
हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। बिहार से आकर दो भाइयों ने हल्द्वानी में साम्राज्य जमाने की सोची। इसके लिए उन्होंने हल्द्वानी और पहाड़ के लोगों की कमजोर नब्ज टटोली। उन्होंने पाया कि देशभर की तरह ही हल्द्वानी के लोग भी अपने स्वास्थ्य के प्रति बड़े सचेत हैं। ऐसे में हल्द्वानी शहर के बीचोंबीच मुखानी चौराहे के पास भागीरथी कॉम्प्लेक्स के टॉप फ्लोर में योग सेंटर खोला गया।
बीच शहर में योगा सेंटर होने से देखते ही देखते यहां हर उम्र के लोगों की लाइन लग गई। हल्द्वानी में राजनीति से लेकर मेडिकल, पुलिस और स्कूल कॉलेजों से जुड़े महिला पुरुष यहां सुबह शाम अपनी सांसों को सुधारने और रोग को मिटाने की मंशा से आते थे। यानि बिहार मूल के दोनों भाइयों अजय और अभय का धंधापानी चल निकला था।

इसी बीच बड़े भाई अजय यदुवंशी ने अपने सेंटर में रिसेप्शन में काम करने वाली और कभी कभी योग सिखाने वाली ज्योति मेर से नजदीकियां बढ़ाई। इस बीच दोनों के बीच रिश्तों की मर्यादा खत्म हुई।
बात इतनी बढ़ गई कि योग सेंटर चलाने वाले बड़े भाई अजय यदुवंशी को अपना छोटा भाई अभय यदुवंशी भी अखरने लगा। अजय ने अभय से किनारा तो किया ही साथ ही खर्चापानी देना तक बंद कर दिया।
अपने बड़े भाई की ज्योति मेर की नजदीकियों की वजह से खुद का खर्चा पानी बंद होता देख छोटे भाई अभय यदुवंशी के भीतर का शैतान जागा और 31 जुलाई की सुबह सुबह मास्क पहनकर मुखानी में किराए के कमरे में रहने वाली ज्योति मेर के पास पहुंच गया। और कुछ देर में ज्योति की की हत्या कर फरार हो गया।
हत्यारोपी 24 साल का अभय कुमार उर्फ राजा पुत्र अरूण कुमार यादव मूलरूप से गोल चौक, वाल्मिकीनगर नगर, पश्चिमी चम्पारण बिहार का रहने वाला है।
तीन अगस्त को ज्योति मेर की मां दीपा मेर पत्नी प्रेम सिंह मेर निवासी हल्दुचौड़ तुलारामपुर ने मुखानी थाने में आकर तहरीर दी थी कि उनकी बेटी ज्योति मेर पत्नी कमल सबलानी निवासी जोधपुर राजस्थान जो कि वर्तमान में जेके पुरम छोटी मुखानी के एक घर में रहती थी।
वह पास में ही तीसरी मंजिल में संचालित अजय योगा एंड फिटनेस सेंटर में महिला योगा ट्रेनर की जॉब करती थी। मां ने बेटी की हत्या का शक सेन्टर के मालिक अजय यदुवंशी और उसके छोटे भाई अभय यदुवंशी (राजा) पर जताया था।
सीसीटीवी फुटेज में पाया गया कि एक संदिग्ध व्यक्ति घटनास्थल ज्योति मेर के कमरे से बाहर निकलता हुआ दिखाया दिया। जिसकी शिनाख्त अभय कुमार उर्फ राजा पुत्र अरूण कुमार यादव के रूप में हुई। 19 अगस्त आरोपी को नगला तिराहे के पास से गिरफ्तार किया गया।
हत्यारोपी ने पूछताछ में बताया कि हल्द्वानी के मुखानी चौराहे से नीचे गोदावरी कॉम्प्लेक्स के टॉप फ्लोर में उसके बड़े भाई का अजय फिटनेस योगा सेन्टर नाम से एकेडमी है जिसे अजय और अभय चलाते थे। योगा सेन्टर में मैनेजमेंट के सारे काम अभय देखता था। जहां ज्योति मेर भी काम करती थी। इसी दौरान ज्योति और अजय की बीच अवैध सम्बन्धों के चलते अजय ने अपने भाई अभय को खर्चा देना बंद कर दिया और उसको अपने घर से निकाल दिया।
हुक्कापानी बंद होता देख अभय ने ज्योति के कमरे में रखे उसके दुपट्टे से गला दबाकर हत्या कर दी और टैक्सी बुक कर पहले बनबसा और फिर नेपाल भाग गया। लेकिन पिछले कई दिनों से हल्द्वानी में चल रहे आंदोलन के चलते आरोपी की मुश्किलें बढ़ गई।
न्याय में देरी हुई तो पीड़ित परिवार और पहाड़ी आर्मी से जुड़े लोगों ने कोतवाल राजेश यादव और एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा के इस्तीफे तक की मांग कर डाली। बीते रोज पुलिस की कार्यशैली से नाराज एक युवक नेबुद्ध पार्क में अपना मुंडन तक करा दिया। आखिरकार 21 दिन बाद आरोपी अभय यदुवंशी सलाखों के पीछे आ ही गया और दोनों भाइयों की करतूत भी बेपर्दा हुई।
इधर, आरोपी की गिरफ्तारी के बाद पहले दिन से आवाज उठा रहे पहाड़ी आर्मी उत्तराखंड के संस्थापक अध्यक्ष हरीश रावत ने कहा कि योगा ट्रेनर ज्योति मेर मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी अभय रघुबंशी को गिरफ्तार किया मगर इसमें शामिल उसके भाई अजय रघुबंशी और अन्य पर कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस इस केस को गहराई से जांच करें। ज्योति के मोबाइल की पड़ताल करें जो पुलिस के कब्जे में है तो कई रसूखदार इसमें लिप्त मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि आरोपी को पकड़ने के लिए हमारे आंदोलन का दवाब काम आया जिससे पुलिस हत्यारे को पकड़ने में विवश हुई नहीं तो पुलिस ने इस हत्या को पहले ही दिन आत्महत्या करार दिया था।
इतना ही नहीं आवाज उठाने और एसएसपी की कार्यशैली पर सवाल उठाने पर हल्द्वानी कोतवाल राजेश यादव ने उन्हें कॉलर पकड़कर घसीट तक दिया और हवालात में बंद कर दिया था। आखिरकार बेबस मां और जनांदोलन की जीत हुई। अब बस आरोपी को सख्त से सख्त सजा मिले, परिवार के साथ मिलकर यही कोशिश रहेगी।
