नैनीताल में पर्यावरण का सत्यानाश, जंगली जानवर ताक पर, अंधेर नगरी चौपट राजा जैसे हाल

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नैनीताल, प्रेस 15 न्यूज। इन दिनों देश दुनिया से पर्यटक सरोवर नगरी नैनीताल की वादियों का लुत्फ उठाने पहुंच रहे हैं। लेकिन प्रशासनिक लचरता और प्लानिंग के अभाव में कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी से लेकर नैनीताल और कैंची धाम रूट पर रोजाना घंटों जाम लग रहा है।

नतीजा पर्यटकों के मन मस्तिष्क में नैनीताल के पर्यटन को लेकर खराब छवि तो बन ही रही है, साथ ही स्थानीय लोगों की जिंदगी भी मुश्किल बन गई है। एक घंटे का सफर कई कई घंटों में पूरा हो रहा है।

वीकेंड में तो स्थिति बद से बदतर हो रही है। इन सबके बीच नैनीताल जिला प्रशासन पूरी तरह से चैन की बंशी बजा रहा है। पर्यटन के नाम पर दफ्तरों में मीटिंग लेकर इतिश्री हो रही है।

इस बीच सरोवरनगरी नैनीताल में दर्जनों बोरों और पेटियों में भरी शराब की बोतलों को फोड़कर डिस्ट्रॉय करने का मामला सामने आया है। जंगल से लगे इस हिस्से में न केवल पर्यावरण को बल्कि वन्यजीवों को भी जान का खतरा बन गया है। हैरानी की बात यह है कि पुलिस और आबकारी विभाग को इसकी खबर तक नहीं है।

देखें वीडियो🔴👇 नैनीताल के इस हाल का जिम्मेदार कौन?

नैनीताल से भवाली मार्ग में पाइंस स्थित पुलिस चौकी के ठीक बगल में हजारों कांच की बोतलें और बियर के टिन तोड़कर फेंके गए हैं। जिनमें शराब नंबर 1, हंटर बियर, हेवर्डस 5000, टुबोर्ग, गुलाब आदि की बोतलें और कैंन हैं। पेटियों में लगे टैग से मालूम पड़ता है कि ये अवैध शराब जप्त की गई है। बरामद 55 पव्वे देसी मसालेदार शराब अभियुक्त नरेंद्र से बरामद हुए थे।

ऐसे ही एक पेटी में 40 पव्वे अभियुक्त संतोष से बरामद किए गए। इसके अलावा भी कई कट्टे और पेटियां देखी गई हैं। इन असंख्य बोतलों को फोड़कर डिस्ट्रॉय किया गया है। ये जंगल से गधेरे की तरफ फेंकी गई है, जहां शमशान घाट का पानी बहता है।

इन टूटी बोतलों से पर्यावरण को भारी नुकसान झेलना पड़ता है और इससे वन्यजीवों को शारीरिक नुकसान भी उठाना पड़ता है। घटना बुधवार शाम लगभग 4 से 6 बजे के बीच की बताई जा रही है।

दूरभाष पर एसओ तल्लीताल रमेश बोरा ने बताया कि डिस्ट्रॉय करने वाली शराब को बहाया जाता है और खाली बोतलों को कबाड़ी को दिया जाता है।

उन्होंने कहा कि कोई दूसरे थाना क्षेत्र के लोग न्यायालय के आदेश पर इसे डिस्ट्रॉय कर रहे होंगे, जिसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

दूरभाष पर ही आबकारी अधिकारी मीनाक्षी टम्टा ने बताया कि उनके विभाग की तरफ से शराब डिस्ट्रॉय नहीं की गई है। इसे हो सकता है पुलिस ने डिस्ट्रॉय किया है। आप वहां से जानकारी ले लें।

समाजसेवी राजेन्द्र परगाई ने बताया कि वो सूचना के बाद मौके पर पहुंचे और कांच की बोतलों को फोड़कर जंगल मे फेंका पाया। उन्होंने इससे पर्यावरण और वन्यजीव समेत अन्य को नुकसान होने पर चिंता व्यक्त की।

🔴(नैनीताल से वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट✍️)

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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