खुश होइए ! हल्द्वानी में सैकड़ों पेड़ कटे तो कटे, अब वर्टिकल गार्डन तैयार है बल

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हल्द्वानी, प्रेस 15 न्यूज। आज सबने हरियाली के त्यार यानि त्योहार हरेला को धूमधाम से मनाया। घरों में विधिविधान से हरेला पूजन हुआ। “जी रया जागी रया” का आशीर्वाद बड़े बुजुर्गों ने परिवार के सदस्यों को बांटा तो वहीं सरकारी स्तर पर सुबह आठ बजे से ही पौधारोपण जोरसोर से चला। हर कार्यक्रम में फोटो खींचने वाला और एक बैनर जरूर पहुंचा जिससे पता चल सके कि किसके सौजन्य से यह महान कार्य हो रहा है।

बात उत्तराखंड के दूसरे बड़े और वीवीआईपी शहर हल्द्वानी की करते हैं। हमने हल्द्वानी को वीवीआईपी कहा , क्यों कहा आप समझ गए होंगे। दरअसल जिस शहर में सरकार के सबसे बड़े अधिकारी से लेकर जिले के तुर्रम हेकड़ीबाज अधिकारी रहते हों, यही नहीं जहां सत्ता और विपक्ष के एक से बढ़कर एक नेता 24× 7 शोभायमान रहते हों, उस शहर का वीवीआईपी होना तो लाजिमी है भले वहां रह रही जनता खस्ताहाल सड़कों से लेकर तमाम सरकारी मनमानियों का शिकार हो। लेकिन भैय्या शहर तो एक नंबर का वीवीआईपी है।

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आप हल्द्वानी में रहते हैं या यहां किसी काम से आपका आना जाना लगा रहता है तो इस बात से जरूर वाकिफ होंगे कि पिछले साल सड़क चौड़ीकरण के नाम पर जिला प्रशासन ने किस कदर वर्षों पुराने हरे भरे पेड़ों पर आरियां चलवाई थी। और जब लगा कि शहर के कुछ सुषुप्त अवस्था में गए पर्यावरण प्रेमियों का गुस्सा फूटेगा तो उनके लिए चुनिंदा पेड़ों को रिलोकेट की व्यवस्था भी की गई। इस सब कार्यों में करोड़ों रुपया खर्च भी हुआ बल…

हालांकि सच ये है कि सड़क पर अधिकारियों के दफ्तरों के बजाय फेसबुक, इंस्टाग्राम में ही पर्यावरण प्रेमियों का गुस्सा फूटा। शायद यह बात जिला प्रशासन को पहले से पता थी। तभी इस बड़े काम को करने की हिम्मत भी आई होगी। अब वर्षों पुरानी शहर की हरियाली को उखाड़ फेंकने में जिगरा तो चाहिए ही ना…

यानी एक झटके में हल्द्वानी शहर में नैनीताल रोड हो या फिर कालाढूंगी रोड, वर्षों पुरानी हरियाली छीन ली गई। और आज हरेले की दिन खबर आई कि हल्द्वानी के लोगों के अहोभाग्य कि उन्हें बीच शहर में एक नेचुरल वर्टिकल गार्डन मिल गया है।

हालाकि कुछ दिन पहले बरेली रोड में करीब पांच हजार में एक पेड़ रोपने की खबर ने भी सरकारी तंत्र के कारनामों की पोलपट्टी खोलकर रखी थी।

यानी पहले अधिकारियों के ऑर्डर के बाद पेड़ काटे, फिर नारे लगाए ‘पेड़ बचाओ’, पेड़ बचाओ… नारे लगा कर चुप हुए और फिर पेड़ काटने लगे। कुछ समय बाद जब लगा कि अब प्रकृति हमारे कर्मों का प्रत्युत्तर देने वाली है तो हमने फट से नारा बदल दिया और इस बार नारा लगाया, पेड़ लगाओ हरियाली बचाओ…

समय समय पर प्रकृति का व्यग्र रूप से देखने के बाद भी, हमारे सरकारी सिस्टम में बैठे जाजिम्मेदारों के स्वभाव में तनिक भी अंतर नहीं आया। उन्हें भी लगता है ये कुर्सी कौन सी परमानेंट है ढाई तीन साल यहां फिर कहीं और…

वजहें चाहे जो भी हो मगर सच यही बार बार दोहराएंगे कि ये उत्तराखंड है यहां 75 फीसदी से ज्यादा जंगल है इसलिए पेड़ काटते जाएंगे और हर बार हरेला और पांच जून को पेड़ जरूर लगाएंगे…

अब नगर निगम की ओर से जारी सरकारी प्रेस नोट पर भी पढ़ ही लीजिए। आपको पता लगेगा कि जिला प्रशासन के सहयोग से नगर निगम ने हल्द्वानी की जनता पर कितना बड़ा एहसान किया है।

हरेला पर्व के पावन अवसर पर नगर निगम हल्द्वानी ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में नई पहल करते हुए तिकोनिया चौराहे पर शहर का पहला नेचुरल वर्टिकल गार्डन विकसित किया है। यह अभिनव प्रयास न केवल शहर की सुंदरता में वृद्धि कर रहा है, बल्कि नागरिकों के लिए आकर्षण और पर्यावरणीय प्रेरणा का केंद्र भी बन गया है।

जिलाधिकारी महोदय के निर्देशन में और वृक्षारोपण हेतु प्रदान की गई वित्तीय सहायता से यह परियोजना संभव हो सकी। नगर निगम हल्द्वानी द्वारा इस पहल को सफलतापूर्वक संपन्न किया गया, जिसमें विशेषज्ञों की देखरेख में विभिन्न प्रकार के ऑर्नामेंटल पौधे और लताएं लगाई गईं।

इस वर्टिकल गार्डन का उद्देश्य केवल सौंदर्यीकरण नहीं, बल्कि प्रदूषण नियंत्रण, वायु शुद्धता और तापमान संतुलन के माध्यम से शहर को एक हरित और स्वस्थ वातावरण प्रदान करना है।

नगर निगम द्वारा की गई यह पहल हल्द्वानी को ‘ग्रीन सिटी’ की दिशा में अग्रसर करने वाला एक प्रेरणादायक कदम है।

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संजय पाठक

संपादक - प्रेस 15 न्यूज | अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं... हां मैं एक पत्रकार हूं

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