बागेश्वर, प्रेस 15 न्यूज। जिन मां- बाप ने बेटे के पैदा होने पर कई अरमान सजाए हों, जब बड़ा होकर वही बेटा उनकी जान का दुश्मन बन जाए तो क्या बीतती है, यह तो उन मां बाप की आत्मा ही जानती है।
बीते दो दिन से इंसानियत को शर्मसार करने वाला बागेश्वर के कलयुगी बेटे की करतूत वाला एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है जिसमें पैसों का मरा एक शैतान बेटा अपने बुजुर्ग पिता के साथ अमानवीय व्यवहार कर रहा है।
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बुजुर्ग पिता रहम की भीख मांग रहा है लेकिन कलयुगी बेटा उनसे पैसे मांग रहा है और वो सलूक कर रहा है जिसकी स्वस्थ समाज में कल्पना भी नहीं की जा सकती।
जो भी इस वीडियो को देख रहा है, इसका खून खौल रहा है। बस यही कह रहा है कि जिस बेटे को बुजुर्ग बाप पर तरस नहीं आया, उसके चौराहे पर लटकाकर फांसी दे देनी चाहिए। जिस बाप ने पाल पोसकर इतना बड़ा किया आज उसी बाप की जिंदगी का दुश्मन बना ये बेटा माफी के काबिल नहीं है।
कांडा तहसील के सातचौंरा निवासी कलयुगी बेटे आनंद बल्लभ पांडेय (46) के अपने पिता पूर्व सैनिक नंदाबल्लभ पांडेय से मारपीट, गालीगलौज करने और जान से मारने की धमकी देने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो कांडा पुलिस भी सक्रिय हुई और आरोपी बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ।
आरोपी आनंद के खिलाफ अपने पिता के साथ मारपीट, गालीगलौच और जान से मारने की धमकी देने पर धारा 115(2)/351(2)/352 के तहत केस दर्ज कर लिया है।
पूर्व सैनिक संगठन ने भी मामले में कार्रवाई के लिए सीओ अंकित कंडारी को ज्ञापन भी दिया है।
सवाल उठता है कि आखिर पूर्व सैनिक पिता के साथ ऐसी नौबत क्यों आई? इसकी कई वजह हो सकती हैं। लेकिन एक बड़ी वजह यह है कि देश सेवा में तो बुजुर्ग नंदाबल्लभ पांडेय सफल रहे लेकिन बेटे को परवरिश देने में कहीं न कहीं चूक गए।
आज जो बेटा उन्हें पैसों के लिए मार रहा है, काश उस बेटे के दिमाग में पैसों का ये कीड़ा पैदा होने से पहले ही नंदाबल्लभ पांडेय ने कुचल दिया होता, तो आज कम से कम ये नौबत तो नहीं आती।
बुजुर्ग पूर्व सैनिक नंदाबल्लभ पांडेय के लिए उत्तराखंड के हर भले मानुष की हमदर्दी है। भगवान उन्हें अंतिम समय में हर कष्ट से दूर करे। लेकिन एक सच यह है कि आज हमारे समाज में बुजुर्गों के साथ अमानवीय कृत्यों की कमी नहीं है। यह वारदात तो वीडियो के जरिए बाहर आ गई लेकिन आज भी गांव से लेकर शहरों तक में कई बुजुर्ग घरों में यातना झेल रहे हैं।
इनके बेटे बहु समाज में तो एक ऐसी छवि बनाए हुए हैं कि हर कोई उनका गुणगान करता फिरता है लेकिन सच्चाई यह है कि उनके बुजुर्ग घर की चारदीवारी में नर्क भोग रहे हैं। पहाड़ से लेकर मैदान में आपको कई ऐसे परिवार मिल जाएंगे जहां बुजुर्गों का जीवन कष्ट में है।
समाज में रिश्तों के दरकने के ऐसे मामलों के कई कारण हो सकते हैं। पहला और बड़ा कारण तो परवरिश से जुड़ा है। घर में बेटा हो गया , इस खुशी में उसे अनुशासन और संस्कारों वाली परवरिश देना न भूलें। बच्चे के सामने हमेशा वही व्यवहार करें जो आप खुद के साथ देखना चाहते हैं।
बच्चों को बताएं कि पैसा जरूरी है लेकिन रिश्ते उससे ज्यादा जरूरी हैं। बच्चों के दिमाग से पैसे के भूत को बचपन से ही उतार दीजिए। बेटा और बेटी में फर्क करना भी कई बार मां बाप के लिए बुढ़ापे में दुखदाई साबित होता है।