
देहरादून, प्रेस 15 न्यूज। बीते रोज उत्तराखंड में हुई स्नातक स्तरीय बीडीओ/बीपीडीओ परीक्षा के शुरू होने के कुछ देर बाद ही प्रश्नपत्र बाहर आने के बाद उठ रहे पेपरलीक के सवालों के बीच सीएम पुष्कर सिंह धामी का बड़ा बयान सामने आया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 4 जुलाई 2021 को उन्होंने जब मुख्य सेवक के रूप में काम काज संभाला तो उस वक्त, विभिन्न विभागों में करीब 22 हजार पद रिक्त पड़े हुए थे। अब सरकार के प्रयासों से 25 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी मिल चुकी है, इसमें एक भी परीक्षा में नकल का मामला सामने नहीं आया।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि कुछ लोग परीक्षा प्रणाली को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं, उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि नकल माफिया को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि उत्तराखण्ड का आने वाला समय स्थिरता और विकास के नाम रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भर्ती प्रकिया में बाधा न पहुंचे इसके लिए सरकार सख्त नकल विरोधी कानून लेकर आई। इससे कुछ लोग असहज होकर सरकार को बदनाम करने का प्रयास करने लगे।
रविवार को भी फिर ऐसा प्रयास किया गया, जबकि ये पेपर लीक जैसा मामला नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ नकल माफिया, कोचिंग माफिया सरकार को बदनाम करने का षडयंत्र रच रहे हैं, इसका जल्द खुलासा होगा।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि नकल माफिया को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसा षडयंत्र पूर्व में भी हो चुका है, लेकिन सरकार ने पारदर्शिता के साथ सभी परीक्षाओं को सम्पन्न कराकर नकल माफिया के इरादों पर पानी फेर दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की जनता ने विकास और स्थिरता को चुना है, उत्तराखण्ड का आने वाला समय विकास और स्थिरता के नाम रहेगा।
उन्होंने कहा कि इस बार पूरा हिमालयी क्षेत्र आपदा की जद में आया है, इसलिए उनकी कोशिश रहती है वो आपदा प्रभावितों के बीच पहुंचकर लोगों का दुख दर्द बांट सके, साथ ही तत्काल राहत और बचाव अभियान भी संचालित हो सके।
उन्होंने कहा कि सरकार उत्तराखण्ड में मौजूद वैज्ञानिक संस्थानों के जरिए राज्य में आपदा के कारणों का पता लगाते हुए, आपदा की पूर्व सूचना जुटाने और नुकसान को कम से कम करने की दिशा में प्रयासरत है।
इस मौके पर कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, प्रमुख सचिव डॉ. आर मीनाक्षी सुंदरम, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी, प्रो. सुरेखा डंगवाल, प्रो दुर्गेश पंत, वरिष्ठ पत्रकार पवन लालचंद आदि रहे।

