हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। उत्तराखंड हाईकोर्ट नैनीताल से गौलापार शिफ्ट होगा, यह ख्वाब हकीकत बनते नजर नहीं आ रहा है। आज हाईकोर्ट ने ऋषिकेश स्थित इंडियन ड्रग्स एंड फार्मास्युटिकल लिमिटेड (आईडीपीएल) क्षेत्र में हाईकोर्ट की बेंच शिफ्ट करने का मौखिक आदेश क्या जारी किया, हाईकोर्ट में खलबली मच गई।
इस फैसले से भड़के अधिवक्ता इस कदर गुस्से से भर गए कि अधिवक्ता चलते कोर्ट में सीधे मुख्य न्यायाधीश से मिलने पहुंच गए। जिसके बाद भड़के अधिवक्ताओं को शांत करने के लिए वार्ता का वक्त तय किया गया।
दरअसल, ऋषिकेश स्थित इंडियन ड्रग्स एंड फार्मास्युटिकल लिमिटेड (आईडीपीएल) की कुछ याचिकाओं पर मुख्य न्यायाधीश ऋतु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में सुनवाई चल रही थी। इस याचिका में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी भी ऑनलाइन जुड़ी थी।
सुनवाई के बाद आर्डर लिखाते समय मुख्य न्यायाधीश ने हाईकोर्ट को गौलापार शिफ्ट करने को गलत कदम बताते हुए कहा कि इसके लिए उपर्युक्त स्थल ऋषिकेश में आईडीपीएल की 850 एकड़ जमीन रहेगी। कोर्ट में मौखिक आदेश पारित होते ही अधिवक्ताओं में खलबली मच गई और सभी अधिवक्ता बार सभागार में एकजुट हो गए।
इस मौके पर हाईकोर्ट बार के अध्यक्ष डीसीएस रावत, सचिव सौरभ अधिकारी, विजय भट्ट, प्रभाकर जोशी, सय्यद नदीम ‘मून’, विकास गुगलानी, पुष्पा जोशी, रमन साह, ललित बेलवाल, दीप प्रकाश भट्ट, कुर्बान अली, कैलाश तिवारी, सौरभ पांडे, दीप जोशी, भुवन रावत, दुष्यंत मैनाली, बीएस मेहता, अजय बिष्ट, सुहैल अहमद सिद्दीकी आदित्य साह आदि अधिवक्ता रहे।
अधिवक्ता जितेंद्र चौधरी ने बताया कि उनकी याचिका के बाद आदेश लिखाते हुए मुख्य न्यायाधीश ऋतु बाहरी ने कहा कि वो हाईकोर्ट को गौलापार शिफ्ट करने का विरोध करते हैं। गढ़वाल क्षेत्र से आने वाले 70 प्रतिशत लोगों के लिए एक बेंच ऋषिकेश में स्थापित करने का प्रस्ताव किया। कुमाऊं के 30 प्रतिशत लोगों के लिए कोर्ट नैनीताल ही रहेगी।
मुख्य न्यायाधीश के इस मौखिक फैसले के बाद अब हाईकोर्ट शिफ्ट करने का मामला गर्मा गया है। गौलापार में हाईकोर्ट शिफ्ट होने के आस लगाए बैठे लोगों को भी झटका लगा है। हालाकि अभी इस पर आखिरी फैसला आना बाकी है। लेकिन इतना तय है कि न्यायाधीश भी गौलापार में हाईकोर्ट शिफ्ट करने के पक्ष में नहीं है। अब सारा दारोमदार अधिवक्ताओं के ऊपर है।