

हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। धारचूला निवासी विक्रम मां भारती की सेवा के खातिर भारतीय सेना में बतौर अग्निवीर शामिल होना चाहता था। इसके लिए वह दिन रात पढ़ाई और अभ्यास में भी जुटा था। लेकिन एक अनहोनी का शिकार हो गया। यह अनहोनी लापरवाह सिस्टम की देन है। अब होनहार विक्रम हल्द्वानी के अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहा है। और परिवार के ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
परिजनों के अनुसार, धारचूला निवासी विक्रम कई वर्षों से अपने परिवार के साथ पढ़ाई के लिए टनकपुर में रह रहा था और अग्निवीर की परीक्षा देने हल्द्वानी आया था।

30 जून 2025 को शाम करीब 7:30 बजे हल्द्वानी रोडवेज बस स्टैंड पर रोडवेज बस (बस नंबर UK07 PA 2950) के चालक कुलदीप सिंह ने लापरवाही से बस को तेजी से पीछे करने के कारण विक्रम के सिर में गंभीर चोटें आईं। बस चालक घायल विक्रम को वहीं छोड़कर फरार हो गया।
विक्रम का जीजाजी संजय सिंह ने “प्रेस 15 न्यूज” से संपर्क कर दर्द बयां किया। उन्होंने बताया कि मेरे साले विक्रम की हालत अत्यंत गंभीर है और हमारा पूरा परिवार मानसिक व आर्थिक रूप से पूरी तरह टूट चुका है। उन्होंने प्रशासन और उत्तराखंड सरकार तक आवाज पहुंचाने की अपील की ताकि विक्रम को समय पर इलाज और न्याय मिल सके।
टनकपुर निवासी विक्रम का जीजाजी संजय सिंह ने बताया कि घटना की जानकारी तुरंत रोडवेज हल्द्वानी के अधिकारियों को दी गई, लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
कोतवाली हल्द्वानी में 1 जुलाई 2025 को ही तहरीर दी गई थी, लेकिन आज तक कोई जवाब या उचित कार्रवाई नहीं हुई।
उन्होंने बताया कि कंट्रोल रूम हल्द्वानी के सीसीटीवी में यह घटना रिकॉर्ड हुई है, लेकिन पुलिस ने फुटेज देने से मना कर दिया।
विक्रम को पहले सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी ले जाया गया, लेकिन साधनों की कमी के कारण उसे हल्द्वानी के रेडिएंट हॉस्पिटल भर्ती करना पड़ा। वहाँ डॉ. राहुल सिंह और डॉ. पुनीत कुमार गोयल की देखरेख में विक्रम के सिर का ऑपरेशन हुआ है।
ऑपरेशन के पांच दिन बाद भी उसे अब तक होश नहीं आया है और डॉक्टरों का कहना है कि होश में आने में लंबा समय लग सकता है। हमारी पारिवारिक आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर है कि अब तक आईसीयू और ऑपरेशन का खर्च रिश्तेदारों से उधार लेकर किसी तरह उठा पाए हैं, लेकिन अब आगे इलाज के लिए कोई रास्ता नहीं बचा है।
परिवार के लोगों ने विक्रम के अब तक का पूरा इलाज खर्च और आगे जितना भी खर्च होगा, उसकी जिम्मेदारी उत्तराखंड परिवहन निगम से दिलाने की मांग की है।
कहा कि यदि विक्रम भविष्य में इस दुर्घटना के कारण किसी स्थायी अपंगता या मानसिक कमजोरी का शिकार होता है तो उसके जीवन यापन एवं पुनर्वास हेतु उसके योग्य सरकारी नौकरी की जिम्मेदारी उत्तराखंड परिवहन निगम अथवा उत्तराखंड सरकार द्वारा ली जाए।
कोतवाली हल्द्वानी में दी गई तहरीर पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। हादसे के दिन से आज दिन तक संजय सिंह अपने साले को न्याय दिलाने के लिए कई बार हल्द्वानी कोतवाली गए लेकिन पुलिस ने उन्हें घंटों बैठाकर बेरंग लौटने पर मजबूर किया।
आईसीयू में जिंदगी की जंग लड़ रहे विक्रम के जीजाजी संजय सिंह ने दोषी चालक और लापरवाह रोडवेज अधिकारियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है ताकि विक्रम को न्याय मिल सके।

