डीएम के निशाने पर नशेड़ी और नशा माफिया, ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी के 150 छात्र-छात्राओं के सैंपल लिए

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हल्द्वानी/देहरादून, प्रेस 15 न्यूज। उत्तराखंड में नशा माफिया का बढ़ता नेटवर्क अब तक न जाने कितने ही मां- बाप की खुशियों को लील चुका है। उनके बच्चे आसानी से मिलने वाले नशे के चलते लगातार नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं। स्मैक, चरस, नशे के इंजेक्शनों की आदी हो चुकी युवा पीढ़ी असमय खत्म हो रही है और नशा माफिया मालामाल।

चिंता वाली बात यह है कि नशा माफिया स्कूल कॉलेज के आसपास आसानी से पैठ बना रहे हैं और जिन यूनिवर्सिटीज में माता पिता अपने बच्चों का उज्ज्वल भविष्य बनाने के लिए भेज रहे हैं, वहां उनके बच्चे नशेड़ी बनकर निकल रहे हैं। लेकिन अधिकतर मामलों में यूनिवर्सिटी स्तर पर सिवाय नोटिस बोर्ड में लिखने और कागजी कार्रवाई के कोई कदम उठता नजर नहीं आता।

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उत्तराखंड में अब तक किसी भी शहर के स्कूल कॉलेजों में नशा माफिया के बढ़ती दस्तक के खिलाफ पुलिस प्रशासन की कोई बड़ी कार्रवाई सामने नहीं आई है। लेकिन देहरादून में इसकी सकारात्मक पहल हुई है।

जिले में नशे के बढ़ते प्रभाव को रोकने और युवाओं को नशे के दुष्प्रभाव से बचाने के लिए देहरादून जिला प्रशासन ने बड़े स्तर पर ड्रग टेस्टिंग अभियान शुरू किया है।

जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देश पर उच्च शिक्षण संस्थानों में रोस्टरवार व्यापक ड्रग टेस्टिंग की जा रही है। इसी क्रम में मंगलवार को देहरादून की ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में 150 छात्र-छात्राओं के रैंडम सैंपल लिए गए।

डीएम सविन बंसल ने चेतावनी दी है कि यदि किसी स्कूल या कॉलेज में ड्रग टेस्टिंग के दौरान कोई विद्यार्थी पॉजिटिव पाया जाता है, तो संबंधित संस्थान के डीन और स्वामी के खिलाफ भी विधिक कार्रवाई की जाएगी और मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नशामुक्त राज्य विजन को साकार करने के लिए जिला प्रशासन कड़े कदम उठा रहा है। डीएम ने कहा कि ड्रग टेस्टिंग अभियान से छात्रों और अभिभावकों को डरने की कोई आवश्यकता नहीं है। यह उनके उज्ज्वल भविष्य की दिशा में लाभकारी कदम है।

डीएम ने बताया कि अभियान का उद्देश्य विद्यार्थियों को नशे के खतरों से बचाना और शिक्षण संस्थानों को नशामुक्त वातावरण उपलब्ध कराना है। उन्होंने सभी संस्थानों और अभिभावकों से इस अभियान में सहयोग की अपील की।

जिले के सभी सरकारी और निजी शिक्षण संस्थानों में एंटी-ड्रग्स कमेटियों को सक्रिय किया जा रहा है। प्रत्येक कमेटी में एक छात्र और एक छात्रा को भी शामिल किया जाएगा ताकि बच्चों में जागरूकता बढ़ाई जा सके।

इसके साथ ही स्कूलों, कॉलेजों और सार्वजनिक स्थानों पर बैनर और पोस्टर लगाकर मानस हेल्पलाइन नंबर 1933, एनसीवी मानस पोर्टल और जिला डी-एडिक्शन सेंटर हेल्पलाइन 9625777399 का व्यापक प्रचार किया जाएगा।

बताते चलें कि जिला प्रशासन रायवाला स्थित ओल्ड एज होम में 30 बेड वाले नशामुक्ति एवं मानसिक स्वास्थ्य केंद्र का संचालन कर रहा है। वहीं, एम्स ऋषिकेश के साथ एमओयू के तहत सातों दिन 10 बेड इंटेंसिव थेरेपी के लिए आरक्षित किए गए हैं।

नशे से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए जिला प्रशासन ने अपना एंटी ड्रग्स हेल्पलाइन 9625777399 भी जारी किया है।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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