हल्द्वानी हिंसा के आरोपी अब्दुल मलिक का बड़ा फर्जीवाड़ा, मुर्दे को जिंदा दिखाकर 16 साल तक डीएम से लेकर हाईकोर्ट को किया गुमराह

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Haldwani News: Haldwani violence: Accused Abdul Malik: Big fraud: Banbhulpura violence: हल्द्वानी, प्रेस15 न्यूज। हल्द्वानी हिंसा का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक अभी तक हल्द्वानी पुलिस की पकड़ से बाहर है। इस बीच उसके काले कारनामों की परत दर परत खुल रही है। आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि अब्दुल मलिक ने अपने साथियों के साथ मिलकर मरे हुए व्यक्ति के नाम पर 16 साल तक नगर निगम के साथ-साथ हाईकोर्ट को भी गुमराह किया और सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर करोड़ों की काली कमाई की। हैरानी की बात यह 16 साल तक अब्दुल मलिक के इस काले कारनामे को कोई भी सरकारी विभाग या खुफिया पुलिस नहीं पकड़ पाई। या यूं कहें किसी भी सरकारी विभाग ने काले कारनामे को पकड़ने की जहमत तक नहीं उठाई गई।

बनभूलपुरा के लाइन नंबर आठ निवासी अब्दुल मलिक का सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा आपको विस्तार से बताते हैं। दरअसल आज अब्दुल मलिक के नाम से जिस मलिक के बगीचे को हर कोई जानता है, उसका सरकारी रिकार्ड में कहीं कोई जिक्र नहीं है। नगर निगम के नजूल अनुभाग की फाइल में यह क्षेत्र कंपनी बाग के नाम से दर्ज है। इस कंपनी बाग को नबी रजा खां को लीज पर दिया गया था, जिसकी मौत तीन अक्तूबर 1988 में हो चुकी है। लेकिन इसके बाद भी शातिर दिमाग वाला अब्दुल मलिक नबी रजा खां के नाम से नगर निगम, डीएम से लेकर हाईकोर्ट तक पैरवी करता रहा। 16 साल तक सरकारी अधिकारियों को इसकी जानकारी तक नहीं हुई।

कंपनी बाग की 13 बीघा जमीन को खुर्द-बुर्द करने के लिए अब्दुल मलिक, उसकी पत्नी साफिया मलिक सहित छह शातिर लोगों ने जमकर कागजों में कूट रचना की। नबी रजा खां के मरने के 15 साल बाद भी उसके नाम से कोर्ट में मुकदमा दायर किया गया। जब नबी रजा खां को बाग के लिए लीज में मिली जमीन का फ्री होल्ड नहीं हुआ तो सरकारी नजूल जमीन को 10 रुपये से 100 रुपये के स्टांप में बेच दिया गया। इतना ही नहीं जिस कंपनी बाग में कभी 500 से अधिक फलदार पेड़ थे, उन्हें भी जमीन बेचने के खेल अब्दुल मलिक ने रातों रात काटकर बेच दिया गया। ऐसे में अब्दुल मलिक के काले कारनामे उजागर होने के साथ-साथ हल्द्वानी में सरकारी विभागों में तैनात तत्कालीन अधिकारियों की भूमिका और कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं।

इधर, बनभूलपुरा हिंसा के बाद सक्रिय हुए नगर निगम के अधिकारियों को जैसे ही अब्दुल मलिक के इस खेल की जानकारी हुई तो नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त गणेश भट्ट ने कोतवाली में तहरीर दी। जिसके बाद कूटरचना कर सरकारी जमीन को हड़पने, मरे हुए व्यक्ति के नाम पर शपथ पत्र देने, न्यायालय में मरे हुए व्यक्ति के नाम से याचिका दायर करने के मामले में पुलिस ने अब्दुल मलिक, उसकी पत्नी साफिया मलिक, अख्तरी बेहम पत्नी नन्हें खां, नबी रजा खां पुत्र अशरफ खां निवासी हल्द्वानी, गौर रजा खां पुत्र स्व. अशरफ खां निवासी लाइन नंबर 17 और अब्दुल मलिक निवासी बरेली के खिलाफ धोखाधड़ी, आईपीसी 417 और 120 बी की धाराओं में केस दर्ज किया है।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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