
हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के योजना बोर्ड की आठवीं बैठक आज विश्वविद्यालय मुख्यालय, हल्द्वानी में कुलपति प्रो. नवीन चंद्र लोहनी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।
बैठक में विश्वविद्यालय की विकास योजनाओं से संबंधित कुल 21 प्रस्तावों पर विस्तारपूर्वक विचार-विमर्श किया गया, जिन्हें सर्वसम्मति से पारित किया गया। इससे पूर्व सातवीं बैठक की पुष्टि की गई।

बैठक में उपस्थित सदस्यों ने विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा प्रस्तुत सभी प्रस्तावों को राज्य के उच्च शिक्षा एवं दूरस्थ शिक्षा तंत्र के सुदृढ़ीकरण के लिए दूरदर्शी और प्रभावी बताया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय नई शैक्षणिक, अनुसंधानात्मक और अधोसंरचनात्मक योजनाओं के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण एवं सुलभ शिक्षा के नए आयाम स्थापित कर रहा है।
बैठक में जिन प्रमुख प्रस्तावों को अनुमोदन प्राप्त हुआ, इनमें शिशु सदन एवं महिला अध्ययन केंद्र के सुचारू संचालन हेतु आवश्यक संसाधनों की पूर्ति, विश्वविद्यालय परिसर का लैंडस्केप डेवलपमेंट, ट्रांजिट हॉस्टल एवं सेमिनार हॉल की स्थापना, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप नए पाठ्यक्रमों के संचालन हेतु अतिरिक्त भूमि की व्यवस्था, इन्क्यूबेशन सेंटर, उद्योग-अकादमिक प्रकोष्ठ, रक्षा प्रकोष्ठ, शोध परिषद एवं नैतिक समिति की स्थापना, हिमालय अध्ययन केंद्र एवं विरासत संग्रहालय की स्थापना, क्षेत्रीय केंद्रों और पुस्तकालयों के विकास संबंधी प्रस्ताव शामिल रहे।
इसके अतिरिक्त, सामुदायिक रेडियो ‘हैलो हल्द्वानी’ की ढांचागत संरचना को और सुदृढ़ किए जाने से संबंधित प्रस्ताव को भी सर्वसम्मति से मंजूरी दी गई।
बैठक में सदस्यों ने विश्वास व्यक्त किया कि इन प्रस्तावों के क्रियान्वयन से विश्वविद्यालय की शैक्षणिक, अनुसंधानात्मक तथा सामाजिक गतिविधियों को नई गति और दिशा मिलेगी। साथ ही, राज्य के दूरस्थ शिक्षा तंत्र को और अधिक मजबूती और विश्वसनीयता प्राप्त होगी।
बैठक में कुलसचिव डॉ. खैमराज भट्ट ने सभी प्रस्तावों का वाचन किया। इस अवसर पर बाह्य सदस्य के रूप में एनटीए के अध्यक्ष प्रो. प्रदीप कुमार जोशी, इग्नू की प्रो. शची साह, तथा विश्वविद्यालय की ओर से प्रो. रेनू प्रकाश, प्रो. जितेंद्र पाण्डेय, वित्त नियंत्रक एस. पी. सिंह, परीक्षा नियंत्रक प्रो. सोमेश कुमार, डॉ. नीरजा सिंह और डॉ. हरीश जोशी उपस्थित रहे।
बैठक के अंत में कुलपति प्रो. लोहनी ने सभी सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय सतत रूप से राज्य में समग्र, समावेशी और सशक्त शिक्षा प्रणाली के विकास हेतु प्रतिबद्ध है।


