
नैनीताल, प्रेस 15 न्यूज। चाहे कुछ कर लो वर्दी की गर्मी है कि जाने का नाम ही नहीं लेती। माना कि जेल में अच्छा भला आदमी नहीं आता लेकिन ये भी कहां तक सही है कि आप अगर जेल के मालिक हैं तो कुछ भी कर जाएंगे।
ठीक वैसे ही जैसा वन विभाग के अफसर अक्सर करते हैं जंगल में मोर नाचा किसने देखा टाइप। सितारगंज जेल के डिप्टी जेलर और कांस्टेबल को नियम कानून की तिलांजलि देकर तानाशाह बनना महंगा पड़ गया।

उच्च न्यायालय ने पोक्सो के आरोपी से जेल में मारपीट के मामले में सितारगंज जेल के डिप्टी जेलर और जवान को निलंबित कर दिया है।
एक याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने सचिव डीएलएसए उधमसिंह नगर की दर्ज रिपोर्ट के आधार पर ये कार्यवाही की है। न्यायालय ने 15 जुलाई को दिए आदेश से केंद्रीय कारागार सितारगंज के कांस्टेबल राम सिंह कपकोटी और डिप्टी जेलर नवीन चौहान को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं।
इन पर आरोपी कैदी से बुरी तरह मारपीट और उसे घायल करने का आरोप लगाया गया है। न्यायालय ने साथ ही जेल अधीक्षक को उन अन्य अधिकारियों के नाम प्रस्तुत करने को कहा, जो डी.एल.एस.ए.सचिव के पोक्सो के आरोपी कैदी सुभान से बातचीत के समय मौजूद थे।
साथ ही अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक(कारागार)को इस आदेश का तत्काल अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने घटना से संबंधित रिपोर्ट और फ़ोटो को रजिस्ट्रार ज्यूडिशियल के पास सुरक्षित रखने को कहा है।
(नैनीताल से वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट)

