
हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। बच्चों को केवल पढ़ाई ही नहीं, बल्कि स्वतंत्र सोचने और सपने देखने की आज़ादी भी मिलनी चाहिए। यह दिन याद दिलाता है कि बच्चों को सिर्फ सुरक्षा नहीं, बल्कि सम्मान और अवसर भी मिलने चाहिए। इसी मंशा के साथ आज लामाचौड़ स्थित आर्डन प्रोग्रेसिव स्कूल में बाल दिवस बड़े ही उत्साह और उमंग के साथ धूमधाम से मनाया गया।
आर्डन प्रोग्रेसिव स्कूल में विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
कार्यक्रम में शिक्षकों द्वारा बच्चों के लिए रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दी गई, जिनका सभी ने आनंद लिया। इस अवसर पर बच्चों ने विद्यालय द्वारा आयोजित विभिन्न खेलों में आनंदपूर्वक हिस्सा लिया।
विद्यालय के ट्रस्टी एवं प्रधानाचार्य ने सभी छात्रों को बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। प्रबंधक भुवन चंद्र उपाध्याय ने बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना की।
बताते चलें कि बाल दिवस की नींव 1925 में रखी गई थी, जब बच्चों के कल्याण पर ‘विश्व कांफ्रेंस’ में बाल दिवस मनाने की सर्वप्रथम घोषणा हुई। इसके बाद 1954 में दुनिया भर में इसे मान्यता मिली। संयुक्त राष्ट्र ने यह दिन 20 नवंबर के लिए तय किया। लेकिन अलग अलग देशों में यह अलग दिन मनाया जाता है।
प्रबंधक भुवन चंद्र उपाध्याय ने कहा कि भारत में हर वर्ष 14 नवंबर को बच्चों का उत्सव मनाया जाता है। यह दिन बच्चों की मासूमियत, उनकी खुशियों और उनके उज्जवल भविष्य को समर्पित होता है। ‘फूलों की तरह खिलते हैं बच्चे’ और ‘बच्चे होते हैं मन के सच्चे’ बच्चों की मुस्कान से रोशन दुनिया में आप बच्चों के बगैर नहीं रहे सकते…जैसी लाइनें हमें याद दिलाती हैं कि बच्चे समाज की सबसे अनमोल धरोहर हैं।









