हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। देवभूमि उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा का 10 मई से शुभारंभ हो गया है। यात्रा के पहले दिन से ही लाखों भक्तों की भीड़ चारों धामों के दर्शन के लिए उमड़ पड़ी। हालाकि इस भीड़ में श्रद्धालुओं की तुलना में रील, वीडियो और ब्लॉग बनाने वालों की ज्यादा भरमार है।
ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन कराने को लेकर जहां हरिद्वार और ऋषिकेश में अव्यवस्था की स्थिति बनी तो चारों धामों के यात्रा मार्ग पर घंटों जाम, खानपान, पेयजल, सुलभ शौचालय जैसी कमियों से राज्य सरकार और पर्यटन विभाग की जमीनी तैयारियां यकायक ही पटरी से उतर गईं।
सोशल मीडिया से लेकर प्रदेश के स्वतंत्र पत्रकारों और देशभर की प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया में चारधाम यात्रा की अव्यवस्थाओं की खबरें सुर्खियां बनी तो अब धामी सरकार और नौकरशाहों को भी एक्शन मोड में आने पर मजबूर होना पड़ा है। हालाकि अधिकारियों के आदेश चारधाम यात्रा में कितना प्रभावी होते हैं, यह देखने वाली बात है।
गुरुवार को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने चार धाम यात्रा को व्यवस्थित तरीके से संचालित करने के लिए गढ़वाल मंडल के आयुक्त, डीएम , पुलिस, यातायात के अधिकारियों को आदेश जारी किए।
मुख्य सचिव ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा एवं सुगम यात्रा के लिए प्रशासन द्वारा यह व्यवस्था बनाई गई है कि पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन के बाद ही श्रद्धालु यात्रा पर आएं।
चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए वीआईपी दर्शन पर रोक की अवधि आगामी 31 मई तक बढ़ा दी गई है। ताकि सभी श्रद्धालु सुगमता से चारों धामों में दर्शन कर सकें।
यहां यह भी बताते चलें कि इससे पहले भी मुख्य सचिव ने देशभर के शासन प्रशासन को पत्र लिखकर यात्रा के शुरुवाती 15 दिनों में वीआईपी और वीवीआईपी दर्शन के लिए न आने का निवेदन पत्र भेजा था। बावजूद इसके बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम में वीआईपी दर्शन के लिए अलग लाइन बन रही थी। जिसका स्थानीय जनता और पुजारियों ने विरोध भी किया था।
इसके साथ ही मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने आदेश जारी कर बताया कि चारों धामों में मंदिर परिसर की 50 मीटर की परिधि में सोशल मीडिया हेतु वीडियोग्राफी / रील्स आदि पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाया गया है।
इसके साथ ही मुख्य सचिव ने आदेश जारी कर कहा है कि अब चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को दर्शन हेतु निर्धारित तिथि रजिस्ट्रेशन के अनुसार ही ट्रिप कार्ड आईडी निर्गत की जाएगी।
श्री केदारनाथ धाम की यात्रा को सुव्यवस्थित करने के लिए पुलिस- प्रशासन ने सोनप्रयाग से ‘लाइन व्यवस्था’ को लागू किया है, जिसमें श्रद्धालु गौरीकुंड से शटल पार्किंग का उपयोग कर सकें।
सरकारी आंकड़ों की बात करें तो 14 मई तक ऑनलाइन 26 लाख 73 हजार 519 रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। गंगोत्री में 4 लाख 21 हजार 366, यमुनोत्री में 4 लाख 78 हजार 576, श्री बद्रीनाथ धाम में 9 लाख 7,060 और केदारनाथ धाम में कुल 8 लाख 13 हजार 558 जबकि श्री हेमकुंड साहिब के लिए 59,312 पंजीकरण हो चुके हैं।
हरिद्वार एवं ऋषिकेश में 8 से 14 मई तक ऑफलाइन के माध्यम से कुल 1,42,641 पंजीकरण हुए हैं। जिसमें से यमुनोत्री में 59,158, गंगोत्री में 51,378, केदारनाथ में 1,26,306 व बद्रीनाथ धाम में 39,574 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।
गढ़वाल आयुक्त के अनुसार, यमुनोत्री धाम में 5 Km का रास्ता बेहद संकरा है और यहां पर एक समय में सीमित संख्या में ही लोग आवागमन कर सकते हैं। पिछले वर्ष की तुलना में ज्यादा श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, इससे कुछ परेशानियां हो रही हैं, लेकिन इन्हें भी दूर करने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जा रहे हैं।
यात्रियों को यमुनोत्री व गंगोत्री मार्ग पर ठहराया भी जा रहा है। सूखी टॉप से लौटते समय व गंगनानी से आगे गेट सिस्टम लागू किया गया है। बल्क एसएमएस के माध्यम से होल्ड रेश्यो की जानकारी दी जा रही है कि उन्हें कितनी देर और रुकना होगा।