हल्द्वानी के वॉक वे मॉल प्रबंधन को ग्राहक को बेवकूफ समझना पड़ा महंगा, लगा लाखों का जुर्माना

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हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। एक जागरूक उपभोक्ता क्या कर सकता है, आज यह बात हल्द्वानी के वॉक-वे मॉल प्रबंधन को समझ आ गई होगी।

जिला उपभोक्ता फोरम ने वॉक-वे मॉल हल्द्वानी की ओर से ग्राहकों से पार्किंग शुल्क लिए जाने और पर्चे में विवरण नहीं देने पर मॉल पर 3.10 लाख ₹ का जुर्माना लगाया है।

जागरूक उपभोक्ता और हल्द्वानी बार एसोसिशन के उपसचिव योगेश चंद्र लोहानी के वाद में उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष रमेश कुमार जायसवाल, सदस्य विजयलक्ष्मी थापा और लक्ष्मण सिंह रावत की फोरम की ओर से कहा गया है कि 23 जुलाई 2023 से पहले वॉक-वे मॉल हल्द्वानी ने अपने प्रतिष्ठान की पार्किंग में वाहन खड़ा करने वाले ग्राहकों से पार्किंग का शुल्क 50 ₹ वसूलना शुरू किया। लेकिन संबंधित राशि का विवरण ग्राहकों को दी जाने वाली पार्किंग स्लिप में नहीं दिया गया था।

उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष रमेश कुमार जायसवाल, सदस्य विजयलक्ष्मी थापा और लक्ष्मण सिंह रावत की ओर से फोरम ने विपक्षी प्रतिष्ठान से मानसिक वेदना के रूप में 50 हजार ₹, बाद व्यय के रूप में 10 हजार ₹ तथा अनुचित व्यापारिक व्यवहार की पद्धति के अनुसरण कृत्य के लिए ढाई लाख ₹ के अर्थदंड लगाया है।

बताते चलें कि हल्द्वानी में बड़े मॉल की मनमानी का यह कोई पहला मौका नहीं है। इससे पहले भी हल्द्वानी के विशाल मेगा मार्ट और वी मार्ट प्रबंधन पर भी जागरूक उपभोक्ताओं की वजह से उपभोक्ता फोरम ने कार्रवाई की थी।

विशाल मेगा मार्ट ने तब नैनीताल निवासी याचिकाकर्ता अधिवक्ता नितिन कार्की से जबरन कैरी बैग का चार्ज वसूला था, जिसके बाद उसे 50 हजार का जुर्माना भरना पड़ा था।

साथ ही याचिकाकर्ता को इस कारण हुई मानसिक परेशानी के लिए 10 हजार ₹ और वाद व्यय के लिए 2 हजार ₹ देने का आदेश भी दिया था।

वहीं, वी मार्ट हल्द्वानी को भी उपभोक्ता के साथ मनमानी महंगी पड़ी थी। वी मार्ट पर भी कैरी बैग का अतिरिक्त शुल्क लेने पर उपभोक्ता फोरम का जुर्माना लगा था।

देवलचौड़ हल्द्वानी निवासी अतुल पंत ने आयोग में वी मार्ट द्वारा 23 जून 2019 को 300 रुपए का सामान लेने पर कैरी बैग का 6 ₹ अतिरिक्त शुल्क लिए जाने पर 15 हजार ₹ की क्षतिपूर्ति व आर्थिक व मानसिक वेदना के लिए दो हजार ₹ परिवाद शुल्क दिलाने की मांग की थी।

जिसके बाद जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने हल्द्वानी के वी मार्ट के प्रबंधक और कंपनी के नई दिल्ली के निदेशकों पर शिकायतकर्ता अतुल पंत को 45 दिन के भीतर मानसिक वेदना व आर्थिक क्षतिपूर्ति के ऐवज में 25 हजार ₹ व वाद व्यय के लिए 5 हजार ₹ यानी कुल 30 हजार ₹ देने को कहा है। साथ ही अपने ग्राहकों से किए जा रहे अनुचित व्यापारिक व्यवहार के लिए एक लाख ₹ का अर्थदंड लगाया।

लेकिन हैरानी की बात यह है कि आज दिन तक जुर्माना भरने के बाद भी आज दिन तक भी उपभोक्ताओं से कैरी बैग का शुल्क वसूलना बंद नहीं हुआ है। यानी साफ है बड़े बड़े मॉल वालों को लगता है कि आखिर कौन कौन उपभोक्ता फोरम जाएगा और किसे अपने अधिकारों के लिए लड़ने की फुर्सत है। और गलती से अगर कोई विरला जागरूक उपभोक्ता टकरा भी गया तो लाखों का जुर्माना भरने में कौन सा हमारा घाटा है।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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