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हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। जिस दिन से ये ऐलान हुआ था कि उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेल होंगे, उसी दिन से उत्तराखंड के खिलाड़ियों और खेलप्रेमियों में उत्साह था। सरकार के मुखिया पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई में शासन प्रशासन भी खेलों के सफल और यादगार आयोजन के लिए जुट गया था।
अब जैसे जैसे राष्ट्रीय खेलों के समापन की तिथि यानी 14 फरवरी नजदीक आ रही है वैसे वैसे एक बार फिर मैदान में खिलाड़ियों को पदक के लिए जूझते और रोमांचक मुकाबलों का साक्षी बनते हर कोई देखना चाहता है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ साथ खेल मंत्री रेखा आर्य भी लगातार खेलों के सफल आयोजन पर नजर बनाए हुए हैं। समापन के दिन देश दुनिया के मेहमानों के साथ साथ देश के गृह मंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि के तौर पर गौलापार इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में मौजूद रहेंगे।
इन सबके बीच स्टेडियम में मैच देखने के लिए बड़ी संख्या में स्कूली बच्चों के साथ साथ खेलप्रेमी पहुंच रहे हैं।
बात अगर इस पूरे खेल आयोजन के प्रचार प्रसार की करें तो सरकारी स्पोर्ट्स चैनल के माध्यम से खेलों का लाइव प्रसारण देश भर में पहुंचाया जा रहा है। जबकि स्थानीय स्तर पर खेलों के प्रचार प्रसार को ताक पर रखा गया है।
ये माना कि यह आयोजन राष्ट्रीय स्तर का है और इसमें सारी व्यवस्थाएं केंद्र स्तर से तय होंगी। लेकिन ये भी एक सच है कि जिस राज्य में यह खेल हो रहे हैं , आप उस राज्य की स्थानीय मीडिया को दरकिनार नहीं कर सकते जिसकी पहुंच गांव पहाड़ के लोगों तक है। उन तक जिनके लिए खुद सूबे के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि खेलेगा उत्तराखंड तो बढ़ेगा उत्तराखंड….
इस बात को कहने में कोई गुरेज नहीं कि मीडिया कर्मियों को कवरेज के लिए जारी “पास” ने इस बार जिला प्रशासन, खेल विभाग और सूचना विभाग की खूब किरकिरी करवाई।
दैनिक अखबार और प्रादेशिक न्यूज चैनल के पत्रकार किसी तरह पास हासिल करने में सफल हुए लेकिन सूचना विभाग में पैनल न्यूज पोर्टल के पत्रकारों को “पास” से वंचित कर “फेल” कर दिया गया।
यानि राज्य सरकार इन पोर्टल को अपनी योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिए और सरकारी विज्ञापन देने लायक तो समझती है लेकिन राष्ट्रीय खेलों के प्रचार प्रसार करने के काबिल नहीं समझती।
सवाल उठ रहा है आखिर यह दोहरा मापदंड क्यों? हालांकि यह पहली बार नहीं है जब सूचना विभाग और जिला प्रशासन के जिम्मेदारों की नाक के नीचे डिजिटल पोर्टल मीडिया के साथ यह अन्यायपूर्ण दोगलापन हुआ हो।
निकाय चुनाव हो या विधानसभा चुनाव, हर चुनाव में भी न्यूज पोर्टल्स को “पास” जारी करने के नाम पर ऐसा ही रुख अपनाया जाता रहा है। जैसे न्यूज पोर्टल स्वतंत्र मीडिया से जुड़े ये पत्रकार बांग्लादेश या पाकिस्तान से आए हुए आतंकी हों, जिनके आते ही लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ जाएगा।
बात अगर हल्द्वानी में मीडिया की करें तो बीते सालों में दर्जनों बार ऐसे मामले आ चुके हैं जब पत्रकारिता का लबादा ओढ़े कई वसूलीबाजों और उनके अनैतिक कामों की पोल खुली लेकिन न तो सूचना विभाग और न ही पुलिस प्रशासन के किसी जिम्मेदार ने कोई एक्शन लिया।
यानि स्थानीय मीडिया का स्तर गिर गया है, यह गीत नैनीताल जिले में काबिज पुलिस- प्रशासन का हर अधिकारी गुनगुनाता है लेकिन किसी ने भी आज दिन तक मीडिया का स्तर गिराने वाले एक भी दलाल के खिलाफ एक्शन लेने की हिम्मत नहीं दिखाई।
पुलिस और प्रशासन के एक से बढ़कर तीस मार खां हल्द्वानी में रहते हैं, जानते हैं ये क्यों कार्रवाई नहीं करते? ये सच भी सुनते जाइए…
दरअसल जिन दलालों ने हल्द्वानी में पत्रकार बनकर वसूली, देह व्यापार, अधिकारियों की फाइलों की दलाली, पुलिस मुखबिरी और अफसरों के दफ्तरों की चाकरी में महारत हासिल की है, वो सब सिस्टम के प्यारे हैं। ऐसे में भ्रष्ट सिस्टम के पाले ये गनेल हर छोटे बड़े कार्यक्रम में मुस्तैदी से मौजूद रहते हैं।
