देहरादून/हरिद्वार, प्रेस 15 न्यूज। सैंकड़ों परिंदे आसमान पर आज नजर आने लगे, बलिदानियों ने दिखाई है राह उन्हें आजादी से उड़ने की…ये पंक्तियां ये बताने के लिए काफी हैं कि आज पूरा देश 78 वां स्वतंत्रता दिवस सिर्फ और सिर्फ उन बलिदानियों की बदौलत मना पा रहा है जिन्होंने मां भारती के खातिर प्राणों को बलिदान देने में संकोच नहीं किया।
आज जब देशभर में आजादी का जश्न मन रहा था तो देवभूमि की आँखें नम थी। सेना की 48 राष्ट्रीय राइफल के कैप्टन दीपक सिंह 15 अगस्त से कुछ घंटे पहले पहले जम्मू कश्मीर के डोडा जिले के अस्सर में बुधवार को हुई मुठभेड़ में शहीद हो गए।
देवभूमि के जांबाज बेटे दीपक सिंह ने गोली लगने के बाद भी मोर्चा नहीं छोड़ा और सुबह तक फायरिंग कर साथी जवानों को आतंकियों को ढेर करने के लिए हिम्मत देते रहे।
गुरुवार को कैप्टन दीपक सिंह का पार्थिव शरीर देहरादून पहुंचा। इस दौरान जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्यपाल ले जनरल गुरमीत सिंह और ने बलिदानी को श्रद्धांजलि दी।
इसके बाद बलिदानी का पार्थिव शरीर कुआंवाला स्थित उनके आवास पर लाया गया। जहां उनके अंतिम दर्शनों के लिए लोगों का भारी हुजूम उमड़ पड़ा। परिजन ताबूत से लिपटकर बिलख पड़े।
परिजनों के विलाप देख हर किसी की आँखें नम हो गई। लोगों ने भारत मां की जय और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए।
इसके बाद बलिदानी का पार्थिव शरीर हरिद्वार ले जाया गया। जहां सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
बताते चलें कि जंगल में आतंकियों की मौजूदगी की पुख्ता सूचना के बाद सेना और पुलिस ने मंगलवार देर शाम आपरेशन शुरू किया था। रातभर घेराबंदी के बाद बुधवार तड़के आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच एक बार फिर मुठभेड़ शुरू हो गई। इस दौरान सुरक्षाबलों ने एक पाकिस्तानी आतंकी को मार गिराया।
मुठभेड़ के दौरान कैप्टन दीपक सिंह शहीद हो गए और वीडीजी सदस्य प्यार सिंह भी गोली लगने से घायल हुए।