हल्द्वानी, प्रेस15 न्यूज। जिसका अंदेशा था वही हुआ। हल्द्वानी के राजकीय पशु चिकित्सालय में लंबे समय से डॉग वैक्सीन के नाम पर चल रहे कमीशन के खेल की गाज अस्पताल के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पर गिरी है। हालाकि अभी मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डीसी जोशी और जिलाधिकारी वंदना सिंह द्वारा बनाई गई जांच कमेटी की रिपोर्ट आना बाकी है।
देखना होगा कि पशुपालन विभाग के नियमों को ताक पर रखकर अस्पताल में लंबे समय से डॉग वैक्सीन बेचने के इस गंभीर मामले में जिम्मेदार किसी उच्चाधिकारी पर भी कार्रवाई होती है या नहीं। यह सवाल इसलिए क्योंकि किसी भी संस्थान में उच्चाधिकारी की मंशा के बिना पत्ता भी नहीं हिलता। यह तो डॉग वैक्सीन जैसी महत्वपूर्ण दवाई है।
मामले में प्रेस 15 न्यूज के स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो वायरल होने के बाद पशुपालन विभाग में हड़कंप मच गया था। सूत्रों की मानें तो सोशल मीडिया के जरिए मामले का वीडियो पशुपालन निदेशक डॉ. नीरज कुमार सिंघल और पशु मंत्री सौरभ बहुगुणा तक भी पहुंचा।
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राजकीय पशु चिकित्सालय हल्द्वानी में डॉग वैक्सीन के नाम पर कमीशन के खेल की खुली पोल
हालाकि, नियमों को ताक पर रखकर पशु अस्पताल में वैक्सीन बेचने का प्रकरण सामने आने के बाद पशुपालन विभाग के अपर निदेशक (कुमाऊं मंडल) डॉ. उदय शंकर ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी (सीवीओ) डीसी जोशी के माध्यम से जांच की बात कही थी।
फिलहाल डॉग लवर्स के साथ जिले के आम लोगों की निगाह मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डीसी जोशी और जिलाधिकारी वंदना सिंह की ओर से गठित टीम की रिपोर्ट पर टिकी हुई है।
इधर, शहर के पशुप्रेमियों के बीच यहां तक चर्चा हो रही है कि राजकीय पशु चिकित्सालय में वैक्सीन कमीशन घोटाले की जांच के नाम पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कृष्ण कुमार टम्टा को भीमताल अटैच कर पूरे मामले का पटापेक्ष तो नहीं कर दिया जाएगा? यानी जिनके आदेश पर कर्मचारी अस्पताल में वैक्सीन बेच रहा था, वो सभी उच्चाधिकारी बचा लिए जाएंगे?
डॉग लवर्स यह सवाल भी उठा रहे हैं कि यह कैसे संभव है कि अस्पताल का एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बिना अस्पताल के मुखिया यानी पशु चिकित्साधिकारी की इजाजत के वैक्सीन बेच सकता है? क्या हल्द्वानी के राजकीय पशु चिकित्सालय में चल रहे रहे इस खेल की जानकारी जिले और मंडल के उच्चाधिकारियों को नहीं थी?
