Exclusive: हल्द्वानी के लाखों इंडेन उपभोक्ता लुटते रहें हमारी बला से, ठेकेदार नहीं KMVN है असल गुनहगार

खबर शेयर करें -

संजय पाठक, प्रेस 15 न्यूज, हल्द्वानी। नैनीताल जिले में सरकारी तंत्र आम जनता के हितों के लिए कितना फिक्रमंद रहता है, इसे आप कुमाऊं मंडल विकास निगम के अधीन हल्द्वानी गैस सर्विस एजेंसी के indane सिलेंडरों के डिलीवरी सिस्टम से समझिए.

लेकिन उससे पहले आप यह जान लीजिए कि शुक्रवार दोपहर पूर्ति विभाग की टीम ने हल्द्वानी की बरेली रोड पर एक दो नहीं पूरे 28 इंडेन सिलिंडरों में गैस चोरी पकड़ी. उपभोक्ताओं के घर तक जाने वाले इन 28 सिलिंडरों में 4 किलो तक कम गैस पाई गई.

कुमाऊं मंडल विकास निगम के अधीन हल्द्वानी गैस सर्विस द्वारा प्राइवेट ठेकेदार के अधीन हल्द्वानी शहर और ग्रामीण इलाकों में बांटे जाने वाले इंडेन सिलिंडरों में घटतोली पकड़े जाने का यह कोई पहला मामला नहीं है. दरअसल, यह खेल सालों से शहर में चल रहा है.

चलती गाड़ी में सिलिंडरों के बीच बैठकर बांसुरी लगाकर गैस चोरने का यह खेल सालों से चल रहा है लेकिन आज दिन तक न तो केएमवीएन और न हीं पूर्ति विभाग और न हीं बाट-माप विभाग के अधिकारियों ने आम जनता के हितों को संरक्षित करने के लिए कोई सख्त कदम उठाया जिससे घटतोली का यह काला खेल थम सके.

साल दर साल बीतते गए. कुमाऊं मंडल विकास निगम में कितने ही एमडी जीएम बदल गए, कितने ही पूर्ति अधिकारी जिले और शहर में काबिज हो गए, कितने ही बांट माप विभाग के जिम्मेदार ड्यूटी कर चलते बने, कितने ही हल्द्वानी गैस सर्विस के मैनेजर प्रमोशन पाकर नैनीताल हेड क्वार्टर पहुंच गए लेकिन आज दिन तक हल्द्वानी गैस सर्विस के अधीन बंटने वाले इंडेन सिलिंडर घटतोली के दंश से मुक्त नहीं हो सके.

यानी साफ है कि सालों से हल्द्वानी में लाखों इंडेन उपभोक्ताओं की जेब पर डाका पड़ा और जिम्मेदार बेफिक्र होकर सरकारी नौकरी करते रहे। न कोई पूछने वाला और न कोई जिम्मेदारी तय करने वाला…

ऐसा नहीं है कि सरकारी अधिकारियों को इंडेन गैस चोरी के इस खेल की कोई जानकारी नहीं है. डीएम से लेकर कमिश्नर तक गैस चोरी के इस गोरखधंधे से भलीभांति वाकिफ हैं.

न जाने शहर के कितने ही जागरूक लोगों ने आज दिन तक इंडेन सिलिंडरों में गैस चोरी की शिकायत डीएम से लेकर कमिश्नर की हो, न जाने कितनी ही शिकायतों को सीएम पोर्टल में दर्ज करवाया गया हो लेकिन आज दिन तक न कुमाऊं मंडल विकास निगम के एमडी और जीएम ने जिले के लाखों इंडेन उपभोक्ताओं के हितों को बचाने की दिशा में कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया.

हां, इतना जरूर हुआ कि बीच बीच में साल में एक दो बार पूर्ति विभाग के अधिकारियों ने जहमत उठाकर गैस चोरी के खेल के बेनकाब किया लेकिन नतीजा हर बार ढांक के तीन पात ही रहा.

यही वजह है कि आज हल्द्वानी गैस सर्विस के अधीन इंडेन सिलिंडरों के हर सिलिंडर से चार किलो तक गैस चोरना ठेकेदार ने अपना नैतिक अधिकार समझ लिया है. हल्द्वानी के जागरूक लोग भले कितनी ही शिकायतें कर लें, पूर्ति विभाग की टीम अपना कीमती समय निकालकर भले रंगेहाथ गैस चोरी पकड़ ले लेकिन गैस चोरी नहीं थमेगी. क्योंकि जिले के किसी जिम्मेदार अधिकारी ने गैस चोरी से लुटते उपभोक्ताओं को बचाने की कभी कोशिश तक नहीं की.

