हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। भीमताल के ओखलढूंगा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दो दिन की ड्यूटी और 30 दिन की हाजिरी लगाने वाला बॉन्डधारी डॉ. सोहित चंद्र शनिवार दोपहर सीएमओ डॉ. हरीश पंत और एमओआईसी मर्तोलिया के साथ कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत के कैंप कार्यालय पहुंचा।
इस दौरान आयुक्त ने जुलाई महीने में दो दिन की ड्यूटी और 30 दिन की अटेंडेंस की पड़ताल शुरू की और डॉक्टर से जवाब तलब किया।
मूलरूप से यूपी के आगरा निवासी डॉ. सोहित चंद्र ने अपने जवाब में कहा कि सीएमओ ऑफिस के बाबू की ओर से उसकी वीआईपी ड्यूटी लगती रहती है। कभी मुख्यमंत्री तो किसी अन्य वीआईपी के दौरे के दौरान उसकी ड्यूटी लगती रहती है। फिलहाल वह भीमताल सीएससी में तैनात है।
जब आयुक्त ने ड्यूटी रजिस्टर में डॉक्टर के ओरिजनल सिग्नेचर का मिलान किया तो संदेह लगा। सारी बात सुनने के बाद आयुक्त को डॉक्टर का जवाब संदिग्ध लगा।
डॉ. सोहित चंद्र ने कहा कि ड्यूटी रजिस्टर में उनके ही सिगनेचर हैं, इस पर आयुक्त ने डॉ. सोहित चंद्र से पूछा कि महीने के 30 दिन कैसे बिना छुट्टी आपने ड्यूटी कर ली? जबकि ड्यूटी रजिस्टर के सिग्नेचर और डॉक्टर के ओरिजनल सिग्नेचर में फर्क है। आयुक्त के इस सवाल पर डॉ. सोहित चंद्र के पास कोई तार्किक जवाब नहीं था।
इस दौरान सीएमओ और एमओआईसी भी आरोपी डॉक्टर के पक्ष में जवाब देते रहे।
आयुक्त ने सीएमओ से जिलेभर के सीएससी और पीएससी के बारे में जानकारी ली। सीएमओ डॉ. हरीश पंत ने आयुक्त को बताया कि जिले में 11 सीएचसी और 20 पीएससी हैं जिनमें 342 डॉक्टरों के पद हैं जिनमें 173 विशेषज्ञ डॉक्टर हैं। फिलहाल 99 डॉक्टरों की कमी है। अधिकतर सीएससी और पीएससी में बायोमेट्रिक हाजिरी की व्यवस्था भी ठप है।
सीएमओ डॉ. हरीश पंत और एमओआईसी मर्तोलिया ने आयुक्त को बताया कि डॉक्टरों की कमी के चलते उक्त डॉक्टर को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ओखलढूंगा से भीमताल सीएससी में रात्रि ड्यूटी पर अटैच किया गया था। इस दौरान पता चला कि इससे पहले भी डॉक्टर सोवित ज्योलिकोट में तैनाती के दौरान विवाद में रहा।
पूरे मामले की पड़ताल के बाद आयुक्त ने सीएमओ को तत्काल डॉक्टर को भीमताल से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ओखलढूंगा में तैनात करने के निर्देश दिए।
इसके साथ ही आयुक्त ने सीडीओ और सीएमओ को सभी सीएससी और पीएससी में अनिवार्य रूप से बायोमेट्रिक हाजिरी लगाने के निर्देश दिए।
आयुक्त ने कहा कि दुर्गम क्षेत्र में स्थित पीएससी और सीएससी में इस तरह की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। क्योंकि अगर किसी भी समय पहाड़ में आपदा जैसी स्थिति बनी, कैसे लोग अपनी जान बचाएंगे?
इतना ही नहीं आयुक्त ने आरोपी डॉक्टर के मामले की जांच सीडीओ अशोक पांडे को सौंप दी। अब सीडीओ के ऊपर अस्पताल के उपस्थिति रजिस्टर, सीसीटीवी फुटेज और अन्य दस्तावेजों के साथ पूरे मामले की जांच की जिम्मेदारी है।
बताते चलें कि कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने शुक्रवार को हल्द्वानी हैडाखान मार्ग पर स्वास्थ्य केंद्र ओखलढूंगा पहुंचे तो हैरान करने वाली तस्वीर सामने आई थी।
यहां आयुक्त ने हाजिरी और ओपीड़ी रजिस्टर चेक किया। ओपीडी रजिस्टर में पाया गया कि डॉक्टर जुलाई महीने में दो दिन आकर पूरे महीने अनुपस्थित रहे, जबकि डॉ. सोहित चंद्र की पूरे माह की उपस्थिति हाजिरी रजिस्टर में लगी हुई थी।
जानकारी लेने पर फार्मासिस्ट जगमोहन उप्रेती ने बताया कि चिकित्सक की हाजिरी वार्ड बॉय द्वारा लगाई जा रही थी, जिसका तत्काल संज्ञान लेते हुए कुमाऊं कमिश्नर ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी, एमओआईसी भीमताल सहित अन्य अधिकारियों को शनिवार दोपहर तीन बजे कैंप कार्यालय हल्द्वानी में तलब किया था।