इन पर कभी कोई एक्शन होगा भी नहीं क्योंकि जिन पर एक्शन की जिम्मेदारी है, उनके गुनाह के ये राजदार हैं। बस ये गाना जरूर बजेगा कि हल्द्वानी में तो आज पत्रकारों के नाम पर दलालों की लंबी फौज खड़ी हो गई, फलाना ढिमकाना…
सूचना विभाग के जिम्मेदार अधिकारी भी सब कुछ जानते हुए जिले में पत्रकारिता के स्तर को गिराने वालों के खिलाफ मौन बनकर यह जताते हैं कि उनकी बला से होते रहे पत्रकारिता और पत्रकार बदनाम…उनकी सूचना तो टाइप हो ही रही है।
सच यह है कि आज के डिजिटल दौर में न्यूज पोर्टल ही वो सशक्त माध्यम हैं जिनकी पहुंच हर घर हर स्मार्टफोन तक है। यही वजह है कि न्यूज पोर्टल चलाने वाले अधिकतर पत्रकार किसी न किसी अखबार या टीवी चैनल के नाम से जारी “पास” से राष्ट्रीय खेलों की खबरों का प्रचार प्रसार कर रहे हैं।
राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के पहले दिन से पास बनाने को लेकर शुरू हुई मीडिया पर्सन की मारामारी अब समापन की तिथि यानी 14 फरवरी के लिए भी बनी हुई है।
एक बार फिर मीडिया से जुड़े लोग गुजारिश, मन्नत और सिफारिश से गुजरते हुए “पास” बना रहे हैं।
बड़ा सवाल यही है कि क्या यह राष्ट्रीय खेलों में स्थानीय मीडिया की बेकद्री की ये तस्वीर सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तक पहुंची है?
क्या सूचना विभाग के जिम्मेदारों ने मुख्यमंत्री को बताया कि सर, हम उन न्यूज पोर्टल्स के संचालकों को राष्ट्रीय खेल का पास देने में असमर्थ हैं जिन्हें सरकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिए सरकारी विज्ञापन जारी होते हैं।
सवाल यह भी कि जिन राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन के लिए मुख्यमंत्री धामी ने पूरी ताकत झोंकी हुई है आखिर उन खेलों के प्रचार प्रसार के लिए जिला प्रशासन के साथ साथ सूचना विभाग और खेल विभाग के जिम्मेदारों ने स्थानीय सक्रिय मीडिया की अनदेखी क्यों की?
इतना ही नहीं न्यूज पोर्टल के नाम पर यूनियन चलाने वाले भी हर बार की तरह इस बार भी न्यूज पोर्टल्स की बुलंद आवाज बनने के बजाय दुम छुपाए नजर आए। यूनियन में मौजूद कई पत्रकार खुद अखबार या न्यूज चैनल का आईडी कार्ड गले में टांगे कवरेज कर खुद को धन्य भाग्य समझ रहे हैं।
सवाल उठता है कि आखिर ऐसी यूनियनों का क्या फायदा जब आप अपने लोगों के लिए ही आवाज उठाने और न्याय लड़ने के लिए आगे नहीं आ सकते? यह भी बड़ा सवाल है कि क्या न्यूज पोर्टल के नाम से यूनियन बनाने का मकसद कुछ और है??
अब 38वें राष्ट्रीय खेल के समापन यानी 14 फरवरी को लेकर नैनीताल पुलिस ने भी हर आमोखास को “पास” को लेकर आगाह कर दिया है।
पुलिस ने प्रेस नोट जारी कर कहा है कि जनपद नैनीताल के हल्द्वानी स्थित गौलापार स्टेडियम में 38वें राष्ट्रीय खेलों के विभिन्न इवेंट आयोजित किए जा रहे हैं। जिनके सकुशल आयोजन के लिए नैनीताल पुलिस द्वारा भारी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है।
14 फरवरी 2025 को राष्ट्रीय खेलों का समापन हल्द्वानी गौलापार स्टेडियम में ही किया जा रहा है। जिसके सकुशल आयोजन के लिए समापन कार्यक्रम आयोजन स्थल में प्रवेश हेतु प्रशासन एवं खेल विभाग द्वारा सभी आगंतुकों के लिए पाससिस्टम लागू किया जा रहा है, जिससे कि आगंतुक महानुभावों, दर्शकों अथवा पुलिस, प्रशासन, मीडिया समेत आयोजकों व खिलाड़ियों के लिए सुगम व्यवस्था बनी रहे।
अतः हल्द्वानी स्थित गौलापार स्टेडियम में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय खेल के समापन कार्यक्रम में आने वाले सभी आगंतुकों को सूचित किया जाता है कि प्रशासन एवम् खेल विभाग से प्राप्त निर्धारित पास धारकों को ही कार्यक्रम स्थल में प्रवेश दिया जाएगा। कृपया अपने साथ निर्धारित पास लेकर आएं और राष्ट्रीय खेलो के समापन कार्यक्रमों का लुफ्त उठाएं।
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