बताते चलें कि आपके पसंदीदा डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म प्रेस 15 न्यूज के खुलासे के बाद हल्द्वानी के तमाम डॉग लवर्स सन्न रह गए थे। हर किसी के मन में वैक्सीन के खेल के प्रति रोष नजर आया।
प्रेस 15 न्यूज के स्टिंग ऑपरेशन में मेडिकल स्टोर संचालक ने भी पशु अस्पताल में लंबे समय से चल रहे वैक्सीन कमीशन के खेल की परतें खोली।
नाम न छापने की शर्त पर कई डॉग लवर्स ने बताया कि वो अपने डॉग के साथ सरकारी अस्पताल में हो रहे इस धोखे को लंबे समय से झेल रहे थे, लेकिन डॉग की सेहत के खातिर चुप थे।
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राजकीय पशु चिकित्सालय में लंबे समय से हो रहा था डॉग लवर्स के साथ धोखा, अब खुली पोल
यहां बताते चलें कि प्रेस 15 न्यूज के इस खुलासे में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के वरिष्ठ पत्रकार अमित कुमार चौधरी और उनके जागरूक परिवार ने बड़ी भूमिका निभाई। दरअसल, बीते दिनों अमित के परिजन अपने अजीज जर्मन शेफर्ड डॉग ‘पैंथर’ के 45 दिन वाले वैक्सीनेशन को लेकर पशु चिकित्सालय में पहुंचे थे।
परिजन के मुताबिक, जब वह पशु अस्पताल पहुंचे तो वहां मौजूद डॉ. आरके पाठक ने उनके साथ वैक्सीन को लेकर मोलभाव किया। डॉक्टर साहब ने यहां तक कह दिया कि 500 की वैक्सीन लगवाओगे या 600 की… जब बेहतर समझकर परिजन ने 600 रुपए वाली वैक्सीन के लिए हामी भरी तो वहां मौजूद कर्मचारी ने तत्काल अस्पताल के फ्रीज से वैक्सीन निकालकर उनके डॉग पैंथर को लगा दी।
इसके कुछ दिन बाद वरिष्ठ पत्रकार अमित कुमार चौधरी खुद अपने डॉग पैंथर को लेकर अस्पताल पहुंचे तो मौजूद कर्मचारी ने वैक्सीन के दाम 50 रुपए बढ़ गए हैं, कहकर उनसे 550 रुपए मांग डाले। जिस पर अमित ने सवाल उठाया और पूरी बातचीत खुफिया कैमरे में कैद हो गई। कुल मिलाकर जर्मन शेफर्ड डॉग पैंथर ने राजकीय पशु चिकित्सालय हल्द्वानी के वैक्सीन भ्रष्ट्राचार की पोल खोल दी।
अफसोस की बात तो यह है कि मामले का खुलासा होने के बाद भी अस्पताल में मौजूद कर्मचारियों का व्यवहार नहीं बदला। दरअसल, इस बीच गर्मी की वजह से जब पैंथर की परेशानी बढ़ी तो अमित चौधरी के परिजन दोबारा इलाज के लिए राजकीय अस्पताल पहुंचे।
परिजन के मुताबिक, वहां मौजूद स्टाफ ने उनसे कहा कि आपके बेटे ने खबर बनाकर सबका नुकसान कर दिया। जो वैक्सीन डॉग लवर को अस्पताल के अंदर से ही आराम से मिल जाती थी, वह भी मिलना बंद हो जाएगी।
कुल मिलाकर आप समझ सकते हैं कि जिस परिवार ने अपनी जागरूकता से राजकीय पशु चिकित्सालय में चल रहे वैक्सीन घोटाले से पर्दा उठाया, उसका मनोबल बढ़ाने और शुक्रिया करने के बजाय अस्पताल के कर्मचारी उल्टा उन्हें दोषी ठहरा रहे हैं। अस्पताल के कर्मचारियों में यह सब कहने का दुस्साहस कैसे आ रहा है, यह जांच का विषय है।
बहरहाल, इस मामले में जिलाधिकारी वंदना सिंह के आदेश पर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डीसी जोशी ने तीन पशु चिकित्साधिकारियों की निगरानी में जांच कमेटी बनाई है। लेकिन जांच से पहले ही वैक्सीन लगाने वाले चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कृष्ण कुमार टम्टा को हल्द्वानी से भीमताल अटैच कर दिया गया है।
इतना ही नहीं जिलाधिकारी वंदना सिंह ने अपने लेवल पर एक स्वतंत्र कमेटी बैठाकर हल्द्वानी पशु चिकित्सालय में डॉग वैक्सीन कमीशन के खेल की जांच कराने के साथ साथ जिलेभर के अस्पतालों की जांच के आदेश भी दिए हैं। ऐसे में डॉग लवर्स की निगाह जांच रिपोर्ट की तरफ लगी हुई हैं।