नई दिल्ली, प्रेस 15 न्यूज। आबकारी नीति के मामले में 17 महीनों से जेल में बंद पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। उन्हें 10 लाख के निजी मुचलके पर जमानत मिल गई है। इस फैसले के बाद आम आदमी पार्टी में खुशी चरम पर है।
सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि जमानत के मामले में हाईकोर्ट और ट्रायल कोर्ट सेफ गेम खेल रहे हैं। सजा के तौर पर जमानत से इनकार नहीं किया जा सकता। अब समय आ गया है कि अदालतें समझें कि जमानत एक नियम है और जेल एक अपवाद है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, सिसोदिया को अपना पासपोर्ट जमा करना होगा, इसका मतलब सिसोदिया देश छोड़कर बाहर नहीं जा सकते। मनीष सिसोदिया को हर सोमवार को थाने में हाजिरी देनी होगी।
बताते कि सिसोदिया को करीब 17 महीने जेल के अंदर रहना पड़ा। हालांकि बीच-बीच में सिसोदिया अपनी पत्नी के खराब स्वास्थ्य के चलते पेरोल दी गई थी।
आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि ये सत्य की जीत हुई है। पहले से कह रहे थे इस मामले में कोई भी तथ्य और सत्यता नहीं थी। जबरदस्ती हमारे नेताओं को जेल में रखा गया। उन्होंने पूछा कि क्या भारत के प्रधानमंत्री इस 17 महीने का जवाब देंगे? जिंदगी के 17 महीने जेल में डालकर बर्बाद किया। सुप्रीम कोर्ट का सिर झुकाकर नमन है।