फैसला: हल्द्वानी के बुद्ध पार्क में युवाओं के साथ नहीं, अलग बैठेंगे समाजसेवी और पॉलिटिशियन

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हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की 21 सितंबर को हुई परीक्षा में पेपरलीक का मामला हर दिन उग्र होता जा रहा है। देहरादून से लेकर हल्द्वानी और पर्वतीय जिलों में युवाओं के साथ साथ अभिभावक भी हल्लाबोल किए हुए हैं।

हल्द्वानी के बुद्ध पार्क में आज युवाओं ने विरोध का रोचक तरीका चुना। यहां भैंस के पोस्टर के आगे युवाओं ने बीन बजाई। इसके बाद हस्ताक्षरयुक्त पोस्टर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पार्सल से भेजा।

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इसके साथ ही भूख हड़ताल पर बैठे भूपेंद्र कोरंगा ने ऐलान किया कि आज से धरना स्थल में मंच संचालक शैलेन्द्र दानू के अलावा सिर्फ़ परीक्षार्थी, अध्यापक और उनके अभिभावक अपनी बात रखेंगे।

भूपेंद्र कोरंगा ने कहा कि आज से जो समर्थन में समाजसेवी और राजनैतिक लोग आयेंगे उनके लिए धरना स्थल में अलग से जगह तय की गई है। सारे गतिविधियों में सबसे आगे बच्चों को ही रखा जाएगा। मैं भी अब सामने ना बैठकर साइड में बैठूँगा।

उन्होंने कहा कि जब तक माँगे पूरी नहीं होंगी मेरी भूख हड़ताल जारी रहेगी। यदि प्रशासन मुझे उठाता है तो फिर भी मैं अपने फ़ैसले पर कायम हूं। यदि आंदोलन को खत्म करने की कोशिश की तो हर घर से भूपेन्द्र निकलेगा।

वहीं धरना स्थल पर मामला तब और रोचक हो गया जब पोस्टर पर लिखा “धाकड़ भैंस के आगे बीन, सरकार के आगे आवाज़”, से पुलिस प्रशासन ने “धाकड़” शब्द देखकर तुरन्त मौके पर पहुंचकर उस पर कालिख पोत दी।

इधर, उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष भूपेंद्र कोरंगा चौथे दिन भी आमरण अनशन पर हैं। बुद्ध पार्क में डॉक्टरों ने उनका मेडिकल परीक्षण किया। दिन की शुरुआत हनुमान चालीसा पाठ और भगत सिंह की 118वीं जयंती पर माल्यार्पण से हुई।

युवाओं ने अपनी उपस्थिति से स्पष्ट किया कि उनका विरोध अब प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि वास्तविक मुद्दों पर केंद्रित है।

प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी युवा, अभिभावक रैलियों के माध्यम से परीक्षा रद्द और सीबीआई जांच की मांग बुलंद कर रहे हैं। कोरंगा ने कहा कि यह लड़ाई मेरी नहीं, बल्कि लाखों युवाओं और छात्रों के भविष्य की है। जब तक पेपर लीक की सीबीआई जांच और दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती, यह आंदोलन जारी रहेगा।

वहीं, आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धरना स्थल पर फोन कर अनशन स्थगित करने की अपील की, लेकिन कोरंगा ने स्पष्ट कर दिया कि आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं। उन्होंने बेरोज़गार संघ की मांगों को तुरंत पूरा करने की भी अपील की।

उत्तराखंड युवा एकता मंच के संयोजक पीयूष जोशी ने तंज कसते हुए कहा कि आयोग आज भी 4G जैमर के जमाने में अटका है, जबकि नकल माफिया सेटेलाइट फोन के साथ अपग्रेड हो चुका है।

खीम सिंह कोरंगा, जो छात्रों को राज्य सिविल सेवा की तैयारी कराते हैं, मंच पर भावुक हुए और कहा कि इस प्रकार की घटनाओं ने हजारों युवाओं का भविष्य प्रभावित किया है। उन्होंने चेताया कि यदि सीबीआई जांच और पेपर रद्द नहीं होते हैं, तो छात्रों का आंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है।

खिमेश पनेरु ने कहा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत ने छात्रों की सीबीआई जांच की मांग का समर्थन किया है अगर वह छात्रों के साथ सड़क पर आकर संघर्ष करते हैं तो छात्र कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग करेंगे वह एक अभिभावक व उनके नेता के रूप में छात्र सदैव उनके आभारी रहेंगे।

हल्द्वानी का यह विरोध सिर्फ पेपर लीक तक सीमित नहीं है। यह छात्रों और युवाओं की प्रतीकात्मक चेतावनी भी है। बीन की आवाज़ भैंस के आगे गूंजती रही, और प्रशासन सिर्फ कालिख की संवेदनशीलता तक ही सीमित रहा।

आज एसडीएम विवेक राय भी धरना स्थल पहुंचे। उन्होंने भी युवाओं से धरना खत्म करने की अपील की लेकिन युवा पेपरलीक मामले की सीबीआई जांच की मांग पर अड़े रहे।

इस मौके पर राज्य आंदोलनकारी ललित मोहन जोशी, उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा सोशल मीडिया प्रभारी मनोज कोठियाल, पार्षद शैलेन्द्र दानू, विशाल भोजक, छात्र संघ उपाध्यक्ष ज्योति दानू, विक्रम मेहता, हर्षित जोशी, दीक्षित कुमार, सुनील चंद्र, मुकेश चंद्र, पवन चंद्र, दिनेश सिंह बिष्ट, अजय प्रताप सिंह, अमित रावत,राधा आर्य, ज्योति बनौला, सुजाता आर्य, किरण राणा, टीकाराम पांडे आदि मौजूद रहे।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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