अब आपको ये बताते हैं कि आखिर हल्द्वानी महानगर में जहां एसएसपी, डीआईजी से कमिश्नर और डीएम तक का डेरा रहता है, वहां ठेकदार इतने बेखौफ तरीके से अपने आदमियों से चलती गाड़ी में गैस चोरी कैसे करवा लेता है? आखिर गैस चोरी कर उपभोक्ताओं को चूना लगाने में ठेकेदार को पुलिस प्रशासन और केएमवीएन के अधिकारियों का कोई खौफ क्यों नहीं है?

दरअसल, बीते सालों में हल्द्वानी में ठेकेदार चाहे जो रहा हो उसे गैस चोरी का यह परमिट खुद केएमवीएन ने परोक्ष रूप से दिया है. आप कहेंगे ये कैसे? तो वजह भी जान लीजिए. असल में केएमवीएन की ओर से ठेकेदार को शीशमहल गोदाम से उपभोक्ता के घर तक एक सिलिंडर पहुंचाने के एवज में महज 12 रुपए मिल रहे हैं.

ऐसे में जबकि शहर में ऑटो का किराया ही कम से कम 10 रुपया है, आप सोच सकते हैं कि ठेकेदार शहर के आखिरी छोर तक मात्र 12 रुपए में कैसे ये सिलिंडर पहुंचाता होगा. इसी 12 रुपए में ठेकेदार को अपना मुनाफा भी कमाना है और ड्राइवर, हेल्पर की सैलरी भी.

बड़ा सवाल यही है कि ठेकेदार को ठेका देते समय केएमवीएन के अधिकारियों को यह सब नहीं दिखा? केएमवीएन के अधिकारियों ने ये कैसे मान लिया कि 12 रुपए में ठेकेदार कैसे 14.200 किलो वजन वाला सिलेंडर उपभोक्ता के घर तक पहुंचाएगा?

यह तो जगजाहिर है कि कोई भी व्यापारी फायदे के लिए ही धंधा करता है. ऐसे में ठेकेदार के पास अपनी लागत और लाभ कमाने के लिए इंडेन सिलिंडरों में गैस चोरी का ही विकल्प बचता है.

जिसके बाद वह छोटा हाथी से लेकर बड़े ट्रकों में तैनात ड्राइवर से लेकर हेल्पर तक को गैस चोरी की खुली छूट देता है. इतना ही नहीं ड्राइवर और हेल्पर पर भी अपनी सैलरी गैस चोरी से ही निकालने का दबाव रहता है.

यही वजह है कि हल्द्वानी की सड़कों पर शीशमहल से लेकर गली गली में खतरों का ये खेल बेखौफ होकर चल रहा है. खतरा इसलिए क्योंकि चलती गाड़ी में भरे सिलिंडर से खाली सिलिंडर भरते वक्त विस्फोट से इंकार नहीं किया जा सकता.

शुक्रवार को खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग, बांट एवं माप विज्ञान विभाग की संयुक्त टीम ने बरेली रोड पर इंडेन गैस चोरी करते वाहन को पकड़ा।

अब देखिए ना, शुक्रवार को खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग, बांट एवं माप विज्ञान विभाग की संयुक्त टीम हल्द्वानी की सड़क पर उतरी तो बरेली रोड अब्दुल्ला बिल्डिंग के पास इंडेन गैस सिलेंडर ले जा रहे टेंपो (यूए 04 ई 1552) को रोका गया. गाड़ी में कुल 34 घरेलू गैस सिलिंडर मिले.

तौल कराने पर 28 सिलिंडरों में 800 ग्राम से लेकर चार किलो तक गैस कम पाई गई. जिसके बाद खाद्य पूर्ति विभाग के अधिकारियाें ने आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के तहत गैस वाहन के चालक विजय कुमार के खिलाफ केस दर्ज कराया. कम गैस मिलने वाले सिलिंडरों को जब्त कर इंडेन गैस एजेंसी को सुपुर्द किया गया.

टीम में पूर्ति निरीक्षक राहुल डांगी, पूर्ति निरीक्षक जगमोहन नेगी, पूर्ति निरीक्षक अरुण खुल्बे, पूर्ति निरीक्षक रेनू त्रिपाठी, वरिष्ठ निरीक्षक बाट-माप कैलाश पंत शामिल रहे.

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
1
+1
0

संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

सम्बंधित खबरें