
रामनगर/हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। रामनगर पुलिस ने बड़ा काम किया है। इतना बड़ा कि जिसे बताने में पुलिस को पूरा एक दिन लग गया।
सोशल मीडिया पर उत्तराखंड के जनमुद्दों, सरकारी विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना और सबसे बड़ी बात रामनगर के भाजपा नेताओं से पंगा लेना कोटाबाग निवासी युवा बिरजू मयाल को भारी पड़ गया।

रामनगर पुलिस ने सोशल मीडिया पर भ्रामक प्रचार और जान से मारने धमकी देने के आरोप में फुर्ती वाली कार्रवाई करते हुए बिरजू मयाल को 27 जुलाई को हल्द्वानी से गिरफ्तार किया। और यह जानकारी 28 जुलाई की शाम प्रेसनोट के जरिए मीडिया को दी। हालांकि गजब रहा कि पुलिस के प्रेसनोट से पहले यह खबर मीडिया में वायरल हो गई थी।
आमतौर पर तहरीर पर जांच का हवाला देकर फरियादियों को इंतजार कराने वाली रामनगर पुलिस ने बिरजू मयाल की गिरफ्तारी में जो गजब की फूर्ति दिखाई, वो चर्चा का केंद्र बनी हुई है।
लोग कह रहे हैं कि काश! ऐसी फुर्ती पुलिस अन्य वादियों के मामले में भी दिखाती जिनकी चप्पलें न्याय की आस में थाना चौकी आते आते घिस जाती हैं। जिसमें थोड़ी बहुत हिम्मत और पैसा होता है वो पीड़ित कोर्ट की शरण में जाता है और फिर कोर्ट की फटकार के बाद पुलिस एफआईआर लिखने को मजबूर होती है। ऐसे में बिरजू मयाल के मामले में रामनगर पुलिस की फुर्ती ने चीते की रफ्तार को पीछे छोड़ दिया।
आरोप है कि बिरजू मयाल ने रामनगर क्षेत्र के भाजपा नेताओं के साथ गाली गलौज की और जान से मारने की धमकी भी दी। ऐसे में लोग कह रहे हैं कि क्या पुलिस ने इन मामलों में बिरजू मयाल का भी पक्ष लिया?
क्या ताली एक हाथ से बजी? विवादों के मामलों में क्रॉस एफआईआर दर्ज करने वाली पुलिस ने क्या बिरजू मयाल का पक्ष भी सुना? जबकि अपने फेसबुक पेज में अपलोड वीडियो में बिरजू मयाल ने इन मामलों में भाजपा नेताओं पर गंभीर सवाल उठाए हैं। दोषी दोनों पक्ष हैं और कार्रवाई एक पर हुई।
उत्तराखंड क्रांति दल के जिला संयोजक एडवोकेट मोहन कांडपाल ने कहा कि बिरजू मयाल का पक्ष जाने बिना पुलिस की एकतरफा कार्रवाई सवाल खड़े कर रही है। जिन भाजपा नेताओं की तहरीर पर पुलिस ने फुर्ती से बिरजू मयाल को गिरफ्तार किया , उन्हीं बीजेपी नेताओं पर बिरजू ने भी सवाल खड़े किए। लेकिन उसे अनसुना किया गया है।
एडवोकेट मोहन कांडपाल ने कहा कि बिरजू मयाल ने समय समय पर उत्तराखंड के जल, जंगल और जमीन के मुद्दे उठाए हैं। इतना ही नहीं पुलिस और दूसरे विभागों की कार्यशैली को भी कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि बिरजू यूकेडी का कार्यकर्ता है, ऐसे में उसे न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ी जाएगी।
पुलिस प्रेसनोट के अनुसार, 27 जुलाई को थाना रामनगर पर एक के बाद एक तीन अलग-अलग शिकायतकर्ताओं द्वारा बिरजू मयाल के खिलाफ गंभीर आरोपों की तहरीर दी गई, जिनमें गाली-गलौज, जान से मारने की धमकी, पैसों की जबरन मांग और महिलाओं से अभद्रता के मामले शामिल हैं।
जबकि एक शिकायत 13 जुलाई को पुलिस को मिली थी। लेकिन ब्रेकिंग न्यूज का दौर है, ऐसे में एक ही दिन में तीन एफआईआर बिरजू मयाल गिरफ्तार जारी किया गया।
भाजपा नेता राकेश नैनवाल, निवासी ग्राम ढिकुली द्वारा दी गई तहरीर के अनुसार, बिरजू मयाल ने उन्हें गालियां दीं और जान से मारने की धमकी दी। इस पर FIR 279/25 धारा 351(3)/352 BNS के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया।
अब वो मामले भी जानिए जिनकी वजह से बिरजू मयाल गिरफ्तार हुआ है। भाजपा नेता दिनेश मेहरा निवासी शिवलालपुर रामनगर ने तहरीर दी कि बिरजू मयाल ने 10,000 ₹ की मांग की और पैसे न देने पर गालीगलौज व जान से मारने की धमकी दी। इस पर पुलिस ने FIR संख्या 280/25 धारा 308(2)/351(3) BNS दर्ज की।
नीमा देवी, निवासी भरतपुरी रामनगर ने शिकायत दी कि 13 जुलाई को जब बिरजू मयाल और उसकी पत्नी में झगड़ा हुआ और उन्होंने बीच-बचाव किया, तो बिरजू मयाल ने उन्हें गाली गलौच, धमकी दी और छेड़छाड़ की। इस पर FIR 281/25 धारा 74/115(2)/351(3)/352 BNS दर्ज की गई।
नैनीताल पुलिस के प्रेसनोट के जरिए बताया कि इसके अतिरिक्त बिरजू मयाल लगातार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग कर किसी पर भी बिना तथ्यों के झूठे आरोप लगाकर लोगों से पैसे वसूलने व जान से मारने और डराने-धमकाने की गतिविधियों में संलिप्त था।
पुलिस ने बताए बिरजू मयाल के खिलाफ दर्ज मामले
1. FIR No. 135/25 – धारा 115/352/ 351(2) BNS – कोतवाली रामनगर
2. FIR No. 279/25 – धारा 351(3)/352 BNS – कोतवाली रामनगर
3. FIR No. 280/25 – धारा 308(2)/351(3) BNS – कोतवाली रामनगर
4. FIR No. 281/25 – धारा 74/115(2)/351(3)/352 BNS – कोतवाली रामनगर
5. FIR No. 64/21 – धारा 323/504/506 IPC व SC/ST Act – थाना कालाढूंगी
6. FIR No. 109/22 – धारा 323/353/427/447/504/506 IPC – थाना कालाढूंगी
