलर्ट हो गया है।
खाद्य संरक्षा और औषधि प्रशासन ने प्रदेश भर में अनधिकृत तौर पर चल रहे क्लाउड किचन ऑपरेटरों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसके तहत अब क्लाउड किचन के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण से पंजीकरण अनिवार्य होगा।
खाद्य संरक्षा और औषधि प्रशासन ने सभी ऑपरेटरों को चेतावनी दी है कि 15 सितम्बर तक भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के तहत पंजीकरण करा लें, इसके बाद विभाग पंजीकरण न कराने वाले आपरेटरों के खिलाफ अभियान चलाएगा।
खाद्य संरक्षा और औषधि प्रशासन आयुक्त व स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने कहा कि संज्ञान में आया है कि प्रदेश में संचालित कई क्लाउड किचन खाद्य सुरक्षा और मानकों की अनदेखी कर रहे है।
उन्होंने बताया कि कई प्रतिष्ठान भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में पंजीकृत हुए बिना, स्वच्छता, पीने योग्य पानी के उपयोग और सामान्य स्वच्छता मानकों से सम्बन्धित प्रमुख नियमों का उल्लघंन करते हुए संचालित पाये गये हैं।
ऐसे में उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए पंजीकरण और मानको का अनुपालन सुनिश्चित करने की कवायद की जा रही है। ताकि उपभोक्ताओं को स्वच्छ भोजन मिल सके।
देहरादून समेत प्रमुख नगरों और कस्बों में यह व्यवसाय तेजी से फैल रहा है। यह देखा गया है कि वाणिज्यिक रसोई में स्वच्छता मानकों और भोजन की गुणवत्ता पर अक्सर सवाल उठते है। विभाग अब ऐसे क्लाउड किचन ऑपरेटरों पर नजर रखेगा।
खाद्य संरक्षा और औषधि प्रशासन के अपर आयुक्त ताजबर जग्गी ने बताया कि उत्तराखण्ड में सभी खाद्य सम्बन्धी व्यवसाय, सार्वजनिक स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए सभी क्लाउड किचन के लिए एसओपी बनाई गयी है और इसका अनुपालन करना अनिवार्य है।