हल्द्वानी/देहरादून, प्रेस 15 न्यूज। मौसम वैज्ञानिकों ने ऊंचाई वाले इलाकों में आठ और नौ दिसंबर को हल्की बारिश के साथ बर्फबारी होने के आसार जताए थे जो सच साबित हुए। इसके चलते प्रदेश में पहाड़ से लेकर मैदान तक तापमान गिरने से ठिठुरन बढ़ गई है।
रविवार दोपहर बाद अचानक बदले मौसम के मिजाज के साथ ही चारों धामों सहित हर्षिल घाटी में सीजन की पहली बर्फबारी हुई है। वहीं, निचले इलाकों में बारिश होने से तापमान गिरने से ठंड बढ़ गई। वहीं, चकराता में भी सीजन की पहली बर्फबारी हुई।
नैनीताल जिले के पहाड़पानी और धानाचूली में सोमवार सुबह साल की पहली बर्फबारी हुई। इस दौरान स्थानीय निवासियों के साथ ही किसानों के चेहरे पर मुस्कान देखने को मिली।
वहीं, चमोली जनपद में बदरीनाथ के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रविवार को देर शाम बर्फबारी हुई, जबकि निचले इलाकों में बूंदाबांदी होने से कड़ाके की ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। चीन सीमा क्षेत्र के माणा पास, घस्तोली, बाड़ाहोती, सुमना क्षेत्र में देर शाम से बर्फबारी शुरू हो गई थी। यही हाल हेमकुंड साहिब क्षेत्र में भी रहा।
पहाड़ों की रानी मसूरी में रविवार को सुबह चटक धूप के साथ दिन की शुरुआत हुई, लेकिन दोपहर बाद मौसम ने करवट ली और शहर में ठंडी हवा के साथ घने बादल छा गए। इससे शहर में कड़ाके की ठंड हो गई, तापमान में गिरावट दर्ज की गई।
इस साल बारिश और बर्फबारी का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था। अमूमन नवंबर माह से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी व निचले क्षेत्रों में बारिश का दौर शुरू हो जाता है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ, बल्कि इसकी जगह केवल सूखी ठंड पड़ रही थी। वहीं, किसान भी सेब सहित अन्य फसलों के उत्पादन को लेकर चिंता जताने लगे थे। लेकिन रविवार दोपहर बाद मौसम बदलने से सभी के चेहरे में रौनक लौट गई।
हालांकि 10 दिसंबर के बाद प्रदेशभर में फिर मौसम शुष्क हो जाएगा, लेकिन पश्चिमी विक्षोभ के चलते अधिकतम तापमान में तीन से पांच डिग्री तक की गिरावट दर्ज की जाएगी। इसके चलते पहाड़ से लेकर मैदान तक ठिठुरन बढ़ सकती है।