
Conviction received after 27 years in milk adulteration case: कोई भी पर्व त्यौहार आते ही कोई सबसे पहले जागता है तो वो खाद्य सुरक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी होते हैं।
मिलावटी दूध हो या मिठाई या दूसरा सामान…साल भर सोए रहने वाले खाद्य सुरक्षा विभाग के जिम्मेदारों की कार्रवाई इन दिनों भी शहर शहर चल रही है क्योंकि होली जो आ रही है।
इस बीच बरेली में दूध में मिलावट के एक मामले में 27 वर्षों से चल रहे वाद में एसीजेएम फर्स्ट न्यायालय ने अब फैसला सुनाया है। दोषी को छह माह के कारावास समेत एक हजार रुपए का जुर्माना लगा है।
खाद्य सुरक्षा विभाग के अनुसार, सात जुलाई 1998 को तत्कालीन खाद्य निरीक्षक वीएस सेंगर ने दमखोदा निवासी पोपी से मिश्रित दूध का नमूना लिया था।
जांच रिपोर्ट में नमूना असुरक्षित मिलने पर न्यायालय में वाद दायर किया गया था। उसकी सुनवाई चल रही थी। 28 फरवरी को संबंधित वाद की सुनवाई के बाद फैसला हुआ। इसमें छह माह का कारावास और एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।


